Om Birla 2024 Sadan Ke Sitare : दूसरी बार बने लोक लोक सभा स्पीकर , रिकॉर्ड सवालों को लेकर कई उपलब्धियां हैं हासिल
Om Birla , एक प्रमुख भाजपा नेता और लोकसभा के अध्यक्ष, को लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष के रूप में चुना गया है। उनके इस चयन से उनके कार्यकाल की उपलब्धियों और नेतृत्व क्षमता की पुष्टि होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मिलकर उन्हें उनके आसन तक लेकर गए, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि उनका चयन सर्वसम्मति से हुआ है।
बचपन और शिक्षा :
राजस्थान के कोटा शहर में 4 दिसंबर, 1962 को जन्मे ओम बिरला का बचपन और शिक्षा कोटा में ही हुई। उनकी मां का नाम शकुंतला देवी और पिता का नाम कृष्ण बिरला है। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा कोटा के गुमानपुरा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय से पूरी की और फिर राजस्थान विश्वविद्यालय से बी.कॉम और एम.कॉम की डिग्री प्राप्त की। बिरला ने अपनी शिक्षा के दौरान ही छात्र राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए।
प्रारंभिक राजनीतिक जीवन :
Om Birla ने 1979 में छात्र राजनीति में कदम रखा और कोटा के गुमानपुरा स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए। इसके बाद उन्होंने RSS में प्रधान सदस्य के रूप में शामिल होकर अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की। 1987 में उन्होंने भारतीय जनता युवा मोर्चा के सदस्य बने और जल्द ही जिला अध्यक्ष बने। इसके बाद उन्होंने भाजपा युवा मोर्चा के राज्य अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।
राजनीतिक करियर :
ओम बिरला का राजनीतिक करियर 2003 में शुरू हुआ जब वे पहली बार राजस्थान विधानसभा के सदस्य चुने गए। इसके बाद उन्होंने 2008 और 2013 में भी चुनाव जीतकर विधानसभा में प्रवेश किया। तीन बार विधायक के रूप में सेवा देने के बाद, 2014 में वे कोटा संसदीय सीट से सांसद चुने गए और फिर 2019 में दोबारा लोकसभा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने संसद की कई महत्वपूर्ण समितियों में सदस्य के रूप में कार्य किया।
लोकसभा अध्यक्ष के रूप में पहला कार्यकाल :
Om Birla पहली बार 2019 में लोकसभा अध्यक्ष बने। उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने सदन में शांति और अनुशासन बनाए रखने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उन्होंने सांसदों को संसदीय कार्यवाही के दौरान अधिकतम समय देने और उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दिया। बिरला के नेतृत्व में लोकसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से चलती रही और कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए।
दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष :
2024 में, ओम बिरला को लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुना गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके नाम का प्रस्ताव सदन में रखा और सदन के सदस्यों ने ध्वनि मत से उन्हें चुन लिया। बिरला का दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बनना उनके नेतृत्व और कार्यकुशलता की मान्यता है। अगर वे अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर लेते हैं, तो वे बलराम जाखड़ के बाद दूसरे नेता होंगे जिन्होंने दो बार पूरा कार्यकाल पूरा किया है।
उपलब्धियां :
Om Birla का राजनीतिक जीवन कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों से भरा हुआ है। जब वे विधायक थे, उन्होंने 13वीं राजस्थान विधानसभा में 500 से अधिक सवाल पूछे और सदन में छह बार से ज्यादा बहस में शामिल हुए। यह उनके गहन ज्ञान और संसदीय कार्यप्रणाली में उनकी गहरी समझ को दर्शाता है। उनके इस सक्रिय योगदान के लिए उनका नाम “सदन के सितारे” में शामिल किया गया था।
कोटा शहर में आईआईटी की स्थापना के लिए ओम बिरला ने ऐतिहासिक आंदोलन का नेतृत्व किया। यह उनकी दूरदर्शिता और कोटा के युवाओं के भविष्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस आंदोलन के माध्यम से उन्होंने कोटा को एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
बूंदी में नदी के पानी की आपूर्ति के लिए भी ओम बिरला ने आंदोलन किया। इस आंदोलन ने क्षेत्र की जल संकट को दूर करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया और लोगों की समस्याओं को हल करने में उनकी सक्रियता को प्रदर्शित किया।
ओम बिरला ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खिलाफ सिटी डेवलपमेंट टैक्स और मूवमेंट में छूट के लिए रावतभाटा आंदोलन का नेतृत्व किया। इस आंदोलन के लिए उन्हें श्रेय दिया जाता है क्योंकि उन्होंने स्थानीय व्यापारियों और आम जनता के हितों की रक्षा के लिए कड़ा संघर्ष किया।
राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड नई दिल्ली के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए, ओम बिरला ने पूरे देश में सुपर बाजार योजना के नेटवर्क के विकास की योजना शुरू की। यह उनके संगठनात्मक कौशल और सहकारी आंदोलन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सामाजिक कार्य :
ओम बिरला ने अपने राजनीतिक करियर के अलावा सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। 2004 की बाढ़ के दौरान पीड़ितों की मदद की और गंभीर रोग से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी। उन्होंने 2006 में ‘आजादी के स्वर’ कार्यक्रम में 15 हजार से अधिक अधिकारियों को सम्मानित किया।
व्यक्तिगत जीवन :
ओम बिरला का व्यक्तिगत जीवन भी उनके सामाजिक और राजनीतिक जीवन के समान ही उल्लेखनीय है। उनकी पत्नी अमिता बिरला पेशे से सरकारी डॉक्टर हैं और उनके दो बेटियां अंजली और आकांक्षा हैं। ओम बिरला का परिवार उनके राजनीतिक और सामाजिक कार्यों में हमेशा उनका समर्थन करता रहा है।
आपातकाल और विपक्ष का हंगामा :
हाल ही में, लोकसभा में ओम बिरला ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान लगाए गए आपातकाल का जिक्र किया और उसकी निंदा की। उनके इस बयान के बाद विपक्ष ने सदन में हंगामा कर दिया। बिरला ने अपने भाषण में आपातकाल के दौरान नागरिक स्वतंत्रता के हनन और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हुए हमलों की निंदा की।
निष्कर्ष
ओम बिरला का राजनीतिक करियर, सामाजिक योगदान और लोकसभा अध्यक्ष के रूप में उनकी भूमिका उन्हें एक उत्कृष्ट नेता के रूप में प्रस्तुत करती है। उनका नेतृत्व, सेवा भावना और जनता के प्रति समर्पण उन्हें अन्य नेताओं से अलग बनाता है। उनके लगातार दूसरे कार्यकाल के साथ, उम्मीद की जाती है कि वे लोकसभा में और अधिक सकारात्मक बदलाव लाएंगे और भारतीय लोकतंत्र को और मजबूत बनाएंगे।
Om Birla का जीवन और करियर एक प्रेरणा स्रोत है और उनके अनुभव और समर्पण से भारतीय राजनीति को एक नई दिशा मिलेगी। उनका नेतृत्व आने वाले वर्षों में भी भारतीय लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण रहेगा।
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