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Sanju Samson : करो या मरो’ की स्थिति , दबाव में एक शानदार प्रदर्शन की चुनौती

Sanju Samson : करो या मरो’ की स्थिति , दबाव में एक शानदार प्रदर्शन की चुनौती

Sanju Samson

Sanju Samson एक भारतीय क्रिकेटर हैं जिन्होंने 10 साल पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था, लेकिन उनके प्रदर्शन का स्तर अब भी आशा के अनुरूप नहीं है। वह अपने आक्रामक खेल और विकेटकीपिंग कौशल के लिए जाने जाते हैं। हालांकि, उन्हें भारतीय टीम में लगातार मौका नहीं मिला है, जिससे उनका प्रदर्शन असंतोषजनक रहा है। आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स के कप्तान के रूप में उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।

दूसरे T20 अंतरराष्ट्रीय मैच में चोटिल शुभमन गिल की जगह आए संजू पहली ही गेंद पर क्लीन बोल्ड हो गए और मंगलवार को ऋषभ पंत की जगह खेलते हुए चामिंडू विक्रमसिंघे के हाथों कैच आउट हो गए।सोशल मीडिया पर उनके प्रशंसकों की न्याय की मांग के बावजूद, सैमसन के प्रदर्शन मानकों पर खरे नहीं उतर रहे हैं। लगातार दो मैचों में शून्य पर आउट होना किसी भी खिलाड़ी के लिए कठिन होता है, विशेषकर जब खेलने के मौके कम हों। दूसरे T20 में गोल्डन डक और अगले मैच में चार गेंदों में शून्य पर आउट होना संजू के लिए निराशाजनक है।

एक दशक का संघर्ष :

Sanju Samson ने लगभग 10 साल पहले भारतीय टीम में पदार्पण किया था। इस दौरान उन्हें नियमित अवसर नहीं मिले। पूर्व भारतीय पेसर तिनु योहानन का कहना है कि संजू को कभी भी लंबा मौका नहीं मिला। हर मैच उनके लिए करो या मरो का खेल होता है। लगभग हर बार जब वह बल्लेबाजी करने आते हैं, वह दबाव की स्थिति में होते हैं।

योहानन ने कहा, “वह जब राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हैं तो अधिक आत्मविश्वास दिखाते हैं। इसका कारण शायद कप्तानी की जिम्मेदारी हो, लेकिन भारतीय टीम में वह इस प्रदर्शन को दोहरा नहीं पाते। योहानन के अनुसार, संजू सैमसन ऐसी स्थिति में हैं जहाँ हर मैच उनके लिए आखिरी साबित हो सकता है। सच्चाई तो यह है कि इसमें कोई झूठ नहीं है।

आईपीएल में चमक, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में निराशा :

Sanju Samson

आईपीएल में संजू सैमसन का प्रदर्शन शानदार रहा है। राजस्थान रॉयल्स के कप्तान के रूप में वह अपने रोल को अच्छी तरह से जानते हैं और बिना किसी दबाव के खेलते हैं। लेकिन भारतीय टीम में उनकी भूमिका स्पष्ट नहीं होती। टीम प्रबंधन के समर्थन के बिना, लगातार अच्छा प्रदर्शन करना मुश्किल होता है।

संजू सैमसन को अपनी जगह के लिए बहुत अधिक प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है। ऋषभ पंत, इशान किशन और जितेश शर्मा जैसे खिलाड़ियों के बीच सैमसन का मुकाबला पहले खुद से है। वह एक ऐसा खिलाड़ी हैं जो दबाव में नहीं आते। वह अपने दिमाग को स्वतंत्र रखते हैं और बिना किसी बंधन के खेलते हैं।

उन्होंने अपनी आखिरी वनडे (दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ) में शतक बनाया था, लेकिन इसके बावजूद उन्हें वनडे टीम में नहीं चुना गया। अब वह खेल दर खेल आगे बढ़ते हैं और परिणामों की चिंता नहीं करते।

संजू को चाहिए टीम का समर्थन :

योहानन का मानना है कि संजू को एक लंबे समय तक समर्थन मिलना चाहिए। उन्हें लगातार खेलने का मौका मिलना चाहिए ताकि वह दबावमुक्त होकर खेल सकें और अपने प्रदर्शन को सुधार सकें। आईपीएल में उनकी भूमिका स्पष्ट होती है, लेकिन भारतीय टीम में उन्हें यह स्पष्टता नहीं मिलती।

संजू सैमसन के लिए यह समय बहुत महत्वपूर्ण है। उन्हें अपनी जगह के लिए संघर्ष करना होगा और भारतीय टीम में लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा। यह सिर्फ उनके प्रशंसकों के लिए ही नहीं, बल्कि उनके खुद के लिए भी महत्वपूर्ण है कि वह अपने प्रदर्शन को सुधारें और भारतीय क्रिकेट में अपनी पहचान बनाएं।

संजू सैमसन (Sanju Samson ) एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं, लेकिन उन्हें अपनी क्षमता को साबित करने के लिए निरंतर समर्थन और अवसर की आवश्यकता है। यदि उन्हें लंबी अवधि तक समर्थन मिलता है, तो वह निश्चित रूप से भारतीय क्रिकेट में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। हालाँकि , वर्तमान में वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी जगह पक्की करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

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