Frozen Lakes In India : भारत की इन खूबसूरत झीलों पर पैदल चल सकते हैं आप, इनके पानी में है रोगों से लड़ने की शक्ति, जरूर जाएं यहां
Frozen Lakes In India : भारत की इन खूबसूरत झीलों पर पैदल चल सकते हैं आप, इनके पानी में है रोगों से लड़ने की शक्ति, जरूर जाएं यहां
List Of Frozen Lakes : अगर आप खूबसूरत झील देखने के शौकीन हैं, तो हम आपको भारत की उन झीलों (Lakes) को के बारे में बताने जा रहे हैं, जो सर्दियों के मौसम में जम जाती है, जहां आप चाहें तो पैदल भी चल सकते हैं। बता दें, हिन्दू धर्म में इनमें से कई झीलें ऐसी हैं, जिनका काफी महत्व है।
किसी भी स्थान पर अगर चमचमाते नीले पानी की झीलें हों, तो उस जगह की खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं। बता दें, भारत में ऐसी कई खूबसूरत जगहें हैं, जहां झीलें हैं और देश और दुनिया से टूरिस्ट्स इन जगहों को एक्सप्लोर करने आते हैं। बता दें, जितनी खूबसूरत ये झीलें गर्मियों के मौसम में लगती है, उतनी ही ज्यादा सुंदर ये झीलें सर्दियों के मौसम में लगती है। बता दें, इनमें से कुछ झीलें सर्दियों के मौसम में पूरी तरह से बर्फ जम जाती है, ऐसे में आप इस दौरान पानी पर चलने का सपना पूरा कर सकते हैं, यानी आप सर्दियों में जमी हुई झील पर चलने का एक्सपीरियंस ले सकते हैं।
1. सूरज ताल, हिमाचल प्रदेश
विशेषता और स्थान
सूरज ताल, जिसे भारत की तीसरी सबसे ऊंची झील माना जाता है, हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले में स्थित है। यह झील समुद्र तल से लगभग 4,890 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। सर्दियों के मौसम में सूरज ताल पूरी तरह बर्फ से ढक जाती है, जिससे इसका नजारा किसी स्वर्ग से कम नहीं लगता।
कैसे पहुंचे?
सूरज ताल तक पहुंचना आसान नहीं है। सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण रास्ते अवरुद्ध हो जाते हैं। यहां पहुंचने के लिए गाइड का सहारा लेना बेहद जरूरी है, क्योंकि इस क्षेत्र में अकेले यात्रा करना जोखिम भरा हो सकता है।
विशेष महत्व
यह झील प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ धार्मिक महत्व भी रखती है। आसपास के क्षेत्र में स्थानीय लोग इसे पवित्र मानते हैं।
2. सेला झील, अरुणाचल प्रदेश
खूबसूरती का खजाना
अरुणाचल प्रदेश की सेला झील समुद्र तल से 13,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह झील अपने अद्भुत प्राकृतिक नजारों के लिए जानी जाती है। गर्मियों के दौरान यह झील नीले पानी के साथ बेहद सुंदर दिखती है, जबकि सर्दियों में बर्फ के चादर से ढककर यह झील एक अलग ही आकर्षण का केंद्र बन जाती है।
ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व
सेला झील का नाम सेला दर्रे के नाम पर रखा गया है। यह स्थान पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय है और यहां की खूबसूरती आपको मंत्रमुग्ध कर देगी।
कैसे पहुंचे?
यहां पहुंचने के लिए गुवाहाटी या तेजपुर से सड़क मार्ग का उपयोग कर सकते हैं। सर्दियों के दौरान झील जमी रहती है, और यह अनुभव किसी सपने के जैसा लगता है।
3. गुरुडोंगमार झील, सिक्किम
ऊंचाई और प्राकृतिक सौंदर्य
गुरुडोंगमार झील सिक्किम में स्थित है और इसे दुनिया की सबसे ऊंची झीलों में से एक माना जाता है। यह समुद्र तल से लगभग 17,800 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। सर्दियों के मौसम में यह झील पूरी तरह से जम जाती है, और बर्फ से ढकी हुई यह झील अद्भुत लगती है।
धार्मिक महत्व
यह झील हिंदू, बौद्ध और सिख धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यधिक पवित्र मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि गुरु नानक देव जी ने इस झील का दौरा किया था और इसके पानी को आशीर्वाद दिया था। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, झील के पानी में औषधीय गुण होते हैं और यह कई रोगों से लड़ने में मददगार माना जाता है।
कैसे पहुंचे?
गंगटोक से लगभग 190 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, गुरुडोंगमार झील तक पहुंचना आसान नहीं है। ऊंचाई और सर्दियों के कठोर मौसम के कारण यहां यात्रा करते समय सावधानी बरतना जरूरी है।
4. मणिमहेश झील, हिमाचल प्रदेश
धार्मिक और पौराणिक महत्व
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित मणिमहेश झील हिंदुओं के लिए गहरा धार्मिक महत्व रखती है। यह झील समुद्र तल से लगभग 13,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और इसे भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। झील का नाम पास की मणिमहेश चोटी के नाम पर रखा गया है।
सर्दियों में विशेषता
सर्दियों के मौसम में मणिमहेश झील पूरी तरह जम जाती है। इस दौरान झील और उसके आसपास के इलाके बर्फ से ढके रहते हैं, जिससे यह स्थान और भी आकर्षक हो जाता है।
कैसे पहुंचे?
यहां पहुंचने के लिए पैदल यात्रा का सहारा लेना पड़ता है। यात्रा के दौरान प्राकृतिक नजारे और शांति का अनुभव किसी आध्यात्मिक यात्रा जैसा लगता है।
5. चांगू झील (त्सोमगो झील), सिक्किम
स्थान और विशेषता
चांगू झील, जिसे त्सोमगो झील के नाम से भी जाना जाता है, सिक्किम में स्थित एक हिमनद झील है। यह समुद्र तल से लगभग 12,400 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। गंगटोक से केवल 40 किमी की दूरी पर स्थित इस झील की सुंदरता सर्दियों के मौसम में अपने चरम पर होती है।
धार्मिक महत्व
यह झील स्थानीय लोगों के लिए धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। झील के किनारे भगवान शिव को समर्पित एक छोटा मंदिर है।
सर्दियों का अनुभव
सर्दियों में यह झील पूरी तरह से जम जाती है। इस दौरान यहां का नजारा किसी स्वप्नलोक जैसा लगता है। हालांकि, इस समय झील तक पहुंचना काफी कठिन हो सकता है।
भारत की झीलों (Lakes) का धार्मिक और औषधीय महत्व
भारत में कई झीलों का न केवल प्राकृतिक बल्कि धार्मिक महत्व भी है। इनमें से कई झीलें स्थानीय निवासियों के लिए पवित्र मानी जाती हैं और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए उपयोग होती हैं। जैसे गुरुडोंगमार झील का पानी औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। ऐसी झीलें न केवल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होती हैं बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शांति भी प्रदान करती हैं।
सर्दियों में इन झीलों (Lakes) की यात्रा के दौरान ध्यान देने योग्य बातें
- गाइड की मदद लें : सर्दियों के दौरान बर्फीली झीलों की यात्रा करना जोखिम भरा हो सकता है। बिना गाइड के यात्रा करने से बचें।
- सही कपड़े और जूते पहनें : ठंड से बचने के लिए ऊनी कपड़े, जैकेट और वाटरप्रूफ जूते जरूर पहनें।
- औषधीय किट साथ रखें : ऊंचाई वाले इलाकों में यात्रा करते समय ऑक्सीजन की कमी महसूस हो सकती है, इसके लिए मेडिकल किट साथ रखें।
- प्राकृतिक संतुलन बनाए रखें : झीलों और उनके आसपास के इलाकों की सफाई और प्राकृतिक सौंदर्य को बनाए रखने का प्रयास करें।
भारत की झीलें (Indian Lakes) : प्रकृति और शांति का अद्भुत संगम
इन झीलों का दौरा करना न केवल एक रोमांचक अनुभव है बल्कि यह मानसिक और आध्यात्मिक शांति भी प्रदान करता है। सर्दियों में जब झीलें बर्फ में तब्दील हो जाती हैं, तब इनका नजारा और भी अद्भुत हो जाता है। ये झीलें पर्यटकों को प्रकृति के करीब लाने और उनके जीवन में एक नई ऊर्जा भरने का काम करती हैं।
अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं और सर्दियों में कुछ नया अनुभव करना चाहते हैं, तो इन झीलों की यात्रा जरूर करें। इनका प्राकृतिक सौंदर्य और शांति आपके जीवन के सबसे यादगार पलों में से एक बन जाएगी।
भारत की झीलें न केवल खूबसूरती में बेजोड़ हैं, बल्कि इनके धार्मिक और औषधीय महत्व ने इन्हें और भी खास बना दिया है। सर्दियों के दौरान बर्फ से ढकी इन झीलों पर चलने का अनुभव आपको अद्वितीय आनंद देगा। चाहे वह हिमाचल प्रदेश की सूरज ताल हो, सिक्किम की गुरुडोंगमार झील, या अरुणाचल प्रदेश की सेला झील, हर एक झील अपने आप में अनोखी है। तो अगली बार जब आप यात्रा की योजना बनाएं, तो इन झीलों को अपनी सूची में जरूर शामिल करें।
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