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Diwali Muhurat Trading : क्या होती है शेयर बाजार की मुहूर्त ट्रेडिंग ? दिवाली पर सिर्फ 1 घंटे मिलेगा कमाई का मौका, डेट और टाइम तय

Diwali Muhurat Trading : क्या होती है शेयर बाजार की मुहूर्त ट्रेडिंग ? दिवाली पर सिर्फ 1 घंटे मिलेगा कमाई का मौका, डेट और टाइम तय

Muhurat Trading : शेयर बाजार की दुनिया में कई दिलचस्प परंपराएं और अवसर हैं, लेकिन दिवाली पर होने वाली मुहूर्त ट्रेडिंग एक खास आयोजन है, जो निवेशकों के लिए समृद्धि और सफलता का प्रतीक माना जाता है। यह परंपरा 68 साल पुरानी है और हर साल दिवाली के दिन शेयर बाजार में विशेष रूप से एक घंटे के लिए आयोजित की जाती है। आइए विस्तार से समझते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग क्या होती है, इसकी शुरुआत कब और क्यों हुई, और यह निवेशकों के लिए क्यों खास है।

क्या है मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading) ?

मुहूर्त ट्रेडिंग भारतीय शेयर बाजार की एक अनोखी परंपरा है जो हर साल दिवाली के दिन शाम के समय एक घंटे के लिए आयोजित की जाती है। इस समय के दौरान बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) और एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) विशेष रूप से ट्रेडिंग के लिए खोले जाते हैं, जबकि आमतौर पर दिवाली के दिन पूरे दिन बाजार बंद रहता है।

मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन इस विश्वास पर आधारित है कि शुभ मुहूर्त में की गई ट्रेडिंग से साल भर निवेशकों के लिए धन और समृद्धि का द्वार खुलता है। इसे नए संवत (हिंदू कैलेंडर के नए वर्ष) की शुरुआत के रूप में भी मनाया जाता है। हिंदू संस्कृति में शुभ मुहूर्त में किए गए कार्यों को सफलता की कुंजी माना जाता है, और निवेशक इसे अपने नए निवेश की शुरुआत के लिए खास मानते हैं।

मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading) 2024 : तारीख और समय

इस साल 2024 में मुहूर्त ट्रेडिंग 1 नवंबर को आयोजित की जाएगी। बीएसई और एनएसई ने 1 नवंबर को शाम 6 बजे से शाम 7 बजे तक मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए समय निर्धारित किया है। इससे पहले प्री-ओपनिंग सेशन 5:45 बजे से 6:00 बजे तक चलेगा। यह एक घंटे का स्लॉट निवेशकों को एक अनोखा मौका देता है, जब वे अपने निवेश की नई शुरुआत कर सकते हैं।

क्यों खास है मुहूर्त ट्रेडिंग?

मुहूर्त ट्रेडिंग केवल एक परंपरा ही नहीं, बल्कि यह दिवाली के अवसर पर निवेशकों के लिए एक शुभ संकेत भी है। इसे नए संवत 2081 की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है और भारतीय परंपराओं में इसका विशेष महत्व है। निवेशकों का मानना है कि इस शुभ घड़ी में किया गया निवेश पूरे साल उन्हें सफलता और समृद्धि की ओर ले जाता है। इसलिए, कई लोग इस दिन नए निवेश की शुरुआत करना शुभ मानते हैं।

मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान निवेशक सिर्फ शेयरों में ही नहीं, बल्कि कमोडिटी डेरिवेटिव्स, करेंसी डेरिवेटिव्स, इक्विटी फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस, और सिक्योरिटीज लेंडिंग और बॉरोइंग जैसे विभिन्न सेगमेंट में भी ट्रेडिंग कर सकते हैं।

मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading) की ऐतिहासिक शुरुआत

मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा की शुरुआत साल 1957 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) से हुई थी। उस समय यह सिर्फ बीएसई में ही आयोजित की जाती थी और शेयर बाजार के ट्रेडर्स इस शुभ घड़ी में ट्रेडिंग करने के लिए बीएसई के परिसर में इकट्ठा होते थे।

1992 में जब नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की स्थापना हुई, तब से मुहूर्त ट्रेडिंग को एनएसई में भी मनाया जाने लगा। तब ट्रेडर्स को शेयरों की खरीद-बिक्री के लिए इलेक्ट्रॉनिक साधनों का सहारा नहीं था, इसलिए ट्रेडिंग केवल फिजिकल उपस्थिति में होती थी। आज जब ऑनलाइन ट्रेडिंग सामान्य हो गई है, तब भी इस परंपरा का महत्व बना हुआ है, और निवेशक मुहूर्त ट्रेडिंग में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading) का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

भारतीय संस्कृति में दिवाली को एक नए सत्र की शुरुआत के रूप में देखा जाता है। यह त्योहार नए व्यापारिक वर्ष की शुरुआत का भी प्रतीक होता है। इस दिन लोग भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, ताकि उनके जीवन और व्यापार में समृद्धि और सफलता बनी रहे।

शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोग भी इस शुभ दिन को खास मानते हैं। उनका मानना है कि इस विशेष मुहूर्त में किए गए निवेश साल भर उनके लिए फायदेमंद रहेंगे। यह समय विशेष रूप से नए निवेश की शुरुआत के लिए आदर्श माना जाता है, और कई लोग इस मौके का फायदा उठाते हैं।

मुहूर्त ट्रेडिंग से जुड़े फायदे

मुहूर्त ट्रेडिंग सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि यह एक फायदेमंद निवेश का अवसर भी है। इसके पीछे निवेशकों के कई लाभ जुड़े होते हैं, जो इस दिन के महत्व को और बढ़ाते हैं:

  1. शुभ मुहूर्त का लाभ: भारतीय निवेशक दिवाली के मुहूर्त को शुभ मानते हैं और इस दिन किए गए निवेश को साल भर के लिए लाभकारी मानते हैं।
  2. नए निवेश की शुरुआत: कई निवेशक इस दिन अपने पोर्टफोलियो में नए शेयर शामिल करते हैं और भविष्य में निवेश की रणनीति बनाते हैं।
  3. संवर्धन और समृद्धि का प्रतीक: माना जाता है कि इस दिन किए गए निवेश से निवेशक की समृद्धि में वृद्धि होती है, इसलिए इस मौके को हाथ से जाने नहीं दिया जाता।
  4. बाजार की हलचल: यह दिन शेयर बाजार की हलचल का भी प्रतीक होता है, क्योंकि कई बार निवेशक इस दिन बड़ी संख्या में ट्रेडिंग करते हैं और बाजार में नई संभावनाएं उभरती हैं।
  5. अच्छे रिटर्न की उम्मीद: दिवाली के शुभ मुहूर्त में निवेश करने वाले निवेशक उम्मीद करते हैं कि उन्हें अच्छे रिटर्न मिलेंगे। यह दिन उनके लिए एक सकारात्मक शुरुआत का संकेत है।

मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading) कैसे होती है?

 

मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन सामान्य ट्रेडिंग से कुछ अलग होता है। इसमें निवेशकों को एक घंटे का समय मिलता है, जिसमें वे विभिन्न सेगमेंट्स जैसे कि इक्विटी, कमोडिटी, करेंसी आदि में ट्रेडिंग कर सकते हैं। बाजार में इस दौरान कुछ खास गतिविधियां होती हैं:

मुहूर्त ट्रेडिंग का भविष्य

हालांकि मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा वर्षों से चली आ रही है, लेकिन आने वाले समय में भी इसका महत्व बना रहेगा। शेयर बाजार में नई संभावनाओं और निवेश के नए तरीके सामने आ रहे हैं, फिर भी मुहूर्त ट्रेडिंग की खासियत अपनी जगह पर बरकरार रहेगी। भारतीय निवेशक अपनी परंपराओं से गहराई से जुड़े होते हैं, और ऐसे मौके उनके लिए समृद्धि और उन्नति का मार्ग खोलते हैं।

मुहूर्त ट्रेडिंग भारतीय शेयर बाजार में एक महत्वपूर्ण और अनोखी परंपरा है, जो निवेशकों को दिवाली के शुभ अवसर पर अपने निवेश की शुरुआत करने का मौका देती है। यह न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं का भी प्रतीक है। हर साल लाखों निवेशक इस शुभ मुहूर्त का लाभ उठाते हैं, और यह परंपरा आगे भी निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन के रूप में बनी रहेगी।

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