Covishield Side Effects 2024 : खून का थक्का जमने और प्लेटलेट कम होने की शिकायत पर आया बयान
Covishield Side Effects 2024 : खून का थक्का जमने और प्लेटलेट कम होने की शिकायत पर आया बयान
Covishield Side Effects के विरुद्ध कुछ शिकायतें दर्ज की गयी है। पुणे में स्थित सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया ( एसआईआई ) का एक बयान आया है , जिसमे उन्होंने कहा है की दिसंबर 2021 में ही उसने कोरोना वायरस की वैक्सीन की अतिरिक्त खुराक कोविशील्ड का निर्माण और आपूर्ति दोनों ही बंद कर दी थी। इसे बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने स्वेच्छा से विपणन वापस ले लिया है। भारत में कोविशील्ड और यूरोप में वाक्सजेवरिया के नाम से दवा बेचने की मंजूरी दी गयी है।
बाजार से वापस मंगाई वैक्सीन :
2019 में आयी कोरोना महामारी की चपेट में पूरी दुनिया आ गयी थी। लोग अपनी जान गवां रहे थे। ऐसे में पूरी दुनिया को इस महामारी से बचाने के लिए वैक्सीन उपलब्ध कराने वाली ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने इसे बाजार से वापस मंगाना शुरू कर दिया है। यूरोप में वैक्सजावेरिया नाम से लगायी गयी इस वैक्सीन के खिलाफ खून का थक्का जमने और प्लेटलेट काउंट कम होने की शिकायत दर्ज कराई गयी है। इस मामले में कंपनी ने अपनी सफाई देते हुए ये बयान दिया है की टीके का नया संस्करण मौजूद है , इसीलिए पुराने स्टॉक्स को वापस मंगाया जा रहा है।
आपको बता दे की एस्ट्राजेनेका के सहयोग से ही भारतीय कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया ने कोविशील्ड टीका उपलब्ध कराया था। एस्ट्राजेनेका ने ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोविद 19 वैक्सीन को बनाया था। यूरोपीय संघ के दवा नियामक यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी ने मंगलवार को एक नोटिस जारी कर इस बात की पुष्टि की। कंपनी ने मार्च में ही वैक्सीन वापस मंगाने का फैसला कर लिया था। इसी के तहत मार्केटिंग अथॉरिटी वैक्सजावेरिया को वापस मंगाने के लिए दुनिया भर के अधिकारयों से बात कर रहा है।
क्या है मामला :
कोरोना महामारी के दौरान देश के 90 फीसदी लोगों को लगायी गयी कोविशील्ड सवालों के घेरे में आ गयी है। इसे बनाने वाली ब्रिटिश कंपनी एस्ट्राजेनेका ने इस वैक्सीन से ब्लड क्लॉट की संभावना की बात ब्रिटिश हाई कोर्ट में कुबूली है। इसी वजह से इस वैक्सीन को लगवाने वालों के दिल में डर बैठ गया है। भारत में इस वैक्सीन को लोगों तक पहुंचाने वाली कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया भी इस मामले में कटघरे में खड़ी है। हालाँकि वैक्सीन को लगे 3 साल से ऊपर हो चुके है तो अब इससे लोगों में कितना खतरा है ते तो डॉक्टर्स ही बता सकते है।
सीरम इंस्टिट्यूट ने अगस्त 2021 में ही अपनी वेबसाइट पर कोविशील्ड से होने वाले साइड इफेक्ट्स की बात बता दी थी। कंपनी ने बताया था की थ्रोम्बोसाइटोपेनिया या प्लेटलेट कम होने की वजह से ब्लड क्लॉट की समस्या आ सकती है। ये एक लाख में एक से भी काम लोगों को हो सकती है। ये एक दुर्लभ मामला है। भारतीय डॉक्टर्स का भी कहना है की बड़ी बीमारियों की हर दवा में कुछ साइड इफेक्ट्स होते हैं जो कुछ ही दिनों में नज़र आ जाते हैं। हालाँकि भारत समेत पूरी दुनिया में इस वैक्सीन को लेने वाले लोगों में चिंता का सबब बनना स्वाभाविक है।
हालाँकि वैक्सीन को ले कर कुछ भी कहना शायद जल्दबाज़ी होगी। उनकी और से कहा गया है की ये समझने की जरुरत है की टीका लगवाने वाले 10 लाख लोगों में सात से आठ लोगों को ही ये खतरा है। अपनी जीवन शैली में कुछ अच्छी आदतों को शामिल कर इन दुष्प्रभाओं से बचा जा सकता है। सरकार का इस बारे में क्या कहना है , ये आगे देखने वाली बात है। हालाँकि आईसीएमआर और डीजीएचएस दोनों में से किसी ने भी Covishield Side Effects के किसी भी गंभीर मामले की कोई जानकारी नहीं दी है। भारत में Covishield Side Effects के मामले में दोहरे स्तर पर काम किया जा रहा है।
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