Bihar Jeevika Didi 2025 : नीतीश सरकार की शानदार योजना , हजारों महिलाओं को जीविका से मिला रोजगार , बदल रही जिंदगी
Bihar Jeevika Didi 2025 : नीतीश सरकार की शानदार योजना , हजारों महिलाओं को जीविका से मिला रोजगार , बदल रही जिंदगी
बिहार सरकार महिलाओं के सशक्तिक रण और आत्मनिर्भरता के लिए अनेक योजनाएं चला रही है। इनमें सबसे प्रभावी और लोकप्रिय योजना है जीविका दीदियों की पहल। यह योजना न केवल महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान कर रही है, बल्कि उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति को भी मजबूत बना रही है। बिहार के नरकटियागंज क्षेत्र में जीविका दीदियों की सफलता इसकी एक उत्कृष्ट मिसाल है। इस लेख में हम जीविका दीदियों की यात्रा, उनके योगदान और उनके जीवन में आए बदलावों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
बिहार जीविका दीदियों ( Bihar Jeevika Didi) का परिचय और उद्देश्य जीविका योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को स्वावलंबी बनाना और उन्हें विभिन्न प्रकार के रोजगार से जोड़ना है। स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups) के माध्यम से महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाता है और आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
बिहार के नरकटियागंज में लगभग 30,000 महिलाएं इस योजना से जुड़ी हुई हैं। इनमें से 16,457 महिलाओं को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध कराया गया है। इन महिलाओं में से 11,500 महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। यह योजना न केवल रोजगार देती है, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक मंच प्रदान करती है।
जीविका दीदियों (Jeevika Didi) की विविधता जीविका योजना के तहत महिलाएं अनेक प्रकार के कार्यों से जुड़ी हुई हैं। इनमें बकरी पालन, गाय-भैंस पालन, मुर्गी पालन, किराना दुकान, कपड़ा दुकान, श्रृंगार दुकान, ठेला व्यवसाय और बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र (CSP) चलाना शामिल है।
महिलाओं के लिए अवसरों का विस्तार
नरकटियागंज में ग्रामीण सतत जीविकोपार्जन योजना और शहरी सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत महिलाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान किए गए हैं।
- ग्रामीण सतत जीविकोपार्जन योजना: इस योजना से 151 महिलाएं जुड़ी हैं, जो अलग-अलग प्रकार के व्यवसाय कर रही हैं।
- शहरी सतत जीविकोपार्जन योजना: इसमें 18 महिलाओं को शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर दिए गए हैं।
नरकटियागंज की जीविका दीदियां : आत्मनिर्भरता की कहानियां
गोखुला की ऊषा देवी की कहानी
गोखुला गांव की ऊषा देवी एक प्रेरणादायक उदाहरण हैं। उनके चार बच्चे हैं और पति की आमदनी बहुत कम थी। परिवार का भरण-पोषण कठिन हो रहा था। ऐसे समय में उन्हें जीविका योजना के बारे में पता चला। उन्होंने 10,000 रुपये का लोन लिया और श्रृंगार की दुकान खोली। धीरे-धीरे उन्होंने लोन का भुगतान किया और अपनी दुकान को आगे बढ़ाया।
आज ऊषा देवी प्रतिमाह 10,000 रुपये कमा रही हैं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सुधर गई है और उनका सामाजिक स्तर भी ऊंचा हो गया है।
अनुमंडल अस्पताल में दीदी की रसोई
अस्पतालों में भर्ती मरीजों और उनके तीमारदारों के लिए भोजन उपलब्ध कराने के लिए जीविका दीदियों ने “दीदी की रसोई” की शुरुआत की है। यह न केवल रोजगार का साधन है, बल्कि समाज के प्रति उनकी सेवा भावना का भी प्रतीक है।
सफलता के आंकड़े
नरकटियागंज प्रखंड में 2,956 स्वयं सहायता समूहों में लगभग 30,000 महिलाएं जुड़ी हुई हैं। इनमें से:
- 16,457 महिलाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है।
- 11,500 महिलाएं लखपति बन चुकी हैं।
- बकरी पालन, मुर्गी पालन और किराना दुकानों के माध्यम से सैकड़ों महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं।
महिलाओं के जीवन में बदलाव
जीविका दीदी योजना (Jeevika Didi Yojana) से जुड़ने के बाद महिलाओं के जीवन में कई महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं:
- आर्थिक स्वतंत्रता: महिलाएं अब अपनी और अपने परिवार की जरूरतें खुद पूरी कर पा रही हैं।
- सामाजिक स्वीकृति: महिलाओं को अब समाज में अधिक सम्मान और पहचान मिल रही है।
- शिक्षा और स्वास्थ्य: अपनी कमाई से महिलाएं बच्चों की बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का खर्च उठा रही हैं।
विशेष योजनाएं और सुविधाएं
नीतीश सरकार ने शराब के अवैध व्यापार में लिप्त महिलाओं को भी जीविका योजना से जोड़ने का अनूठा प्रयास किया है। इन महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है, ताकि वे वैकल्पिक रोजगार से अपनी आजीविका चला सकें।
अधिकारियों की भूमिका
प्रखंड स्तर पर अधिकारियों ने जीविका योजना को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई है। उनकी देखरेख में महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं और उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
जीविका दीदियों (Jeevika Didi) का भविष्य
जीविका योजना का उद्देश्य केवल वर्तमान में रोजगार प्रदान करना नहीं है, बल्कि महिलाओं को दीर्घकालिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। भविष्य में इस योजना के तहत और अधिक महिलाओं को जोड़ा जाएगा। जीविका योजना बिहार सरकार की एक अनूठी पहल है, जो महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव ला रही है। यह योजना न केवल आर्थिक रूप से महिलाओं को मजबूत बना रही है, बल्कि उन्हें सामाजिक स्तर पर भी ऊपर उठा रही है।
नीतीश सरकार की यह योजना महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीक बन चुकी है। जीविका दीदियों की कहानियां न केवल प्रेरणादायक हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि सही दिशा और समर्थन मिलने पर महिलाएं किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं।
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