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Dilip Kumar And Raj Kumar : 1991 में बॉक्स ऑफिस पर आया भूचाल , जब 32 साल बाद साथ नजर आए दिलीप कुमार और राज कुमार

Dilip Kumar And Raj Kumar : 1991 में बॉक्स ऑफिस पर आया भूचाल , जब 32 साल बाद साथ नजर आए दिलीप कुमार और राज कुमार

Dilip Kumar And Raj Kumar : बॉलीवुड के सुनहरे दौर की बात करें तो दिलीप कुमार और राज कुमार ऐसे नाम हैं, जिन्होंने अपने दमदार अभिनय और संवाद अदायगी से लाखों दिलों पर राज किया। ये दोनों अभिनेता अपने समय के सबसे चर्चित और बड़े सुपरस्टार्स में से एक थे। 1959 में आई फिल्म पैगाम में पहली बार ये दोनों दिग्गज एक साथ नजर आए थे। इस फिल्म ने दर्शकों का भरपूर प्यार पाया और बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त सफलता हासिल की थी।

पैगाम 1959 की दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी, जिसने साबित किया कि जब भी दिलीप कुमार और राज कुमार (Dilip Kumar And Raj Kumar ) की जोड़ी पर्दे पर आएगी, तो तहलका मचा देगी। हालांकि, इस फिल्म के बाद दोनों सुपरस्टार्स को एक साथ बड़े पर्दे पर देखने के लिए दर्शकों को 32 साल लंबा इंतजार करना पड़ा। लेकिन, जब ये जोड़ी फिर से एक साथ पर्दे पर आई, तो बॉक्स ऑफिस पर इतिहास रच दिया।

पैगाम से सौदागर तक का सफर :

दिलीप कुमार और राज कुमार की जोड़ी को पहली बार 1959 में फिल्म पैगाम में देखा गया था। इस फिल्म में दोनों ने अपने-अपने शानदार किरदारों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया था। दिलीप कुमार की शांत और संजीदा अदायगी और राज कुमार की दमदार और दबंग शैली का मेल दर्शकों के दिलों पर छा गया। पैगाम को उस साल की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में गिना गया और बॉक्स ऑफिस पर यह दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी।

लेकिन इसके बाद दिलीप कुमार और राज कुमार की जोड़ी कभी साथ नहीं आई, और 32 साल तक दोनों ने अलग-अलग फिल्मों में काम किया। इस दौरान दोनों सुपरस्टार्स ने इंडस्ट्री में अपने नाम का डंका बजाए रखा, लेकिन उनके फैन्स उन्हें एक बार फिर साथ में देखने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। आखिरकार, यह सपना 1991 में पूरा हुआ, जब सुभाष घई के निर्देशन में बनी फिल्म सौदागर में दिलीप कुमार और राज कुमार ने एक साथ काम किया।

सौदागर : 32 साल बाद हुआ धमाका

सौदागर में दिलीप कुमार और राज कुमार की वापसी ने दर्शकों को उत्साहित कर दिया था। यह फिल्म 1991 में रिलीज हुई और दर्शकों के बीच खासा लोकप्रिय रही। इस फिल्म में दोनों सुपरस्टार्स ने दो पुराने दोस्तों का किरदार निभाया, जिनके बीच दुश्मनी हो जाती है। फिल्म की कहानी दोस्ती और दुश्मनी के ताने-बाने में बुनी गई थी, जिसमें इन दोनों कलाकारों के दमदार संवादों ने जान डाल दी।

“इंसान जब तक अपने दुश्मनों को माफ़ नहीं करता, तब तक खुद चैन से नहीं सो सकता” — राज कुमार का यह संवाद आज भी लोगों की जुबां पर चढ़ा हुआ है। वहीं, दिलीप कुमार का डायलॉग “हम तुम्हें मारेंगे, और जरूर मारेंगे, लेकिन वो बंदूक भी हमारी होगी और गोली भी हमारी” भारतीय सिनेमा के सबसे यादगार संवादों में से एक बन गया।

सौदागर की सफलता और रिकॉर्ड तोड़ कमाई :

सौदागर ने बॉक्स ऑफिस पर आते ही तहलका मचा दिया। फिल्म की कहानी, दोनों सुपरस्टार्स के अभिनय और दमदार संवादों ने दर्शकों को बांधकर रखा। इस फिल्म ने उस साल की बड़ी हिट फिल्मों को भी पीछे छोड़ दिया। 1991 में जहां सनी देओल और संजय दत्त की योद्धा जैसी फिल्में रिलीज हुई थीं, वहीं अजय देवगन की डेब्यू फिल्म फूल और कांटे भी उस समय चर्चा में थी। लेकिन, सौदागर के सामने ये सभी फिल्में फीकी पड़ गईं और कमाई के मामले में पिछड़ गईं।

विकिपीडिया के आंकड़ों के अनुसार, सौदागर साल 1991 की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी थी। इस फिल्म ने 1991 में बॉक्स ऑफिस पर 15 करोड़ रुपये की कमाई की, जो उस समय के लिहाज से एक बड़ी राशि थी। इस फिल्म की सफलता ने एक बार फिर साबित कर दिया कि दिलीप कुमार और राज कुमार जैसे सुपरस्टार्स जब भी साथ आएंगे, तो बॉक्स ऑफिस पर हंगामा मचाना तय है।

नए चेहरों की एंट्री : मनीषा कोइराला और विवेक मुश्रान

सौदागर सिर्फ दिलीप कुमार और राज कुमार (Dilip Kumar And Raj Kumar) की वापसी के लिए ही नहीं, बल्कि मनीषा कोइराला और विवेक मुश्रान के बॉलीवुड में डेब्यू के लिए भी जानी जाती है। मनीषा कोइराला ने इस फिल्म से हिंदी सिनेमा में कदम रखा और अपनी खूबसूरती और अदाकारी से दर्शकों का दिल जीत लिया। विवेक मुश्रान भी इस फिल्म से लाइमलाइट में आए और उनकी जोड़ी को दर्शकों ने खूब पसंद किया।

फिल्म सौदागर सिर्फ एक मनोरंजन से भरपूर फिल्म नहीं थी, बल्कि इसके जरिए दोस्ती और दुश्मनी का एक बड़ा संदेश भी दिया गया। फिल्म में दिखाया गया कि कैसे दो दोस्त छोटी-छोटी गलतफहमियों के चलते एक-दूसरे के दुश्मन बन जाते हैं, लेकिन अंत में प्रेम और विश्वास की जीत होती है। यह कहानी आज के समय में भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी उस समय थी।

निष्कर्ष

दिलीप कुमार और राज कुमार (Dilip Kumar And Raj Kumar) जैसे अभिनेता भारतीय सिनेमा के ऐसे स्तंभ हैं, जिन्होंने अपनी अदायगी और अपने अनोखे स्टाइल से करोड़ों लोगों के दिलों में जगह बनाई। सौदागर न केवल उनकी वापसी का प्रतीक थी, बल्कि यह साबित किया कि उनका जादू आज भी बरकरार है। चाहे उनके दमदार डायलॉग्स हों या फिर उनकी ऑनस्क्रीन केमिस्ट्री, दिलीप कुमार और राज कुमार की जोड़ी आज भी सिनेमा प्रेमियों के दिलों में जिंदा है। सौदागर की ऐतिहासिक सफलता और इसकी विरासत आज भी बॉलीवुड के सुनहरे दौर का उदाहरण है, और यह फिल्म सदियों तक याद की जाएगी।

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