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Gold-Silver Price 2025 : सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी, जानिए आपके शहर का रेट

Gold-Silver Price 2025 : सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी, जानिए आपके शहर का रेट

भारत में Gold-Silver Price में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। यह कीमतें कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कारकों पर निर्भर करती हैं। अगर आप भी सोने-चांदी में निवेश करने की योजना बना रहे हैं या इनके दाम जानना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है।

12 फरवरी 2025 को सोने की कीमतें

12 फरवरी 2025 को, 22 कैरेट सोने की कीमत ₹8,011 प्रति ग्राम और 24 कैरेट सोने की कीमत ₹8,739 प्रति ग्राम दर्ज की गई। देश के प्रमुख शहरों में सोने की कीमतें इस प्रकार रहीं:

पिछले 10 दिनों में सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव

सोने की कीमतों में पिछले 10 दिनों में मामूली बदलाव देखने को मिला है। उदाहरण के लिए, 11 फरवरी 2025 को 22 कैरेट सोने की कीमत ₹8,010 प्रति ग्राम थी, जो 12 फरवरी को ₹8,011 प्रति ग्राम हो गई। यह बदलाव भले ही छोटा हो, लेकिन सोने की कीमतों में यह मामूली बढ़ोतरी या गिरावट निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।

चांदी की कीमतों का हाल

सोने के साथ-साथ चांदी की कीमतों में भी बदलाव दर्ज किए गए। चांदी का दाम प्रति किलोग्राम के आधार पर तय होता है। 12 फरवरी 2025 को चांदी की कीमत औसतन ₹70,500 प्रति किलोग्राम रही। हालांकि, यह कीमत शहर और बाजार के अनुसार बदल सकती है।

सोने की कीमतों को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक

सोने की कीमतें कई कारकों पर निर्भर करती हैं, जिनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं:

1. अंतर्राष्ट्रीय बाजार

सोने की कीमतें वैश्विक मांग और आपूर्ति, डॉलर की मजबूती, और अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक घटनाक्रम से प्रभावित होती हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी देश में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ती है, तो निवेशक सोने को सुरक्षित विकल्प मानते हैं, जिससे इसकी मांग और कीमतों में इज़ाफा होता है।

2. मुद्रास्फीति

उच्च मुद्रास्फीति के समय, निवेशक सोने को एक सुरक्षित निवेश विकल्प मानते हैं। यह धारणा है कि मुद्रास्फीति के कारण अन्य परिसंपत्तियों का मूल्य घट सकता है, लेकिन सोने की कीमतें स्थिर रहती हैं या बढ़ सकती हैं।

3. ब्याज दरें

ब्याज दरों में बदलाव का भी सोने की कीमतों पर प्रभाव पड़ता है। जब ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो निवेशक अन्य वित्तीय साधनों, जैसे कि बॉन्ड और फिक्स्ड डिपॉजिट, में निवेश करना पसंद करते हैं, जिससे सोने की मांग कम हो जाती है। इसके विपरीत, ब्याज दरों में कमी से सोने की मांग बढ़ सकती है।

4. सरकारी नीतियां

सरकार द्वारा लगाए गए आयात शुल्क, कराधान, और अन्य नीतियां भी सोने की कीमतों को प्रभावित करती हैं। उदाहरण के लिए, यदि सरकार आयात शुल्क बढ़ाती है, तो घरेलू बाजार में सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं।

5. मौसमी मांग

भारत में शादियों और त्योहारों के मौसम में सोने की मांग में बढ़ोतरी होती है। खासकर अक्षय तृतीया, दिवाली, और शादी के सीजन में सोने की कीमतें आमतौर पर बढ़ जाती हैं।

6. रुपये की स्थिति

डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति भी Gold-Silver Price को प्रभावित करती है। जब रुपये की कीमत कमजोर होती है, तो आयातित सोने की लागत बढ़ जाती है, जिससे घरेलू बाजार में सोने की कीमतें बढ़ती हैं।

निवेश के लिए सोना क्यों है सुरक्षित?

 

सोना एक पारंपरिक निवेश विकल्प है, जिसे सुरक्षित माना जाता है।

चांदी में निवेश के फायदे

चांदी भी एक लोकप्रिय निवेश विकल्प है।

निष्कर्ष

Gold-Silver Price में उतार-चढ़ाव जारी रहता है, जो निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है। चाहे आप ज्वेलरी खरीदने की योजना बना रहे हों या निवेश के लिए सोने-चांदी को चुनना चाहते हों, बाजार के ताजा रुझानों को समझना आवश्यक है। उपरोक्त जानकारी से आपको अपने निवेश को समझदारी से प्लान करने में मदद मिलेगी।

Disclaimer

यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। सोने-चांदी की खरीद-बिक्री से पहले विशेषज्ञों से परामर्श करना आवश्यक है।

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