Hina Khan Ki Kahani : ब्रैस्ट कैंसर से जंग , मेडिकल साइंस की राय
Hina Khan Ki Kahani : ब्रैस्ट कैंसर से जंग , मेडिकल साइंस की राय
टीवी से फिल्मों तक का सफर तय करने वाली मशहूर अदाकारा Hina Khan , जिन्होंने ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में ‘अक्षरा’ के रूप में अपने अभिनय से लोगों का दिल जीता, इस समय एक कठिन दौर से गुजर रही हैं। आज ही में Hina Khan ने खुलासा किया कि उन्हें तीसरे स्टेज का ब्रेस्ट कैंसर है और उनका इलाज चल रहा है। मात्र 36 साल की उम्र में हिना को इस गंभीर बीमारी ने घेर लिया है।
ब्रेस्ट कैंसर : एक परिचय
ब्रेस्ट कैंसर तब होता है जब ब्रेस्ट की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। ये कोशिकाएं एक ट्यूमर का निर्माण करती हैं जिसे कैंसर कहा जाता है। यदि इस ट्यूमर को समय पर नहीं रोका गया तो यह आसपास के अंगों और शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है। ब्रेस्ट कैंसर की पहचान और इलाज जल्दी होना महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह रोग की गंभीरता को कम कर सकता है।
तीसरे स्टेज का ब्रेस्ट कैंसर : खतरे और कॉम्प्लिकेशंस
तीसरे स्टेज के ब्रेस्ट कैंसर को एडवांस स्टेज माना जाता है। इस स्टेज पर कैंसर ब्रेस्ट के अलावा आसपास के अंगों में भी फैलने लगता है। शारदा अस्पताल के ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर और सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर अनिल ठकवानी के अनुसार, इस स्टेज पर ब्रेस्ट के आसपास सूजन, इंफेक्शन, थकान और दर्द जैसी समस्याएं होती हैं।
कैंसर और उसके इलाज के दौरान मरीज को थकान, कमजोरी और दर्द का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, इमोशनल और मानसिक रूप से भी मरीज कमजोर हो सकता है। कैंसर का नाम सुनते ही मरीज के दिमाग में कई नकारात्मक ख्याल आते हैं जिससे वह एंग्जाइटी और डिप्रेशन का शिकार हो सकता है।
ब्रेस्ट कैंसर का इलाज :
ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कई तरीकों से किया जाता है। इसमें सर्जरी, रेडिएशन थैरेपी, कीमोथैरेपी, हार्मोन थैरेपी और टार्गेटिड थैरेपी शामिल हैं।
सर्जरी :
सर्जरी के जरिए अक्सर मास्टेक्टॉमी (ब्रेस्ट को हटाना) या लम्पेक्टॉमी (ट्यूमर को हटाना) किया जाता है। इसका उद्देश्य कैंसर को शरीर से बिल्कुल अलग करना होता है।
रेडिएशन थैरेपी :
सर्जरी के बाद रेडिएशन थैरेपी दी जाती है ताकि बचे हुए कैंसर सेल्स को खत्म किया जा सके।
कीमोथैरेपी :
सर्जरी से पहले कीमोथैरेपी दी जाती है ताकि कैंसर सेल्स को खत्म या कमजोर किया जा सके।
हार्मोन थैरेपी :
हार्मोन रिसेप्टर-पॉजिटिव कैंसर की ग्रोथ को ब्लॉक करने के लिए हार्मोन थैरेपी दी जाती है।
टार्गेटिड थैरेपी :
इस थैरेपी में कैंसर के सेल्स को विशेष रूप से टारगेट किया जाता है ताकि उन्हें खत्म किया जा सके।
सर्वाइवल रेट और सावधानियां :
स्टेज 3 ब्रेस्ट कैंसर के लिए 5 साल की जीवित रहने की दर औसतन लगभग 72% है। इसका मतलब है कि 100 में से लगभग 72 महिलाएं इलाज के पांच साल बाद भी जीवित रहती हैं। हालांकि, हर मरीज की स्थिति अलग होती है और सटीक भविष्यवाणी करना मुश्किल होता है।
मरीज को समय पर इलाज मिलना, लगातार ट्रीटमेंट और सावधानी बरतने से भी बीमारी पर काबू पाया जा सकता है।
इमोशनल सपोर्ट और मोटिवेशन :
कैंसर के दौरान इमोशनल सपोर्ट और मोटिवेशन भी बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। मरीज को हमेशा सकारात्मक और मजबूत रहने के लिए प्रेरित करना चाहिए। दोस्तों, परिवार और पेशेवर मानसिक स्वास्थ्य सहायता से मरीज को इस कठिन समय से उबरने में मदद मिलती है।
Hina Khan की जंग :
Hina Khan न अपनी इस जंग में मजबूती से डटी हुई हैं। उन्होंने अपनी इस लड़ाई को लेकर अपने फैन्स से भी साझा किया है, जिससे उनके फैंस और भी प्रेरित हो सके। हिना के इस खुलासे ने ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी मदद की है।
निष्कर्ष
ब्रेस्ट कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन सही समय पर पहचान और इलाज से इसे हराया जा सकता है। तीसरे स्टेज के ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कठिन हो सकता है, लेकिन सर्जरी, रेडिएशन, कीमोथैरेपी, हार्मोन थैरेपी और टार्गेटिड थैरेपी के जरिए इससे निपटा जा सकता है। मरीज को इमोशनल सपोर्ट और मोटिवेशन भी देना आवश्यक है। हिना खान की कहानी हमें यह सिखाती है कि कैसे हिम्मत और धैर्य के साथ इस बीमारी का सामना किया जा सकता है।
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