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Mahakumbh Takshak Nath Mandir : तक्षक मंदिर का क्या है इतिहास, क्यों इस 1 मंदिर के दर्शन के बिना अधूरा रहता है कुंभ स्नान

Mahakumbh Takshak Nath Mandir : तक्षक मंदिर का क्या है इतिहास,  क्यों इस 1 मंदिर के दर्शन के बिना अधूरा रहता है कुंभ स्नान

Mahakumbh Takshak Nath Mandir : महाकुंभ 2025 का शुभारंभ होते ही प्रयागराज में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। देश-विदेश से लाखों भक्त पुण्य की प्राप्ति और मोक्ष की आशा लिए संगम में डुबकी लगा रहे हैं। परंतु क्या आप जानते हैं कि संगम स्नान के साथ-साथ एक और महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, जिसके दर्शन के बिना महाकुंभ की यात्रा अधूरी मानी जाती है? यह स्थल है तक्षक तीर्थ मंदिर, जो प्रयागराज के दरियाबाद मोहल्ले में स्थित है। यह मंदिर नागराज तक्षक को समर्पित है और इसका उल्लेख अनेक धार्मिक ग्रंथों, विशेष रूप से पद्म पुराण में मिलता है।

महाकुंभ तक्षक नाथ मंदिर (Mahakumbh Takshak Nath Mandir) का पौराणिक इतिहास

तक्षक तीर्थ मंदिर का नाम नागराज तक्षक के नाम पर पड़ा है, जो कि नागों के राजा माने जाते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, तक्षक नाग की उत्पत्ति महर्षि कश्यप और कद्रू के पुत्रों में से हुई थी। महाभारत में भी इनका उल्लेख मिलता है, जहां तक्षक नाग ने राजा परीक्षित को अपने विष से भस्म कर दिया था। इससे जुड़ी एक और मान्यता के अनुसार, तक्षक नाग ने भगवान शिव की घोर तपस्या की थी और उनकी कृपा प्राप्त की थी।

पद्म पुराण और अन्य ग्रंथों में तक्षक तीर्थ नाथ का उल्लेख

पद्म पुराण के सप्तम अध्याय में तक्षक नाथ का विस्तृत वर्णन किया गया है। इसमें बताया गया है कि जो भी व्यक्ति इस मंदिर में आकर नागराज तक्षक के दर्शन करता है, उसे कालसर्प दोष, राहु-केतु दोष और विषबाधा से मुक्ति मिलती है।

अन्य ग्रंथों में यह भी उल्लेख मिलता है कि जो भक्त महाकुंभ, अर्धकुंभ, माघ मेले या सावन के महीने में इस मंदिर के दर्शन करता है, उसे विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि इस मंदिर में आकर नागराज तक्षक की पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और समस्त बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

महाकुंभ तक्षक नाथ मंदिर (Mahakumbh Takshak Nath Mandir) का धार्मिक महत्व

मंदिर की वास्तुकला और प्रमुख आकर्षण

महाकुम्भ तक्षक नाथ मंदिर (Mahakumbh Takshak Nath Mandir) की वास्तुकला प्राचीन शैली की है, जिसमें मंदिर के मुख्य गर्भगृह में नागराज तक्षक की प्रतिमा विराजमान है।

महाकुंभ 2025 के दौरान तक्षक तीर्थ की तैयारियां

महाकुंभ 2025 को देखते हुए राज्य सरकार ने इस मंदिर के आसपास के क्षेत्र का सुंदरीकरण कार्य किया है। मंदिर के महंत पंकज दुबे ने बताया कि सरकार की इस पहल से श्रद्धालुओं को अधिक सुविधा मिल रही है।

श्रद्धालुओं का अनुभव

श्रद्धालु सुधा दुबे के अनुसार, “यह मंदिर बहुत पौराणिक है और यहाँ कालसर्प योग की पूजा होती है। जब हम चार धाम की यात्रा करके प्रयागराज आते हैं तो तक्षक महराज के दर्शन के बिना हमारी यात्रा अधूरी रहती है। पुराणों में इसका विशेष उल्लेख है।”

महाकुंभ तक्षक नाथ मंदिर(Mahakumbh Takshak Nath Mandir) कैसे पहुंचे?

क्यों जरूरी है महाकुंभ में तक्षक नाथ मंदिर के दर्शन?

महाकुंभ 2025 एक अत्यंत पावन अवसर है, जिसमें श्रद्धालु संगम में स्नान कर अपने जीवन को पवित्र करने के लिए आते हैं। परंतु यह स्नान तब तक पूर्ण नहीं माना जाता जब तक तक्षक नाथ के दर्शन नहीं किए जाते। यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए मोक्ष प्राप्ति का मार्ग खोलता है और समस्त पापों का नाश करने में सहायक माना जाता है।

महाकुम्भ तक्षक नाथ मंदिर प्रयागराज की आध्यात्मिक धरोहर है। इसका धार्मिक, ऐतिहासिक और ज्योतिषीय महत्व इसे महाकुंभ के दौरान एक अनिवार्य तीर्थ स्थल बना देता है। यदि आप महाकुंभ 2025 में संगम स्नान के लिए आ रहे हैं, तो तक्षक नाथ मंदिर के दर्शन अवश्य करें, जिससे आपकी यात्रा पूरी हो और आपको पूर्ण पुण्य की प्राप्ति हो।

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