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Champai Soren Resignation 2024 : झारखंड में बड़ा सियासी उलटफेर ,हेमंत सोरेन फिर बने मुख्यमंत्री

Champai Soren Resignation 2024 : झारखंड में बड़ा सियासी उलटफेर ,हेमंत सोरेन फिर बने मुख्यमंत्री

झारखंड की राजनीति में एक बार फिर बड़ा बदलाव देखने को मिला है। राज्य के मुख्यमंत्री Champai Soren ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। 3 जुलाई को देर शाम, Champai Soren ने राजभवन जाकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा। इसके तुरंत बाद, पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया। इसका मतलब यह है कि हेमंत सोरेन तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।

चंपई सोरेन का इस्तीफा :

Champai Soren ने अपने इस्तीफे के बाद कहा कि उन्हें कुछ समय पहले ही मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उन्होंने कहा, “कुछ दिन पहले ही मुझे सीएम बनाया गया और मुझे राज्य की जिम्मेदारी मिली। हेमंत सोरेन के वापस लौटने के बाद हमारे गठबंधन ने यह फैसला लिया और हमने हेमंत सोरेन को अपना नेता चुना। अब मैंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।”

हेमंत सोरेन की वापसी :

हेमंत सोरेन, जो झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हैं, तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायकों के बीच आम सहमति बनने के बाद, हेमंत सोरेन को झामुमो विधायक दल का नेता चुना गया। पार्टी के एक सूत्र ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, “बैठक में चंपई सोरेन की जगह हेमंत सोरेन को लाने का फैसला किया गया है।”

गठबंधन का समर्थन :

रांची में मुख्यमंत्री Champai Soren के आवास पर हुई बैठक में गठबंधन के नेताओं और विधायकों ने सर्वसम्मति से हेमंत सोरेन को झामुमो विधायक दल का नेता चुना। इसके बाद हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया। उन्होंने कहा, “सीएम (चंपई सोरेन) ने आपको सब कुछ बता दिया है। हम आपको सब कुछ विस्तार से बताएंगे। हमने सभी प्रक्रियाओं का पालन किया है।”

बीजेपी का हमला :

इस राजनीतिक बदलाव के बीच, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर झामुमो पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “झारखंड में चंपई सोरेन का युग समाप्त हो चुका है।” निशिकांत दुबे ने झामुमो को परिवार-केंद्रित पार्टी कहते हुए कहा कि “परिवार से बाहर के लोगों का कोई राजनीतिक भविष्य नहीं है।” उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर भी निशाना साधते हुए कहा, “मेरी इच्छा है कि मुख्यमंत्री भगवान बिरसा मुंडा से प्रेरणा लें और भ्रष्ट हेमंत सोरेन जी के खिलाफ खड़े हों।”

झारखंड की राजनीति में हेमंत सोरेन का महत्व :

हेमंत सोरेन की राजनीति में मजबूत पकड़ और उनकी लोकप्रियता ने उन्हें झारखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए और झारखंड के विकास के लिए कई योजनाएं लागू कीं। उनकी वापसी से झामुमो के समर्थकों में उत्साह है और वे उम्मीद कर रहे हैं कि हेमंत सोरेन एक बार फिर झारखंड को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।

झामुमो के समक्ष चुनौतियाँ :

हालांकि हेमंत सोरेन की वापसी ने झामुमो के समर्थकों में उम्मीद जगाई है, लेकिन पार्टी के सामने कई चुनौतियाँ हैं। सबसे बड़ी चुनौती राज्य के विकास और भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने की है। हेमंत सोरेन को एक बार फिर से अपने नेतृत्व की योग्यता साबित करनी होगी और राज्य के लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरना होगा।

हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने के बाद झारखंड की राजनीति में क्या बदलाव आएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा। उनकी वापसी से गठबंधन सरकार को मजबूती मिलेगी और राज्य में विकास कार्यों को गति मिलेगी। पार्टी के नेताओं और विधायकों का समर्थन उन्हें प्राप्त है, जिससे वे मजबूती के साथ सरकार चला सकेंगे।

निष्कर्ष

झारखंड की राजनीति में हुए इस बड़े उलटफेर ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता। चंपई सोरेन का इस्तीफा और हेमंत सोरेन की वापसी ने राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। आने वाले समय में देखना होगा कि हेमंत सोरेन अपने तीसरे कार्यकाल में झारखंड के विकास के लिए क्या कदम उठाते हैं और किस प्रकार से राज्य की चुनौतियों का सामना करते हैं।

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