Green Tea Side Effects : सावधान रहें! इन लोगों को बिल्कुल नहीं पीनी चाहिए ग्रीन टी, वरना हो सकता है सेहत को नुकसान
ग्रीन टी (Green Tea) को अक्सर एक हेल्दी ड्रिंक के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यह वजन घटाने, दिल की सेहत को बेहतर बनाने और कैंसर से बचाव जैसे कई फायदों के लिए मशहूर है। इसमें मौजूद कैटेकिन्स, पॉलीफेनोल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स हमारे शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाते हैं। हालांकि, ग्रीन टी को लेकर लोगों के बीच बहुत सी गलतफहमियां भी हैं। सही मात्रा में इसका सेवन फायदेमंद हो सकता है, लेकिन अगर इसका सेवन जरूरत से ज्यादा हो जाए, या फिर कुछ खास परिस्थितियों में इसे पीने से दुष्परिणाम हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि किन लोगों को ग्रीन टी का सेवन नहीं करना चाहिए और क्यों।
ग्रीन टी (Green Tea) के लाभ
ग्रीन टी का सेवन कई कारणों से फायदेमंद माना जाता है। इसमें कैटेकिन्स और एंटीऑक्सीडेंट्स की उच्च मात्रा पाई जाती है, जो शरीर की कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाती हैं। इसके नियमित सेवन से:
- वजन घटाने में मदद : ग्रीन टी में मौजूद कैटेकिन्स मेटाबॉलिज्म को तेज करते हैं, जिससे वसा जलने की प्रक्रिया में मदद मिलती है और वजन घटाने में सहायता होती है।
- दिल की सेहत : इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करते हैं और दिल की बीमारियों के जोखिम को कम करने में सहायक होते हैं।
- डायबिटीज पर नियंत्रण : ग्रीन टी ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करती है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है।
- कैंसर से बचाव : ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स कैंसर सेल्स के विकास को रोकने में मददगार हो सकते हैं।
- पेट की चर्बी कम : पेट और कमर की चर्बी को कम करने में ग्रीन टी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, खासकर नियमित रूप से पीने पर।
हालांकि, इन फायदों के बावजूद, यह जानना जरूरी है कि ग्रीन टी हर किसी के लिए सुरक्षित नहीं है। आइए जानते हैं कि किन लोगों को ग्रीन टी पीने से बचना चाहिए और क्यों।
लिवर डिजीज वाले लोग ग्रीन टी (Green Tea) न पिएं
ग्रीन टी में एक महत्वपूर्ण तत्व होता है जिसे कैटेकिन्स कहा जाता है, और इसमें विशेष रूप से एक तत्व EGCG (Epigallocatechin Gallate) होता है, जो कि एंटीऑक्सीडेंट्स के रूप में कार्य करता है। हालांकि, यह तत्व लिवर के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। न्यूट्रीशनिस्ट निखिल वत्स के अनुसार, अधिक ग्रीन टी पीने से कुछ मामलों में लिवर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। जिन लोगों को पहले से ही लिवर की कोई बीमारी है, उन्हें ग्रीन टी के सेवन से बचना चाहिए।
कुछ रिसर्च के अनुसार, ग्रीन टी के अत्यधिक सेवन से लिवर की कार्यप्रणाली पर असर पड़ सकता है, क्योंकि कैटेकिन्स लिवर एंजाइम्स को बढ़ाते हैं, जिससे लिवर पर बोझ बढ़ता है और उसकी कार्यक्षमता में कमी आ सकती है। इसलिए, लिवर से संबंधित किसी भी बीमारी के मामलों में ग्रीन टी पीने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं :
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपनी डाइट को लेकर अतिरिक्त सतर्क रहना पड़ता है। ग्रीन टी में मौजूद कैफीन गर्भवती महिलाओं के लिए नुकसानदायक हो सकता है। अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन गर्भ में पल रहे शिशु के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
इसके अलावा, स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी ग्रीन टी के सेवन से बचें, क्योंकि इससे स्तन के दूध में कैफीन की मात्रा बढ़ सकती है, जिससे नवजात शिशु को परेशानी हो सकती है। इसलिए, गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को ग्रीन टी पीने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
एनीमिया वाले लोग :
ग्रीन टी में मौजूद तत्व टैनिन्स शरीर में आयरन के अवशोषण को कम कर सकते हैं, जिससे एनीमिया के लक्षण बढ़ सकते हैं। जिन लोगों को पहले से ही आयरन की कमी या एनीमिया की समस्या है, उन्हें ग्रीन टी का सेवन कम करना चाहिए। खासकर भोजन के साथ ग्रीन टी पीने से आयरन का अवशोषण और कम हो सकता है, इसलिए एनीमिया के रोगियों को ग्रीन टी पीने से बचना चाहिए।
हड्डियों की कमजोरी और ऑस्टियोपोरोसिस :
कैफीन का अत्यधिक सेवन शरीर में कैल्शियम के स्तर को कम कर सकता है, जिससे हड्डियों की कमजोरी और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, जिन लोगों को हड्डियों से संबंधित कोई समस्या है, उन्हें ग्रीन टी का सेवन कम करना चाहिए या इसे पीने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
ब्लड प्रेशर और हृदय रोग :
हालांकि ग्रीन टी दिल की सेहत के लिए फायदेमंद मानी जाती है, लेकिन इसका अधिक सेवन ब्लड प्रेशर को प्रभावित कर सकता है। ग्रीन टी में मौजूद कैफीन की वजह से कुछ लोगों में रक्तचाप बढ़ सकता है। ऐसे लोगों को जो उच्च रक्तचाप या हृदय रोग से पीड़ित हैं, उन्हें ग्रीन टी के अधिक सेवन से बचना चाहिए और नियमित रूप से अपनी सेहत की जांच करवानी चाहिए।
ज्यादा कैफीन से हो सकते हैं दुष्प्रभाव :
ग्रीन टी में कैफीन की मात्रा कम होती है, लेकिन अगर इसे अत्यधिक मात्रा में पिया जाए, तो इससे जुड़े दुष्प्रभाव हो सकते हैं। ज्यादा कैफीन के सेवन से अनिद्रा, सिरदर्द, चक्कर आना, दिल की धड़कन तेज होना, पेट में गैस, और बार-बार पेशाब आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, एक दिन में 2 कप से ज्यादा ग्रीन टी का सेवन नहीं करना चाहिए, खासकर अगर आप कैफीन के प्रति संवेदनशील हैं।
एक दिन में कितनी ग्रीन टी (Green Tea) पिएं?
अगर आप वजन घटाने के लिए ग्रीन टी पी रहे हैं, तो दिन में 2 कप काफी है। इससे ज्यादा सेवन करना नुकसानदेह हो सकता है। जो लोग लिवर, हार्ट या ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं, उन्हें इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए।
निचोड़
ग्रीन टी (Green Tea) को सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है, लेकिन इसका सेवन सही मात्रा में और सही परिस्थितियों में करना जरूरी है। अत्यधिक ग्रीन टी पीने से लिवर, हड्डियों और दिल की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। जिन लोगों को लिवर की बीमारी, गर्भवती महिलाएं, एनीमिया के रोगी, और हड्डियों से जुड़ी समस्याएं हैं, उन्हें ग्रीन टी पीने से बचना चाहिए। इसलिए, हमेशा ध्यान रखें कि सेहतमंद रहने के लिए किसी भी चीज़ का संतुलित सेवन करना जरूरी है।
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