Nalanda University Udghatan : विश्व धरोहर जो फिर से मील का पत्थर साबित होगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बिहार के राजगीर में Nalanda University के नए कैंपस का उद्घाटन किया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने इसे भारत की विकास यात्रा का शुभ संकेत बताया और कहा कि नालंदा केवल एक नाम नहीं बल्कि एक पहचान है। नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास अत्यंत गौरवशाली रहा है और इसका पुनर्निर्माण एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
नालंदा विश्वविद्यालय का गौरवशाली इतिहास :
Nalanda University , एक ऐसा प्रतिष्ठान है जिसे तक्षशिला के बाद दुनिया का दूसरा सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय कहा जाता है। संपूर्ण विश्व में भारतीय उपमहाद्वीप को पहचान दिलाने वाले संस्थानों में इसका नाम उल्लेखनीय रहा है। इसकी स्थापना गुप्त काल के दौरान पांचवीं सदी में हुई थी, जब कुमारगुप्त प्रथम ने नींव रखी थी। उस समय यह दुनिया का पहला आवासीय विश्वविद्यालय था और प्राचीन भारत का उच्च शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र हुआ करता था।
Nalanda University का इतिहास करीब 1600 साल पुराना है और इसे दुनिया के पहले आवासीय विश्वविद्यालयों में से एक माना जाता है। प्राचीन काल में यह विश्वविद्यालय ज्ञान का केंद्र था जहां दस हजार छात्र और दो हजार शिक्षक हुआ करते थे। 2016 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया। इसकी स्थापना गुप्त काल के दौरान पांचवीं सदी में हुई थी। कुमारगुप्त प्रथम ने मेरी नींव रखी थी और उस समय मैं दुनिया का पहला आवासीय विश्वविद्यालय बना। मेरे यहां आने वाले छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिलती थी और वे दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आते थे।
पुस्तकालय ‘धर्म गूंज’ का महत्वपूर्ण स्थान था। यह नौ मंजिला पुस्तकालय अध्ययन और अनुसंधान का केंद्र था। इसके तीन भाग – ‘रत्नरंजक’, ‘रत्नोदधि’ और ‘रत्नसागर’ – में विभिन्न विषयों पर असंख्य किताबें थीं। यह पुस्तकालय केवल किताबों का भंडार नहीं था, बल्कि ज्ञान और शोध का महत्वपूर्ण केंद्र भी था।
शिक्षा और आवास :
Nalanda University परिसर में छात्रों को न केवल निःशुल्क शिक्षा दी जाती थी, बल्कि उनका रहना और खाना भी निःशुल्क होता था। यह व्यवस्था छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए महत्वपूर्ण थी, जिससे वे अपने अध्ययन पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित कर पाते थे
नए कैंपस की विशेषताएं :
नए कैंपस में आधुनिक सुविधाओं के साथ दो एकेडमिक ब्लॉक हैं जिनमें 40 कक्षाएं हैं और एक साथ 900 छात्र बैठ सकते हैं। यहां 300 सीटों वाले दो सभागार और 550 छात्रों के लिए हॉस्टल सुविधा भी उपलब्ध है।
पर्यावरण अनुकूल ‘नेट ज़ीरो’ कैंपस :
Nalanda University का नया कैंपस ‘नेट ज़ीरो’ ग्रीन कैंपस है, जो सोलर प्लांट, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और रिसाइक्लिंग प्लांट जैसी पर्यावरण अनुकूल सुविधाओं से सुसज्जित है। यह कैंपस न केवल शिक्षा बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
उद्घाटन समारोह की महत्वपूर्ण बातें :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा, “नालंदा सत्य का उद्घोष है कि आग की लपटों में किताब भले जल जाए लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकती।” मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, “नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास काफ़ी गौरवशाली है। प्राचीन काल में नालंदा विश्वविद्यालय की पहचान ज्ञान के केंद्र के रूप में थी।”
इस अवसर पर कई देशों के राजदूत और प्रतिष्ठित लोग भी मौजूद थे। विश्वविद्यालय के कुलपति अभय कुमार सिंह ने इसे ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की यह यात्रा एक प्रतिष्ठित और शुभ अवसर है।
Nalanda University का नया कैंपस शिक्षा और पर्यावरण का एक अद्वितीय संगम है, जो भविष्य में भारत के शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।