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Cabbage Farming : गोभी की खेती में कीटों से बचाव के 5 उपाय और उच्च उपज के लिए विशेषज्ञ सलाह

Cabbage Farming : गोभी की खेती में कीटों से बचाव के 5 उपाय और उच्च उपज के लिए विशेषज्ञ सलाह

Cabbage Farming

Cabbage Farming Suggestion : गोभी (Cabbage) की खेती भारत में सबसे लोकप्रिय सब्जियों में से एक है। इसकी खेती मुख्यतः ठंडे मौसम में की जाती है, और यह किसानों के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत है। परंतु गोभी की खेती में कीट और रोग एक बड़ी चुनौती बन सकते हैं। विशेष रूप से बिहार जैसे राज्यों में, जहां किसान बड़े पैमाने पर गोभी की खेती करते हैं, वहां कीटों का प्रकोप अक्सर फसल को बर्बाद कर देता है।

इस लेख में हम गोभी की खेती के दौरान कीटों से होने वाले नुकसान, उनके कारण, रोकथाम के उपाय, और उच्च गुणवत्ता वाली उपज प्राप्त करने के लिए आवश्यक दवाओं और अन्य महत्वपूर्ण तकनीकों पर चर्चा करेंगे।

गोभी की खेती (Cabbage Farming) : बिहार में विशेष स्थिति

बिहार के औरंगाबाद जिले में सब्जी की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। यहां किसान हाइब्रिड किस्मों का उपयोग करते हैं, जो कम समय में अधिक उत्पादन देती हैं। जिले के प्रमुख प्रखंड, जैसे ओबरा, कुटुंबा, मदनपुर, और देव, में गोभी की खेती एक प्रमुख कृषि गतिविधि है। यहां किसान 70-80 दिनों की मेहनत के बाद गोभी की फसल तैयार करते हैं, लेकिन मौसम के बदलाव और कीट प्रकोप से उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है।

गोभी की खेती (Cabbage Farming) में कीटों की समस्या

गोभी की फसल में सबसे बड़ी समस्या तनों और पत्तियों में लगने वाले कीड़े हैं। ये कीट न केवल फसल की वृद्धि को प्रभावित करते हैं बल्कि उपज की गुणवत्ता को भी खराब कर देते हैं।

गोभी में लगने वाले प्रमुख कीट:

  1. डायमंडबैक मॉथ (Diamondback Moth):
    यह कीट पत्तियों पर अंडे देता है, और इसकी सूंडियां पत्तियों को खा जाती हैं। इससे फसल की गुणवत्ता खराब होती है।
  2. कैबेज वॉर्म (Cabbage Worm):
    यह तनों और पत्तियों में सुरंग बनाकर फसल को नष्ट कर देता है।
  3. एफिड्स (Aphids):
    यह छोटे आकार का कीट है, जो पत्तियों से रस चूसता है और फसल को कमजोर बना देता है।
  4. कटरपिलर (Caterpillar):
    यह गोभी के तनों और फल को खा जाता है, जिससे उत्पादन में भारी कमी होती है।

कीटों से होने वाले नुकसान:

  • पत्तियों का पीला और सूखा होना।
  • तनों और फल में सुरंग बनना।
  • गोभी का आकार छोटा होना और गुणवत्ता का गिरना।
  • फसल की बिक्री योग्य मात्रा में कमी।

कीटों से बचाव के लिए आवश्यक उपाय

Cabbage Farming

1. फसल चक्र अपनाना (Crop Rotation):

फसल चक्र अपनाने से कीटों के जीवन चक्र को तोड़ा जा सकता है। गोभी के बाद दलहन या गेहूं की खेती करने से कीटों की संख्या में कमी आती है।

2. समय पर नर्सरी की देखभाल:

गोभी की नर्सरी में बीजों का चयन और सही देखभाल करना महत्वपूर्ण है। बीजों को बोने से पहले उन्हें फफूंदनाशक दवाओं से उपचारित करना चाहिए।

3. जैविक कीटनाशक का उपयोग:

नीम के तेल, ट्राइकोडर्मा, और बिवेरिया बैसियाना जैसे जैविक कीटनाशकों का उपयोग कीटों को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।

4. फसल अवशेष का निपटान:

फसल कटाई के बाद बचे हुए अवशेषों को नष्ट करना चाहिए, क्योंकि इनमें कीटों के अंडे और सूंडियां हो सकती हैं।

5. पौधों का निरीक्षण:

फसल के नियमित निरीक्षण से कीटों के प्रारंभिक लक्षणों को पहचाना जा सकता है और समय पर उपचार किया जा सकता है।

कीटनाशक दवाओं का उपयोग

गोभी में कीटों से बचाव के लिए विशेषज्ञों द्वारा निम्नलिखित कीटनाशकों का उपयोग करने की सलाह दी जाती है:

  1. थियामेथोक्सम (Thiamethoxam):
    यह एक प्रभावी कीटनाशक है, जो पत्तियों पर लगने वाले कीड़ों को नियंत्रित करता है।
  2. लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन (Lambda Cyhalothrin):
    यह कीटनाशक तनों और फलों में लगने वाले कीड़ों को रोकने में मदद करता है।
  3. इमिडाक्लोप्रिड (Imidacloprid):
    यह रस चूसने वाले कीटों, जैसे एफिड्स, के लिए प्रभावी है।
  4. क्विनालफॉस (Quinalphos):
    यह व्यापक स्पेक्ट्रम कीटनाशक है, जो कई प्रकार के कीटों को नष्ट करता है।
  5. डाइथेन-45 (Dithane-45):
    यह फफूंदनाशक दवा है, जो फसल को रोगों से बचाती है।

दवाओं का छिड़काव करने का तरीका:

  • दवा के निर्देशानुसार मात्रा को पानी में घोलकर छिड़काव करें।
  • छिड़काव सुबह या शाम के समय करना चाहिए।
  • दवा का छिड़काव करते समय हाथों और आंखों की सुरक्षा के लिए दस्ताने और चश्मे का उपयोग करें।

कीट प्रबंधन में जैविक विकल्प

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किसान रसायनों के स्थान पर जैविक उपायों का भी उपयोग कर सकते हैं।

  • नीम का तेल : कीटों को भगाने के लिए प्रभावी।
  • लहसुन और मिर्च का घोल : प्राकृतिक कीटनाशक।
  • फेरोमोन ट्रैप्स : कीड़ों को आकर्षित करके उन्हें फसल से दूर रखते हैं।

गोभी की खेती (Cabbage Farming) में मौसम का प्रभाव

मौसम में बदलाव, जैसे अत्यधिक ठंड या गर्मी, कीटों के प्रकोप को बढ़ा सकते हैं। किसान मौसम के अनुसार फसल की देखभाल करें और समय पर सिंचाई सुनिश्चित करें।

उच्च गुणवत्ता वाली फसल के लिए सुझाव

  1. उत्तम गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करें।
  2. सही समय पर नर्सरी तैयार करें।
  3. मिट्टी की जांच और उसमें उर्वरकों का संतुलित उपयोग करें।
  4. समय-समय पर पौधों की कटाई और सफाई करें।
  5. फसल को कीटों से बचाने के लिए जैविक और रासायनिक उपायों का संयोजन करें।

गोभी की खेती : आर्थिक पहलू

गोभी की खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं, लेकिन कीटों और मौसम की चुनौतियों को ध्यान में रखकर ही खेती करनी चाहिए।

  • उत्पादन लागत : प्रति बीघा लगभग ₹20,000-₹25,000।
  • औसत उपज : 1 बीघा में 50-60 क्विंटल।
  • बाजार मूल्य : ₹8-₹15 प्रति किलो (मौसम और मांग के अनुसार)।

गोभी की खेती किसानों के लिए लाभदायक हो सकती है, बशर्ते कि वे कीट प्रबंधन और फसल की देखभाल के लिए उपयुक्त तकनीकों का पालन करें। जैविक और रासायनिक उपायों का संयोजन और नियमित निरीक्षण से फसल को कीटों के प्रकोप से बचाया जा सकता है।

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