Ayodhya Deepotsav 2024 : एक दीया राम के नाम’ के साथ ऑनलाइन दीपदान , घर पहुंचेगा रामलला का प्रसाद – भक्ति और आस्था का अद्वितीय संगम
Ayodhya Deepotsav 2024 : एक दीया राम के नाम’ के साथ ऑनलाइन दीपदान , घर पहुंचेगा रामलला का प्रसाद – भक्ति और आस्था का अद्वितीय संगम
Ayodhya Deepotsav : अयोध्या, भगवान राम की जन्मस्थली, हर साल दीपावली से कुछ दिन पहले दीपोत्सव के रूप में एक ऐतिहासिक और भव्य उत्सव का आयोजन करती है। इस पावन अवसर पर अयोध्या नगरी की सरयू नदी के तट पर लाखों दीयों की रोशनी से सजी दृश्यावली श्रद्धालुओं के दिलों में आस्था और भक्ति का नया जोश भर देती है। इस वर्ष भी दीपोत्सव-2024 का आयोजन 30 अक्टूबर को किया जा रहा है, जो विश्वभर से लाखों श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है।
जिन श्रद्धालुओं का अयोध्या आना संभव नहीं है, उनके लिए ऑनलाइन दीपदान की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जहां वे ‘एक दीया राम के नाम’ के माध्यम से दीपोत्सव में अपनी सहभागिता निभा सकते हैं और घर बैठे रामलला का प्रसाद भी प्राप्त कर सकते हैं।
दीपोत्सव 2024 : ऑनलाइन दीपदान की सुविधा
पिछले कुछ वर्षों से, अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा छोटी दीपावली के अवसर पर सरयू तट पर दीपोत्सव का आयोजन किया जाता है। यह आयोजन श्रद्धालुओं को भगवान राम के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करने और इस महापर्व में भाग लेने का एक विशेष अवसर प्रदान करता है। हालांकि, अनेकों श्रद्धालु देश-विदेश से यहां आकर दीप जलाने की इच्छा रखते हैं, लेकिन विभिन्न कारणों से वे स्वयं अयोध्या नहीं आ पाते।
इसे ध्यान में रखते हुए, अयोध्या विकास प्राधिकरण ने एक अनूठी योजना बनाई है, जिससे श्रद्धालु ऑनलाइन माध्यम से ‘एक दीया राम के नाम’ कार्यक्रम में हिस्सा ले सकते हैं। इस कार्यक्रम के तहत श्रद्धालु http://www.divyaayodhya.com/bookdiyaprashad लिंक पर जाकर अपनी स्वेच्छानुसार दीपदान कर सकते हैं।
घर बैठे मिलेगा रामलला का प्रसाद :
जो श्रद्धालु ऑनलाइन दीपदान करते हैं, उन्हें अयोध्या दीपोत्सव (Ayodhya Deepotsav) के इस अद्वितीय पर्व का प्रसाद भी भेजा जाएगा। इस प्रसाद का निर्माण उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा किया जाएगा, जो ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर भी प्रदान करता है। यह प्रसाद ऑनलाइन दीपदान करने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष आशीर्वाद के रूप में भेजा जाएगा, जिससे वे घर बैठे ही भगवान राम के प्रति अपनी आस्था और भक्ति व्यक्त कर सकते हैं।
22 समितियों द्वारा दीपोत्सव की भव्य तैयारियाँ :
अयोध्या दीपोत्सव 2024 (Ayodhya Deepotsav) के सफल आयोजन के लिए डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल के निर्देशन में 22 समितियों का गठन किया है। इन समितियों में समन्वय समिति, अनुशासन समिति, सुरक्षा समिति, सामग्री वितरण समिति, दीप गणना समिति, भोजन समिति, यातायात समिति, स्वच्छता समिति, फोटोग्राफी एवं मीडिया समिति, त्वरित कार्यवाही बल समिति, प्राथमिक चिकित्सा समिति, साजसज्जा/रंगोली समिति, पर्यवेक्षक समिति, अग्निशमन समिति, समग्र नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण समिति, कार्यालय समिति, निविदा एवं क्रय समिति, वालंटियर एवं आईकार्ड समिति, इंस्टीटयूशनल कोआर्डिनेशन समिति, प्रशिक्षण समिति, सामग्री प्राप्ति/स्टोरेज/अवशेष समिति एवं घाट चिन्हांकन समिति शामिल हैं।
इन समितियों के संयोजक और सदस्य दिन-रात युद्धस्तर पर कार्य कर रहे हैं, ताकि दीपोत्सव को एक अलौकिक अनुभव बनाया जा सके। समितियों का यह समूह दीपोत्सव के हर पहलू पर ध्यान दे रहा है, चाहे वह सुरक्षा, स्वच्छता, या घाटों की सजावट हो। सभी कार्यकर्ता इस भव्य महोत्सव को एक यादगार और अद्वितीय अनुभव बनाने में जुटे हुए हैं।
राम की पैड़ी पर 80% मार्किंग पूरी :
दीपोत्सव के भव्य आयोजन के लिए राम की पैड़ी और घाटों पर चिन्हांकन का कार्य भी तेज़ी से हो रहा है। दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो. संत शरण मिश्र ने बताया कि घाट चिन्हांकन समिति के संयोजक डॉ. रंजन सिंह के निर्देशन में राम की पैड़ी के दोनों ओर घाटों पर मार्किंग का कार्य जारी है। इस वर्ष कुल 55 घाटों पर दीये जलाए जाने हैं, और अब तक 80% मार्किंग का कार्य पूरा हो चुका है। इन घाटों पर 25 लाख दीप प्रज्ज्वलित करने की योजना है, जिसके लिए 28 लाख दीयों की व्यवस्था की जा रही है। यह आयोजन न केवल अयोध्या, बल्कि देश-विदेश के श्रद्धालुओं के लिए एक अद्वितीय धार्मिक अनुभव प्रदान करेगा।
दीपोत्सव का महत्व और इतिहास :
दीपोत्सव केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और धर्म की महानता का प्रतीक भी है। अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन तब से किया जा रहा है, जब भगवान राम 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। तब अयोध्यावासियों ने पूरे नगर को दीयों की रोशनी से सजाया था और भगवान राम के स्वागत में यह उत्सव मनाया था। यही परंपरा आज भी जारी है, और हर साल अयोध्या नगरी दीपों की रोशनी से सजती है, जो श्रद्धालुओं को भगवान राम के प्रति अपनी आस्था और भक्ति व्यक्त करने का अवसर प्रदान करती है।
‘एक दीया राम के नाम’ : ऑनलाइन दीपदान का उद्देश्य
इस वर्ष भी ‘एक दीया राम के नाम’ कार्यक्रम का उद्देश्य देश और विदेश में बसे उन श्रद्धालुओं को दीपोत्सव में भागीदारी का अवसर प्रदान करना है, जो व्यक्तिगत रूप से अयोध्या नहीं आ सकते। यह कार्यक्रम विशेष रूप से उन भक्तों के लिए है, जो अपनी व्यस्तताओं या अन्य कारणों से दीपोत्सव में शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं हो पाते। ऑनलाइन दीपदान की सुविधा के माध्यम से वे अपने घर से ही इस महापर्व में शामिल हो सकते हैं और भगवान राम के प्रति अपनी भक्ति प्रकट कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार की पहल :
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अयोध्या को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के प्रयास जारी हैं। दीपोत्सव का आयोजन इस दिशा में एक बड़ा कदम है, जो न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देता है, बल्कि अयोध्या को वैश्विक पटल पर भी एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाने में सहायक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या दीपोत्सव हर साल और अधिक भव्यता और आकर्षण के साथ आयोजित किया जा रहा है।
25 लाख दीयों की रोशनी में सरयू तट का अद्भुत नजारा :
इस वर्ष दीपोत्सव में लगभग 25 लाख दीये जलाने की योजना है। ये दीये सरयू तट के घाटों पर प्रज्ज्वलित किए जाएंगे, जिससे पूरे तट की अद्भुत छवि उभरकर सामने आएगी। 55 घाटों पर चिन्हित स्थानों पर दीये जलाने की पूरी तैयारी की जा रही है। यह नजारा श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक और भव्य अनुभव होगा, जो उन्हें भगवान राम के युग में ले जाएगा और उनकी भक्ति को और गहरा करेगा।
दीपोत्सव के माध्यम से सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का संरक्षण :
अयोध्या दीपोत्सव (Ayodhya Deepotsav) न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, कला, और धार्मिक धरोहर के संरक्षण का भी प्रतीक है। इस महोत्सव के दौरान अयोध्या में लोक नृत्य, संगीत, रंगोली, और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जो भारत की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करता है। इसके माध्यम से आने वाली पीढ़ियों को भारतीय संस्कृति और धर्म के महत्व से अवगत कराया जाता है, ताकि वे इसे समझें और संरक्षित करें।
अयोध्या दीपोत्सव 2024 (Ayodhya Deepotsav) भक्ति, आस्था, और भारतीय संस्कृति का एक अद्वितीय संगम है। इस महापर्व के दौरान सरयू तट की रोशनी, श्रद्धालुओं की भक्ति, और भगवान राम की उपस्थिति का एहसास एक ऐसा अनुभव है, जिसे शब्दों में व्यक्त करना कठिन है। जो श्रद्धालु व्यक्तिगत रूप से अयोध्या नहीं आ सकते, उनके लिए ऑनलाइन दीपदान और घर बैठे प्रसाद प्राप्त करना इस महोत्सव में भाग लेने का सुनहरा अवसर है।
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