Bihar Weather Update : सितंबर में भी नहीं बरसेगी राहत की बारिश, जानें क्या हैं कारण और क्या हैं संभावनाएं
Bihar Weather : मॉनसून का चौथा और आखिरी महीना चल रहा है, और बिहार में बारिश की उम्मीदें धीरे-धीरे धुंधली होती जा रही हैं। बिहार के किसान और आमजन इस बार मॉनसून की बेरुखी से काफी परेशान हैं। पटना स्थित मौसम (Weather) विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक सोनी कुमारी के अनुसार, बिहार में सितंबर में भी भारी बारिश का कोई खास संकेत नहीं है। राज्य के कई हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है, लेकिन भारी बारिश की संभावना लगभग न के बराबर है।
बिहार से नाराज मॉनसून : बारिश का ट्रफ लाइन नहीं दे रहा साथ
मौसम पूर्वानुमान (Weather Forecast ) के अनुसार, मॉनसून की ट्रफ लाइन, जो सामान्यतः उत्तर भारत के ऊपर से गुजरती है, इस बार दक्षिण की ओर खिसक गई है। इस कारण बिहार के बजाय मध्य भारत में बारिश हो रही है। पछुआ हवाओं के मजबूत होने और बंगाल की खाड़ी में बन रहे सिस्टम का बिहार के ऊपर से न गुजरना भी बारिश की कमी का मुख्य कारण है। यही वजह है कि बिहार के किसानों को इस बार कृत्रिम साधनों पर निर्भर रहना पड़ा है। धान की फसल को बचाने के लिए उन्हें सिंचाई के वैकल्पिक साधनों का सहारा लेना पड़ा है।
मॉनसून के सितम्बर का हाल : क्या उम्मीदें बची हैं?
सितंबर का महीना भी किसानों और आम जनता के लिए किसी बड़ी राहत की खबर लेकर आता नहीं दिख रहा है। बिहार में सामान्य से कम बारिश की संभावना है। मॉनसून की ट्रफ लाइन गंगानगर, दक्षिण उड़ीसा, और इससे सटे छत्तीसगढ़ होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है, जिसका प्रभाव बिहार पर नहीं पड़ने की संभावना है। इसी कारण, उत्तर बिहार के कुछ जिलों में हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन दक्षिण बिहार के ज्यादातर जिलों में बूंदाबांदी का ही आसार है।
किसानों की बढ़ती चिंता : कृषि पर गहरा असर
बारिश की कमी से बिहार के किसान सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। धान की फसल के लिए आवश्यक पानी की कमी ने किसानों को परेशान कर दिया है। पिछले तीन महीनों में इतनी कम बारिश हुई कि किसानों को अपनी खेती बचाने के लिए कृत्रिम साधनों का सहारा लेना पड़ा। बिजली और डीजल पंप के माध्यम से सिंचाई की जा रही है, जिससे खेती की लागत बढ़ गई है। इसके अलावा, कम बारिश के कारण मिट्टी की नमी कम हो रही है, जिससे भविष्य की फसलों पर भी असर पड़ सकता है।
आज कहां हो सकती है बारिश?
2 सितंबर के दिन, उत्तर बिहार के कुछ जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। सुपौल, अररिया, किशनगंज, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया और कटिहार के अनेक स्थानों में मध्यम वर्षा हो सकती है। इसके अलावा, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, समस्तीपुर और वैशाली जिले के एक या दो स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है। दक्षिण बिहार के जिलों में कहीं-कहीं छिटपुट बूंदाबांदी का आसार है।
क्या हो सकते हैं अगले कदम?
मौसम की अनिश्चितता को देखते हुए, किसानों को फसलों की सुरक्षा के लिए सिंचाई के वैकल्पिक साधनों को अपनाने की आवश्यकता है। सरकार और स्थानीय प्रशासन को भी किसानों की सहायता के लिए आगे आना चाहिए, ताकि वे अपनी फसलों को बचा सकें और भविष्य में ऐसी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रह सकें।
बिहार की मानसून यात्रा : संभावनाओं और उम्मीदों का अंत
मॉनसून का चौथा और अंतिम महीना भी बिहार में लोगों के लिए निराशाजनक साबित हो रहा है। बारिश की कमी ने राज्य के किसानों को गहरे संकट में डाल दिया है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, आने वाले दिनों में भी बारिश की कोई खास संभावना नहीं दिख रही है, जिससे राज्य के लोगों की चिंताएं और बढ़ गई हैं।
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