Akshaya Tritiya 2025 : अक्षय तृतीया पर विवाह करना कितना शुभ होता है? जानें महत्व, मुहूर्त और विशेष उपाय
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और पवित्र दिन माना जाता है। यह तिथि वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को आती है और इस दिन का हर व्यक्ति बड़ी बेसब्री से इंतजार करता है। वर्ष 2025 में अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को पड़ रही है। इस दिन को विशेष रूप से विवाह, नई शुरुआत, सोना-चांदी की खरीदारी, बही खाता पूजन, भूमि पूजन, वाहन खरीद आदि के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
लेकिन विशेष रूप से यदि बात विवाह की करें तो अक्षय तृतीया को “अबूझ मुहूर्त” यानी बिना किसी विशेष मुहूर्त के विवाह करने योग्य तिथि माना गया है। आइए विस्तार से जानते हैं कि अक्षय तृतीया पर विवाह क्यों इतना शुभ होता है, इसका धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व क्या है, इस दिन विवाह करने के लाभ क्या हैं, और किन विशेष उपायों से विवाह में आ रही अड़चनों को दूर किया जा सकता है।
1. अक्षय तृतीया का महत्व (Akshaya Tritiya 2025 Significance)
‘अक्षय’ का अर्थ होता है – जिसका कभी क्षय न हो, अर्थात् जो सदा स्थायी और फलदायक रहे। इसलिए इस दिन किए गए शुभ कार्यों का फल अनंत और अक्षय होता है। यही कारण है कि लोग इस दिन:
-
विवाह करते हैं
-
नया व्यापार शुरू करते हैं
-
भूमि या वाहन की खरीदी करते हैं
-
स्वर्ण (सोना) या चांदी की खरीद करते हैं
-
धार्मिक कार्य, जप-तप, दान करते हैं
2. अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2025) पर विवाह का शुभ मुहूर्त
वर्ष 2025 में अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को है। चूंकि यह दिन अबूझ मुहूर्त होता है, इसलिए पूरे दिन विवाह के लिए शुभ माना जाता है। फिर भी ज्योतिषीय दृष्टि से दिन के विशेष शुभ समय की गणना निम्न प्रकार है:
-
तारीख: 30 अप्रैल 2025 (बुधवार)
-
शुभ मुहूर्त आरंभ: प्रातः 05:50 बजे
-
शुभ मुहूर्त समाप्त: रात्रि 12:12 बजे तक
-
पंचांग के अनुसार: तृतीया तिथि, रोहिणी नक्षत्र, शुभ योग
ध्यान दें कि अक्षय तृतीया को बिना पंचांग देखे भी विवाह किया जा सकता है क्योंकि यह ‘सर्वसिद्ध मुहूर्त’ होता है।
3. अक्षय तृतीया पर विवाह क्यों शुभ है? (Why is Akshaya Tritiya Auspicious for Marriage?)
धार्मिक मान्यता:
-
इस दिन भगवान विष्णु ने परशुराम अवतार लिया था।
-
माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का विवाह भी इसी दिन हुआ था।
-
त्रेता युग का आरंभ अक्षय तृतीया से हुआ था।
-
महाभारत के समय पांडवों को अक्षय पात्र प्राप्त हुआ था।
इन घटनाओं के कारण यह दिन अत्यंत पुण्यदायक माना गया है।
ज्योतिषीय कारण:
-
इस दिन सूर्य और चंद्रमा अपनी उच्च स्थिति में रहते हैं यानी दोनों ग्रह अपनी पूरी चमक और शक्ति के साथ प्रभाव डालते हैं।
-
सूर्य आत्मा का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि चंद्रमा मन और भावनाओं का।
-
इन दोनों का शुभ प्रभाव विवाह को स्थिरता, प्रेम, भावनात्मक संतुलन और दीर्घायु बनाता है।
4. अबूझ मुहूर्त का विशेष अर्थ (Meaning of Abujh Muhurat)
‘अबूझ’ मुहूर्त का तात्पर्य है कि इस दिन कोई भी शुभ कार्य बिना मुहूर्त निकाले किया जा सकता है। विशेष रूप से:
-
जब किसी की कुंडली नहीं मिलती
-
किसी को मांगलिक दोष हो
-
पूरे साल विवाह का शुभ योग न बन रहा हो
तो भी इस दिन विवाह किया जा सकता है और फलदायक माना जाता है।
5. मांगलिक दोष और कुंडली न मिलने की स्थिति में विवाह (Marriage Despite Kundali Mismatch or Manglik Dosha)
मांगलिक दोष क्या है?
-
यदि मंगल ग्रह जन्म कुंडली के 1, 4, 7, 8 या 12वें घर में स्थित हो तो व्यक्ति मांगलिक कहलाता है।
-
ऐसी स्थिति में विवाह में बाधाएं आती हैं और वैवाहिक जीवन में कलह की संभावना होती है।
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का समाधान:
-
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन विवाह करने से मांगलिक दोष और कुंडली दोषों का नाश हो जाता है।
-
यह दिन ‘कृपा-पूर्ण’ होता है, और सभी दोषों का परिहार माना जाता है।
-
यही कारण है कि बहुत से लोग जिनकी कुंडली नहीं मिल रही होती, वे इसी दिन विवाह करना पसंद करते हैं।
6. विवाह के इच्छुक युवक-युवतियों के लिए उपाय (Effective Remedies on Akshaya Tritiya for Marriage)
(1) रुद्राभिषेक करें:
-
भगवान शिव और माता पार्वती का रुद्राभिषेक करें।
-
दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से अभिषेक करें और विवाह की कामना करें।
(2) मिट्टी का घड़ा दान करें:
-
किसी शिव मंदिर में या गरीब व्यक्ति को जल से भरा मिट्टी का घड़ा दान करें।
-
इससे आपके विवाह में आ रही बाधाएं दूर होंगी और रिश्ते जल्दी तय होंगे।
(3) नारियल और बरगद उपाय:
-
अपने हाथ में एक नारियल लें, और अपने इष्टदेव का ध्यान करते हुए अपना नाम व गोत्र बोलें।
-
इसके बाद बरगद के पेड़ के चारों ओर सात फेरे लगाएं।
-
फिर नारियल को उस पेड़ की जड़ में रख दें।
-
इससे विवाह में आ रही अड़चनें दूर होंगी और योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होगी।
(4) व्रत और जप:
-
इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
-
‘ॐ लक्ष्मीनारायणाय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
7. विवाह के बाद अक्षय तृतीया के प्रभाव (Post-marriage Impact of Akshaya Tritiya Wedding)
-
जीवनभर प्रेम और सामंजस्य बना रहता है।
-
वैवाहिक जीवन में आर्थिक समृद्धि और सुख-शांति आती है।
-
आपसी समझ और भरोसा मजबूत होता है।
-
दंपत्ति को अच्छे संतान सुख की प्राप्ति होती है।
8. विवाह के अलावा इस दिन कौन-कौन से कार्य करें?
-
सोना-चांदी खरीदें
-
नया व्यापार शुरू करें
-
भूमि या मकान की खरीद
-
वाहन की खरीदी
-
शिक्षा या नौकरी की शुरुआत
-
व्रत और दान
9. अक्षय तृतीया से जुड़े धार्मिक अनुष्ठान (Religious Rituals on Akshaya Tritiya)
-
गंगा स्नान करें और दान दें
-
तुलसी के पौधे में जल अर्पित करें
-
माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का पूजन करें
-
गरीबों को अन्न, वस्त्र, स्वर्ण, जल पात्र, छाता, चप्पल आदि दान करें
10. निष्कर्ष (Conclusion):
वर्ष 2025 में 30 अप्रैल को आने वाली अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) एक अद्वितीय अवसर है। यदि आप विवाह की योजना बना रहे हैं और पंचांग या कुंडली के कारण रुकावटें आ रही हैं, तो यह दिन आपके लिए वरदान से कम नहीं है। यह अबूझ मुहूर्त न केवल बेमेल कुंडली वालों के लिए अवसर है, बल्कि हर व्यक्ति के लिए अपने वैवाहिक जीवन को सुखमय और समृद्ध बनाने का एक पवित्र समय है। धार्मिक आस्था, ज्योतिषीय सिद्धांत और परंपराएं – सभी इस दिन को विवाह के लिए श्रेष्ठ मानती हैं। अतः इस दिन को उचित पूजन और उपायों के साथ मनाएं और अपने जीवन को एक शुभ आरंभ दें।
To know about the news Benefits of soaking Dry Fruits , refer to the link below –
https://khabarhartaraf.com/benefits-of-soaking-dry-fruits/
To know more about this news , refer to the link below –
https://youtube.com/shorts/NZDBflkdynI?si=02uxLA8nw8dHSUQ8