Commonwealth Games 2026 : क्रिकेट-हॉकी समेत कई खेल हुए बाहर, जानिए इसके पीछे की वजहें और भारत पर इसका प्रभाव
कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 (Commonwealth Games) से पहले भारत को बड़ा झटका लगा है। भारत के कुछ प्रमुख खेलों को, जिनमें भारतीय एथलीट्स ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कई मेडल जीते थे, आगामी गेम्स से बाहर कर दिया गया है। यह निर्णय न केवल भारतीय खिलाड़ियों बल्कि खेल प्रेमियों के लिए भी निराशाजनक है। इस लेख में, हम विस्तार से बताएंगे कि किन खेलों को हटाया गया है, इसके पीछे की वजहें क्या हैं, और भारत पर इसका क्या प्रभाव पड़ सकता है।
कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 (Commonwealth Games) : सिर्फ 10 खेल होंगे शामिल
कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 का आयोजन 23 जुलाई से 2 अगस्त तक स्कॉटलैंड के ग्लासगो में होना है। इस बार के खेलों में सिर्फ 10 खेलों को ही शामिल किया गया है, जबकि 2022 में बर्मिंघम में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में 19 खेलों ने हिस्सा लिया था। इस निर्णय ने कई देशों के एथलीट्स को प्रभावित किया है, लेकिन भारत के लिए यह विशेष रूप से नुकसानदेह साबित हो सकता है, क्योंकि जिन खेलों में भारत ने लगातार बेहतरीन प्रदर्शन किया है, वे अब कॉमनवेल्थ गेम्स का हिस्सा नहीं होंगे।
कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) बाहर किए गए खेलों की सूची :
कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 से जिन प्रमुख खेलों को बाहर किया गया है, उनमें शामिल हैं:
- हॉकी
- बैडमिंटन
- शूटिंग
- कुश्ती
- क्रिकेट
- टेबल टेनिस
- स्क्वैश
- रोड रेसिंग
इन खेलों को बाहर करने का फैसला कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन (CGF) ने किया है, और इसके पीछे प्रमुख कारणों में वित्तीय बाधाएं और आयोजन से जुड़ी मुश्किलें शामिल हैं।
वित्तीय बाधाएं और आयोजन की चुनौतियाँ :
दरअसल, कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 की मेजबानी पहले ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य को दी गई थी। लेकिन जुलाई 2023 में विक्टोरिया ने वित्तीय कारणों का हवाला देते हुए मेजबानी से अपना नाम वापस ले लिया। इसके बाद, स्कॉटलैंड के ग्लासगो ने कदम बढ़ाते हुए मेजबानी का भार अपने कंधों पर लिया। हालांकि, ग्लासगो में आयोजन को संभालने के लिए खेलों की संख्या में कटौती करनी पड़ी ताकि लागत को नियंत्रित किया जा सके।
वित्तीय बाधाओं और आयोजन से जुड़े खर्चों के चलते, CGF को यह निर्णय लेना पड़ा कि कुछ खेलों को कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 से बाहर कर दिया जाए। इस निर्णय से न केवल खेल प्रेमियों की उम्मीदों को झटका लगा है, बल्कि उन एथलीट्स पर भी दबाव बढ़ा है जो इन खेलों में भाग लेकर अपने देश का नाम रोशन करना चाहते थे।
भारतीय खेलों पर असर :
भारत के लिए यह फैसला खासा निराशाजनक है, क्योंकि जिन खेलों को बाहर किया गया है, वे भारत के प्रमुख खेलों में से थे। हॉकी, बैडमिंटन, शूटिंग, कुश्ती, क्रिकेट जैसे खेलों में भारतीय एथलीट्स ने कई पदक जीते हैं और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
- हॉकी
हॉकी को भारत में एक प्रमुख खेल के रूप में देखा जाता है। भारतीय पुरुष और महिला दोनों हॉकी टीमों ने कॉमनवेल्थ गेम्स में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। भारतीय पुरुष टीम ने अब तक तीन रजत और दो कांस्य पदक जीते हैं। वहीं, 2002 में महिलाओं की टीम ने ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता था। हॉकी का बाहर होना न केवल खिलाड़ियों बल्कि खेल प्रेमियों के लिए भी एक बड़ा झटका है। - बैडमिंटन
बैडमिंटन में भारत ने हमेशा ही शानदार प्रदर्शन किया है। बर्मिंघम 2022 में भारत ने इस खेल में 10 स्वर्ण, 8 रजत, और 13 कांस्य पदक जीते थे। बैडमिंटन का बाहर होना भारतीय खिलाड़ियों के लिए बड़ा नुकसान है, क्योंकि इस खेल में भारत का हमेशा दबदबा रहा है। - शूटिंग
शूटिंग में भी भारत ने कॉमनवेल्थ गेम्स में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। भारतीय शूटरों ने कई बार गोल्ड और सिल्वर मेडल अपने नाम किए हैं। इस खेल का भी गेम्स से बाहर होना भारतीय खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा नुकसान है। - कुश्ती
कुश्ती में भारतीय पहलवानों ने कई बार कॉमनवेल्थ गेम्स में देश का नाम रोशन किया है। बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक जैसे खिलाड़ी इन खेलों में अपने प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं। इस बार कुश्ती का भी हिस्सा न होना भारतीय कुश्ती संघ और पहलवानों के लिए चिंता का विषय है। - क्रिकेट
भारत में क्रिकेट की लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है। 2022 के बर्मिंघम खेलों में महिलाओं की क्रिकेट टीम ने रजत पदक जीता था। क्रिकेट के बाहर होने से भारतीय खेल प्रेमियों की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि भारत इस खेल में हमेशा ही एक मजबूत दावेदार माना जाता है।
कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 (Comm0nwealth Games) में शामिल खेल :
CGF ने कुछ प्रमुख खेलों को ही 2026 के लिए चुना है। इनमें से कुछ खेल हैं:
- एथलेटिक्स (ट्रैक एंड फील्ड)
- तैराकी
- कलात्मक जिमनास्टिक
- ट्रैक साइक्लिंग
- नेटबॉल
- भारोत्तोलन
- मुक्केबाजी
- जूडो
- बाउल्स
- बास्केटबॉल (3×3)
इन खेलों में भारतीय एथलीट्स का भी अच्छा प्रदर्शन देखने को मिलता रहा है, लेकिन जिन खेलों को हटाया गया है, उनमें भारतीय खिलाड़ी खासा प्रभावशाली रहे हैं।
भारत पर इसका संभावित प्रभाव :
कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 (Commonwealth Games) में भारतीय एथलीट्स को पदकों की संख्या में कमी का सामना करना पड़ सकता है। जिन खेलों में भारतीय खिलाड़ियों का दबदबा था, वे अब खेलों का हिस्सा नहीं हैं। खासकर हॉकी, बैडमिंटन, शूटिंग, और कुश्ती में भारत ने कॉमनवेल्थ गेम्स में हमेशा बेहतर प्रदर्शन किया है।
इन खेलों के बाहर होने से न केवल खिलाड़ियों के करियर पर असर पड़ेगा बल्कि भारतीय खेल संगठनों पर भी दबाव बढ़ेगा। वे अब उन खेलों में अपनी ऊर्जा केंद्रित करेंगे जो 2026 के खेलों का हिस्सा हैं। हालांकि, यह मौका भी हो सकता है कि भारत उन खेलों में अपने प्रदर्शन को और बेहतर बनाए, जो 2026 के गेम्स में शामिल होंगे।
भविष्य के लिए क्या संभावनाएं?
भारत के लिए यह महत्वपूर्ण होगा कि वह उन खेलों पर ध्यान केंद्रित करे जो कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 में शामिल किए गए हैं। इसके साथ ही, भविष्य में आयोजकों और CGF के साथ समन्वय बनाकर भारत उन खेलों की वापसी के लिए भी प्रयास कर सकता है, जिनमें भारतीय एथलीट्स का प्रदर्शन शानदार रहा है।
कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 (Commonwealth Games) में क्रिकेट, हॉकी, बैडमिंटन जैसे खेलों का बाहर होना भारतीय खेल प्रेमियों और खिलाड़ियों के लिए निराशाजनक है। वित्तीय कारणों से खेलों की संख्या में कटौती की गई है, लेकिन भारत के लिए यह एक चुनौती है कि वह अन्य खेलों में अपना दबदबा कायम करे और नए खेलों में भी बेहतरीन प्रदर्शन करे।
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