Heat Wave : उत्तर भारत में गर्मी का कहर, 21 शहरों में पारा 42°C से ऊपर; जानें आने वाले दिनों में कैसा रहेगा हाल
Heat Wave : अप्रैल की शुरुआत के साथ ही उत्तर भारत भीषण गर्मी की चपेट में आ गया है। सूरज जैसे आसमान से आग बरसा रहा है और लू (Heat Wave) की लपटें जनजीवन को बेहाल कर रही हैं। उत्तर पश्चिमी भारत के कई हिस्सों में तापमान सामान्य से 5-7 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया जा रहा है। सबसे चिंताजनक स्थिति यह है कि पांच राज्यों के 21 शहरों में तापमान 42°C के पार पहुंच गया है।
भारत मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं, विशेषकर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश जैसे क्षेत्रों में। राजधानी दिल्ली समेत कई शहरों में अगले तीन दिन तक लू चलने का अनुमान है।
उत्तर भारत के प्रमुख शहरों में पारा 42 डिग्री के पार
हाल ही में IMD द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, निम्नलिखित शहरों में अधिकतम तापमान 42 डिग्री या उससे अधिक दर्ज किया गया:
राज्य | शहर | अधिकतम तापमान (°C) |
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दिल्ली | पालम, सफदरजंग | 43.2°C |
राजस्थान | बाड़मेर, बीकानेर, फलोदी | 44.0°C |
पंजाब | पटियाला, अमृतसर | 43.0°C |
हरियाणा | हिसार, रोहतक, गुरुग्राम | 43.5°C |
उत्तर प्रदेश | आगरा, अलीगढ़, मेरठ | 42.8°C |
मध्य प्रदेश | ग्वालियर, मुरैना | 43.7°C |
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि उत्तर भारत का बड़ा हिस्सा भीषण गर्मी की चपेट में है और हालात दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं।
हीटवेव (Heat Wave) क्या होती है और क्यों होती है?
Heat Wave यानी ‘लू’, तब घोषित की जाती है जब किसी क्षेत्र में अधिकतम तापमान लगातार दो या अधिक दिनों तक सामान्य से 4.5°C या उससे अधिक बढ़ जाता है। यदि अधिकतम तापमान 45°C को पार कर जाए तो यह हीटवेव की गंभीर स्थिति मानी जाती है।
हीटवेव (Heat Wave ) के मुख्य कारण:
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हवा की गति में कमी – IMD के अनुसार, सुबह के समय हवा की गति 8-10 किमी/घंटा होती है, जो दोपहर में घटकर 4-6 किमी/घंटा रह जाती है। इससे गर्मी में बढ़ोतरी होती है।
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स्पष्ट आसमान और कम बादल – इससे सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ती हैं।
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जल स्रोतों की कमी – पानी की कमी और सूखे जैसे हालात वातावरण को और गर्म बना देते हैं।
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शहरीकरण और कंक्रीट संरचनाएं – शहरों में गर्मी अधिक महसूस होती है जिसे “Urban Heat Island” प्रभाव कहते हैं।
दिल्ली की स्थिति: लगातार दूसरे साल अप्रैल में हीटवेव
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अप्रैल के पहले सप्ताह से ही तापमान सामान्य से काफी ऊपर दर्ज किया जा रहा है। पालम में तापमान 43.2 डिग्री तक पहुंच गया है, जबकि सफदरजंग में भी 42 डिग्री पार किया जा चुका है।
IMD के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के अनुसार:
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आने वाले 3 से 4 दिनों तक दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में हीटवेव जारी रह सकती है।
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हवा की गति कमजोर होने के कारण वातावरण गर्म बना हुआ है।
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रात में भी तापमान सामान्य से अधिक है, जिससे गर्मी से राहत नहीं मिल रही।
लू से बढ़ता स्वास्थ्य संकट
हीटवेव (Heat Wave) सिर्फ असुविधाजनक नहीं होती, बल्कि यह जानलेवा भी हो सकती है। WHO और NCDC के अनुसार, हर साल भारत में हजारों लोग गर्मी से संबंधित बीमारियों का शिकार होते हैं।
हीटवेव (Heat Wave) से होने वाले स्वास्थ्य प्रभाव:
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हीट स्ट्रोक (लू लगना): शरीर का तापमान 40°C से ऊपर चला जाता है, जिससे मस्तिष्क प्रभावित होता है।
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डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण): अत्यधिक पसीना आने से शरीर में पानी की कमी।
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थकान, चक्कर, उल्टी, सिरदर्द जैसी आम समस्याएं।
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बुजुर्गों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों पर सबसे अधिक प्रभाव।
सरकारी प्रयास और चेतावनियां
IMD ने राज्यों को अलर्ट जारी किया है और आम जनता को सावधानी बरतने की सलाह दी है। इसके अंतर्गत:
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दोपहर 12 से 4 बजे तक घर से बाहर न निकलें।
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हल्के और ढीले कपड़े पहनें।
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खूब पानी और नींबू पानी जैसे तरल पदार्थ लें।
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बच्चों, बुजुर्गों और जानवरों को तेज धूप से दूर रखें।
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आवश्यकता पड़ने पर स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें।
कई राज्यों में स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है, वहीं कुछ जगहों पर एहतियातन अवकाश भी घोषित किया गया है।
क्या कहता है मौसम विभाग? आने वाले दिनों की भविष्यवाणी
IMD के मुताबिक, उत्तर भारत में अगले 5-6 दिनों तक तापमान ऊंचा बना रहेगा। राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
मुख्य बिंदु:
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दिल्ली: तापमान 44°C तक जा सकता है, लू का असर अधिक रहेगा।
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राजस्थान: दक्षिणी भागों में तापमान 45°C से ऊपर जा सकता है।
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हरियाणा और पंजाब: लगातार लू के हालात बने रहेंगे।
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उत्तर प्रदेश: कुछ इलाकों में आंधी-तूफान के बाद हल्की राहत मिल सकती है, लेकिन तापमान में ज्यादा गिरावट की उम्मीद नहीं।
जलवायु परिवर्तन की भूमिका
विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक जलवायु परिवर्तन की वजह से हीटवेव (Heat Wave) की घटनाएं अधिक सामान्य और तीव्र होती जा रही हैं। IPCC की रिपोर्ट के अनुसार:
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पिछले 100 वर्षों में हीटवेव की घटनाओं में 3 गुना वृद्धि हुई है।
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ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन से वैश्विक तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है।
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यदि यह स्थिति जारी रही तो भविष्य में हीटवेव अधिक जानलेवा और लम्बी होंगी।
लोगों की प्रतिक्रिया और जमीनी हालात
सोशल मीडिया पर लोग लगातार गर्मी की शिकायत कर रहे हैं। ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर #HeatWave ट्रेंड कर रहा है। कई लोगों ने बिजली कटौती, पानी की कमी और बढ़ते बिजली बिल की समस्याएं साझा की हैं।
गर्मी से बचाव के लिए घरेलू उपाय
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नींबू पानी, छाछ, जलजीरा और आम पना का सेवन करें।
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छाते और कैप का प्रयोग करें।
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खिड़कियों पर गीले पर्दे या बांस की चटाई लगाएं ताकि घर ठंडा बना रहे।
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बिना वजह बाहर न निकलें, विशेषकर दोपहर के समय।
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पानी का अधिकाधिक सेवन करें – हर घंटे एक गिलास।
निष्कर्ष : तैयार रहें, सतर्क रहें
उत्तर भारत में हीटवेव (Heat Wave) की स्थिति अत्यंत गंभीर होती जा रही है। यह सिर्फ एक मौसमी बदलाव नहीं, बल्कि जलवायु परिवर्तन का स्पष्ट संकेत है। जरूरी है कि सरकार और आम जनता दोनों मिलकर इसके प्रति सजग और तैयार रहें। लोगों को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने के साथ-साथ पर्यावरण की सुरक्षा पर भी ध्यान देना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी चरम मौसमी घटनाओं की तीव्रता को कम किया जा सके।
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