Bihar Bridge Collapse : भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बनने वाला पूल गिरने से उठे सवाल
Bihar Bridge Collapse होने की खबर आ रही है जो की PM Modi की एक महात्वाकांक्षी परियोजना भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बन रही है। बिहार के सुपौल और मधुबनी को कोसी नदी के ऊपर से जोड़ने वाले इस पुल को इसी साल बनकर तौयार हो जाने का लक्ष्य रखा गया था।
क्या है भारतमाला परियोजना :
केंद्रीय भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की देश के 17 राज्योंके तटीय एवं सीमा क्षेत्रों से गुजरने वाले 7 हज़्ज़ार किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण की परियोजना का नाम है भारतमाला परोयोजना। इस परियोजना में भारत की सीमाओं पर सड़कों , तटीय क्षेत्रों , बंदरगाहों , धार्मिक पर्यटन स्थलों में से 25,000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जायेगा। इसे 100 से अधिक जिला मुख्यालयों से जोड़ने का भी कार्य शामिल है।
यह परियोजना गुजरात और राजस्थान से शुरू होकर पंजाब की और चलेगी और फिर पुरे हिमालयी राज्यों – जम्मू कश्मीर , हिमाचल प्रदेश , उत्तराँचल , उत्तरप्रदेश और बिहार की सीमाओं को कवर करेगी।
यह प्रोजेक्ट परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की और से 1200 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है। इसकी लम्बाई 10.2 किलोमीटर से भी जयादा है। एप्रोच रोड मिलकर पुल की लम्बाई 13,3 किलोमीटर हो जाएगी। पुल का निर्माण ट्रांस रेल कंपनी के अंडर हो रहा है।
Bihar Bridge Collapse होने की वजह :
लोकसभा चुनाव नजदीक आ चुका है ऐसे में केंद्र सरकार के भारतमाला प्रोजेक्ट के अंतर्गत बनने वाले देश के सबसे बड़े पुल का एक बड़ा हिस्सा गिर जाने से विपक्षी दलों को सरकार के खिलाफ एक मुद्दा मिल गया है।
कोसी नदी के ऊपर बननेवाले पुल का बड़ा हिस्सा जिसे गार्डर कहते हैं , गिर गया है। इस Bihar Bridge Collapse से एक मजदूर की मौत हो गयी है। वहीँ 9 से जयादा मजदुर घायल अवस्था में अस्पताल में इलाजरत हैं। तीन से चार मजदुर अभी भी गार्डर के नीचे दबे हुए हैं। स्थानीय लोगों से बातचीत करने पर पता चला की वह बार बार engineers से बोल रहे थे काम की गुणवत्ता ठीक नहीं है। इस्तेमाल किये जा रहे सामान भी लौ क्वालिटी के थे। पर उन लोगों की एक न सुनी गयी। नतीजा सबके सामने है।
Bihar Bridge Collapse होने से विपक्ष और जनता ने यह सवाल उठाना शुरू कर दिया है की , गुणवत्ता का ख्याल क्यों नहीं रखा गया। सुपौल के जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दे दिए हैं। सदर के SDM इंद्रवीर कुमार ने कहा की मधुबनी के भेजा से क्रेन मंगवाई गयी है। गार्डर उठने के बाद Bihar Bridge Collapse की सारी बातें स्पष्ट हो जाएँगी। लोगों का कहना की हादसे के बाद कंपनी के अधिकारी और अभियंता अभी तक मौके पर नहीं आये हैं। चुकी पुल के पुरे निर्माण कार्य को 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था पर कोरोना और बाढ़ की वजह से पुल के निर्माण कार्य का समय बढ़ गया ।
शाहनवाज़ हुसैन का बयान :
सुपौल कोसी नदी Bihar Bridge Collapse हो जाने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज़ हुसैन ने कहा की यह घटना अत्यंत दुखद और पीड़ादायक है। मैं यह दुआ कर रहा हूँ की हादसे की जद में आये लोग सलामत हो और उन्हें सुरक्षित निकाल लिया जाए।
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