Gold Rate 2025 : सोना 700 रुपये उछलकर 82 हजार रुपये के रिकॉर्ड ऊंचे दाम के पास पहुंचा
Gold Rate : ग्लोबल और घरेलू परिस्थितियों के चलते सोने और चांदी की कीमतों में एक बार फिर तेज़ी का रुख देखने को मिल रहा है। स्थानीय बाजार में सोने की कीमत 700 रुपये उछलकर 82,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड ऊँचाई के करीब पहुँच चुकी है। यह लगातार तीसरे दिन है जब सोने की कीमत में वृद्धि दर्ज की गई है। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, यह बढ़ोतरी स्थानीय बाजार में अधिक मांग और वैश्विक परिस्थितियों का नतीजा है।
सोने की कीमतें (Gold Rate) :
बृहस्पतिवार को सोने की कीमत 81,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी, लेकिन शुक्रवार को यह बढ़कर 81,600 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव भी 700 रुपये बढ़कर 81,600 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया है। इससे पहले यह 80,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
हालांकि, चांदी की कीमत में इस दौरान 500 रुपये की गिरावट दर्ज की गई और यह 93,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुँच गई। इससे पहले के कारोबारी सत्र में यह 94,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
31 अक्टूबर 2023 : सोने का ऐतिहासिक उच्चतम स्तर
पिछले साल 31 अक्टूबर को सोने की कीमतें अपने अब तक के सबसे ऊँचे स्तर पर पहुँच गई थीं। उस समय 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 82,400 रुपये प्रति 10 ग्राम और 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 82,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर दर्ज किया गया था।
कीमतों में उछाल का कारण
विशेषज्ञों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कमजोर रुख के बावजूद घरेलू बाजार में आभूषण विक्रेताओं की अधिक मांग ने सोने की कीमतों को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। डॉलर की मजबूती और वैश्विक जियो-पॉलिटिकल स्थितियों ने भी सोने की कीमतों को प्रभावित किया है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिति
वैश्विक बाजार में, कॉमेक्स सोना वायदा 21.10 डॉलर प्रति औंस गिरकर 2,729.80 डॉलर प्रति औंस पर आ गया है। चांदी वायदा भी 1.47 प्रतिशत की गिरावट के साथ 31.26 डॉलर प्रति औंस पर पहुँच गया है। हालांकि, घरेलू बाजार में सोने और चांदी की कीमतें बढ़ती मांग के चलते मजबूत बनी हुई हैं।
विशेषज्ञों की राय
कोटक सिक्योरिटीज के सहायक उपाध्यक्ष (कमोडिटी रिसर्च) कायनात चैनवाला के अनुसार, अमेरिका में घरों और औद्योगिक उत्पादन के आँकड़े आने से पहले सोने की कीमतें 2,750 डॉलर प्रति औंस से थोड़ी कम हो गई हैं।
सोने और चांदी में आगे क्या?
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में भी सोने और चांदी की कीमतों में तेज़ी जारी रह सकती है। इसके पीछे प्रमुख कारण वैश्विक आर्थिक परिस्थितियाँ, डॉलर की चाल और जियो-पॉलिटिकल अस्थिरता हैं। ग्लोबल जियो-पॉलिटिकल स्थितियां इस समय गोल्ड और सिल्वर के दाम बढ़ने का रुख दिखा रही हैं.
निवेशकों के लिए क्या है संदेश?
गोल्ड और सिल्वर की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से यह स्पष्ट है कि यह निवेश का सुरक्षित माध्यम बना हुआ है। विशेषज्ञ निवेशकों को सलाह देते हैं कि वे दीर्घकालिक निवेश के लिए सोने और चांदी को प्राथमिकता दें, खासकर ऐसी अस्थिर परिस्थितियों में जब अन्य संपत्तियों में जोखिम अधिक हो सकता है।
निष्कर्ष :
सोने की कीमतों (Gold Rate) में आई यह उछाल घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर हो रहे घटनाक्रमों का नतीजा है। जहाँ एक ओर कमजोर वैश्विक आर्थिक संकेतक और डॉलर की मजबूती ने कीमतों को प्रभावित किया है, वहीं घरेलू बाजार में बढ़ती मांग ने सोने और चांदी की कीमतों को ऊपर बनाए रखा है। आने वाले समय में भी इनकी कीमतों में और तेज़ी देखने को मिल सकती है।
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