Grahan 2025: नए साल में लगने जा रहे हैं 4 ग्रहण , जानिए कब और कहां लगेंगे सूर्य और चंद्र ग्रहण और सूतक काल की जानकारी
Grahan Dates In 2025 : साल 2025 में खगोलीय घटनाओं का एक खास महत्व रहेगा क्योंकि इस साल कुल चार ग्रहण लगने वाले हैं। इनमें से दो सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) और दो चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) होंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण का प्रभाव हर राशि पर अलग-अलग पड़ता है। धार्मिक दृष्टिकोण से भी ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है और इस दौरान विशेष सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है। इस लेख में हम आपको 2025 में लगने वाले सभी ग्रहणों की तिथि, समय, सूतक काल और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
ग्रहण (Grahan) कैसे लगता है?
ग्रहण एक खगोलीय घटना है जो सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करती है।
- सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है और सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक पहुंचना बंद हो जाता है। इसे Solar Eclipse कहा जाता है।
- चंद्र ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और चंद्रमा पृथ्वी की छाया में आ जाता है। इसे Lunar Eclipse कहा जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब राहु और केतु सूर्य और चंद्रमा को ग्रस लेते हैं, तब ग्रहण लगता है। राहु और केतु को छाया ग्रह माना जाता है और इनका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में शुभ और अशुभ परिणाम लाता है।
ग्रहण (Grahan) के दौरान क्या करें और क्या न करें?
ग्रहण को शास्त्रों में अशुभ माना गया है। इस दौरान कई प्रकार के कार्य करने की मनाही होती है।
ग्रहण के दौरान क्या न करें:
- शुभ कार्यों को ग्रहण के समय करने से बचना चाहिए।
- मंदिरों के द्वार बंद कर दिए जाते हैं और पूजा-पाठ नहीं किया जाता।
- भोजन पकाने से बचना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से सावधान रहने की सलाह दी जाती है।
- ग्रहण को नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए।
ग्रहण के दौरान क्या करें:
- पहले से पके हुए भोजन में तुलसी के पत्ते डाल दें ताकि भोजन ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से बचा रहे।
- ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करके घर की शुद्धि करें।
- ध्यान और मंत्र जाप करना लाभकारी माना जाता है।
2025 में लगने वाले ग्रहणों की तिथियां और समय
1. पहला सूर्य ग्रहण (29 मार्च 2025)
- ग्रहण का प्रकार: आंशिक सूर्य ग्रहण
- समय:
- प्रारंभ: 2:20 मिनट
- समाप्ति: 6:13 मिनट
- दृश्यता: यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा।
- सूतक काल: चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा।
2. दूसरा सूर्य ग्रहण (21 सितंबर 2025)
- ग्रहण का प्रकार: आंशिक सूर्य ग्रहण
- समय:
- प्रारंभ: 22:59 बजे
- समाप्ति: 22 सितंबर को सुबह 03:23 बजे
- दृश्यता: यह ग्रहण भी भारत में नहीं दिखाई देगा।
- सूतक काल: भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा।
3. पहला चंद्र ग्रहण (14 मार्च 2025)
- ग्रहण का प्रकार: पूर्ण चंद्र ग्रहण
- समय:
- प्रारंभ: सुबह 10:41 बजे
- समाप्ति: दोपहर 2:18 बजे
- दृश्यता: यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।
- सूतक काल: चूंकि यह भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा।
4. दूसरा चंद्र ग्रहण (7 सितंबर 2025)
- ग्रहण का प्रकार: आंशिक चंद्र ग्रहण
- समय:
- प्रारंभ: रात 9:57 बजे
- समाप्ति: रात 1:26 बजे
- दृश्यता: यह ग्रहण भारत में देखा जा सकेगा।
- सूतक काल:
- सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से आरंभ होगा।
- यह चंद्र ग्रहण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अमेरिका के कई हिस्सों में भी दिखाई देगा।
ग्रहण (Grahan) का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में ग्रहण को एक महत्वपूर्ण घटना माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, ग्रहण के दौरान देवी-देवताओं की मूर्तियों को स्पर्श नहीं करना चाहिए और मंदिर के द्वार बंद कर दिए जाते हैं। इस दौरान साधना, ध्यान और जप करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।
ग्रहण के समय का प्रभाव:
- ग्रहण का प्रभाव व्यक्ति के मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक जीवन पर पड़ता है।
- विभिन्न राशियों पर इसका प्रभाव अलग-अलग होता है।
- ग्रहण के समय मन और आत्मा की शुद्धि के लिए ध्यान और जप करने का महत्व है।
ग्रहण (Grahan) के वैज्ञानिक और ज्योतिषीय पहलू
वैज्ञानिक दृष्टिकोण:
वैज्ञानिक दृष्टि से ग्रहण एक सामान्य खगोलीय घटना है। सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा सूर्य के प्रकाश को रोक देता है, जबकि चंद्र ग्रहण के दौरान पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण:
ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण का प्रभाव राशियों पर पड़ता है। यह प्रभाव सकारात्मक और नकारात्मक दोनों हो सकता है।
- राहु और केतु का प्रभाव विशेष रूप से ग्रहण के समय महसूस किया जाता है।
- ज्योतिषी इस समय विशेष पूजा-पाठ और दान करने की सलाह देते हैं।
ग्रहण (Grahan) के समय क्या करें दान
ग्रहण के बाद दान करना शुभ माना जाता है। दान करने से ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है।
- अन्न, वस्त्र, धन, और धार्मिक ग्रंथों का दान करें।
- गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र प्रदान करें।
- गायों को चारा खिलाना और जल का दान करना भी लाभकारी होता है।
साल 2025 में चार महत्वपूर्ण ग्रहण लगेंगे, जिनका धार्मिक, ज्योतिषीय और वैज्ञानिक दृष्टि से बड़ा महत्व है। जहां सूर्य ग्रहण को आत्मशक्ति और ऊर्जा में कमी का प्रतीक माना जाता है, वहीं चंद्र ग्रहण को मानसिक और भावनात्मक संतुलन में कमी के रूप में देखा जाता है। इस दौरान उचित सावधानी और धार्मिक अनुष्ठान करना आपके जीवन में शांति और सकारात्मकता ला सकता है।
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