How Tsunami Occurs : जब समंदर की लहरें बन जाती हैं मौत का सैलाब, जानिए इसका कारण, प्रक्रिया और अलर्ट सिस्टम
तेज भूकंप के बाद समंदर की निचली सतह में हुई हलचल ऐसी लहर पैदा करती है जो विनाशकारी रूप ले लेती है। सुनामी की ये लहरें प्रलयकारी होती हैं। इनकी ताकत के आगे सबकुछ तिनके की तरह बिखर जाता है।
हर बार जब धरती कांपती है और समुद्र के गहरे तल में हलचल होती है, तो केवल एक खतरा सिर उठाता है — Tsunami। यह एक ऐसा प्राकृतिक संकट है, जो कुछ ही पलों में जीवन को तबाह कर सकता है। सुनामी के दौरान समुद्र की शांत लहरें अचानक राक्षसी रूप ले लेती हैं और किनारों की ओर तेज़ी से बढ़ती हैं, मानो समंदर अपना गुस्सा उतार रहा हो। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि सुनामी आखिर क्यों आती है, कैसे बनती है, क्या होता है इसके पीछे का विज्ञान, और कैसे दी जाती है इसकी चेतावनी।
Tsunami क्या है?
सुनामी एक जापानी शब्द है, जिसका मतलब है “बंदरगाह की लहर”। यह असामान्य और अत्यधिक शक्तिशाली समुद्री लहरें होती हैं, जो समुद्र के भीतर किसी भी प्रकार की अचानक ऊर्जा के विस्फोट से उत्पन्न होती हैं। यह विस्फोट ज़्यादातर भूंकपों, ज्वालामुखियों के फटने या समुद्र के भीतर भूस्खलन की वजह से होता है।
जब समुद्र की गहराई में पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों में खिसकन होती है, तो यह विशाल मात्रा में पानी को ऊपर की ओर धकेलती है। यही ऊपर उठाया गया पानी जब गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभाव में लौटता है, तो वह उर्जा को लहरों के रूप में बाहर निकालता है। यही होती है सुनामी।
कैसे बनती है Tsunami की लहरें?
Tsunami की प्रक्रिया कुछ इस तरह होती है:
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टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल: पृथ्वी की सतह टेक्टोनिक प्लेटों से बनी होती है जो लगातार गति करती रहती हैं। जब ये प्लेटें एक-दूसरे से टकराती हैं या एक के नीचे दूसरी धंसती है, तो अत्यधिक तनाव उत्पन्न होता है।
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भूकंप का झटका: जब यह तनाव टूटता है, तो समुद्र तल कई मीटर ऊपर या नीचे खिसक सकता है। इससे ऊपर मौजूद पानी तेजी से ऊपर की ओर उठता है।
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ऊर्जा का प्रसार: उठे हुए पानी के नीचे भारी उर्जा होती है, जो चारों ओर बड़ी लहरों के रूप में फैलती है।
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किनारे की ओर रफ्तार: गहरे समुद्र में Tsunami की लहरें 800 से 1000 किमी/घंटा की रफ्तार से यात्रा करती हैं, जो कि एक हवाई जहाज़ के बराबर होती है। लेकिन जब ये लहरें तट के पास उथले पानी में पहुंचती हैं, तो इनकी गति कम हो जाती है और ऊंचाई बढ़ जाती है, जो 30 मीटर या उससे भी ज्यादा हो सकती है।
क्या हर भूकंप Tsunami लाता है?
नहीं। हर भूकंप सुनामी नहीं लाता। इसके लिए कुछ शर्तें होती हैं:
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भूकंप की तीव्रता 7.0 या उससे अधिक होनी चाहिए।
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भूकंप का केंद्र समुद्र तल के नीचे होना चाहिए।
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प्लेट्स की खिसकन वर्टिकल दिशा में होनी चाहिए (ऊपर-नीचे), न कि सिर्फ हॉरिजॉन्टल।
किन देशों को Tsunami का ज्यादा खतरा होता है?
सुनामी का खतरा उन देशों को अधिक होता है जो “Ring of Fire” के आस-पास बसे हैं। यह क्षेत्र प्रशांत महासागर के चारों ओर फैला हुआ है, जहां टेक्टोनिक गतिविधियां अत्यधिक होती हैं। इनमें शामिल हैं:
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जापान
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इंडोनेशिया
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फिलीपींस
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भारत (विशेषकर अंडमान-निकोबार और पूर्वी तट)
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अमेरिका का हवाई द्वीप समूह
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चिली, पेरू आदि
Tsunami चेतावनी कैसे दी जाती है?
सुनामी की चेतावनी के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाता है। भूकंप के तुरंत बाद कई सेंटर यह तय करते हैं कि यह झटका सुनामी पैदा करने में सक्षम है या नहीं।
प्रमुख चेतावनी प्रणालियां:
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प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र (PTWC) – हवाई स्थित यह सेंटर प्रशांत क्षेत्र की निगरानी करता है।
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हिंद महासागर सुनामी चेतावनी केंद्र (IOTWC) – भारत, इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया इसमें मुख्य भूमिका निभाते हैं।
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जापान मीट्रोलॉजिकल एजेंसी – जापान क्षेत्र के लिए विशेष।
इन सेंटरों से जुड़े उपकरण समुद्र तल में लगे होते हैं, जो हर तरह की हलचल को रिकॉर्ड करते हैं।
क्या है DART सिस्टम?
DART (Deep-ocean Assessment and Reporting of Tsunami) एक अत्याधुनिक तकनीक है, जिसे खासतौर पर सुनामी की सटीक जानकारी देने के लिए तैयार किया गया है।
DART कैसे काम करता है?
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समुद्र की गहराई में Bottom Pressure Recorder (BPR) लगाए जाते हैं।
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ये BPR सतह पर तैरते एक उपकरण से जुड़े होते हैं।
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जब समुद्र तल पर कोई असामान्य दबाव होता है, तो यह उपकरण सैटेलाइट के ज़रिए तुरंत डाटा Tsunami चेतावनी केंद्रों तक भेजता है।
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कंप्यूटर आधारित विश्लेषण से तय होता है कि लहरें कितनी ऊंची होंगी और कौन-कौन से इलाके प्रभावित हो सकते हैं।
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इसके बाद उस क्षेत्र की सरकार को अलर्ट जारी कर दिया जाता है ताकि समय रहते लोग सुरक्षित स्थान पर जा सकें।
कितना वक्त मिलता है बचाव के लिए?
DART जैसी आधुनिक तकनीकों की मदद से Tsunami का अलर्ट 30 मिनट से 1 घंटे पहले जारी किया जा सकता है। हालांकि इसकी 100% सटीकता नहीं होती, लेकिन इससे हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती है।
Tsunami से बचाव कैसे संभव है?
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चेतावनी सिस्टम को समझें और मानें – अगर अलर्ट मिले, तो तुरंत ऊंचाई वाले स्थानों की ओर जाएं।
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तटीय क्षेत्रों में रह रहे लोगों को नियमित प्रशिक्षण दें – स्कूलों, ऑफिसों में ड्रिल कराएं।
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इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती – समुद्र के किनारे ऐसे भवन बनें जो लहरों को झेल सकें।
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समुद्र की लहरों में असामान्य बदलाव को पहचानें – अचानक पानी का पीछे हटना खतरे का संकेत हो सकता है।
सुनामी : इतिहास की कुछ खतरनाक घटनाएं
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सुमात्रा-अंडमान सुनामी (2004): 9.1 तीव्रता के भूकंप से 14 देशों में लगभग 2.3 लाख लोगों की मौत।
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जापान सुनामी (2011): 9.0 तीव्रता के भूकंप से फुकुशिमा न्यूक्लियर डिजास्टर हुआ और 20 हजार से अधिक लोगों की जान गई।
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चिली सुनामी (1960): दुनिया का अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप (9.5) जिसने कई देशों में सुनामी की लहरें भेजीं।
निष्कर्ष (Conclusion)
Tsunami एक भयानक और अप्रत्याशित आपदा है जो पलों में सबकुछ तबाह कर सकती है। लेकिन आज तकनीक और चेतावनी प्रणालियों के चलते हम इससे काफी हद तक बचाव कर सकते हैं। ज़रूरत है तो बस समय पर अलर्ट को गंभीरता से लेने और जागरूक रहने की। याद रखें, जान है तो जहान है। यदि आप समुद्र के किनारे रहते हैं तो सुनामी के संकेतों और चेतावनी प्रणाली की जानकारी ज़रूर रखें, क्योंकि यह छोटी सी जागरूकता किसी बड़े संकट से आपको और आपके परिवार को बचा सकती है।
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