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PM Kisan Yojana Benefits : ई-केवाईसी और भू-सत्यापन के बिना किसानों को नहीं मिलेगा 18वीं किस्त का लाभ किसानों के लिए एक अहम चेतावनी

PM Kisan Yojana Benefits : ई-केवाईसी और भू-सत्यापन के बिना किसानों को नहीं मिलेगा 18वीं किस्त का लाभ किसानों के लिए एक अहम चेतावनी

PM Kisan Yojana

जानें कैसे PM Kisan Yojana का लाभ उठाने के लिए पूरी करनी होंगी जरूरी शर्तें

भारत एक कृषि प्रधान देश है, और यहां की अर्थव्यवस्था का प्रमुख हिस्सा कृषि पर आधारित है। लेकिन देश के अधिकांश किसान आज भी आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं, और अपनी खेती से पर्याप्त आमदनी नहीं कर पा रहे हैं। इन किसानों की मदद के लिए भारत सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनका उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करना है। इन्हीं योजनाओं में से एक है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-Kisan Yojana), जो किसानों को सीधा आर्थिक सहयोग प्रदान करती है।

PM Kisan Yojana : किसानों के लिए सीधी आर्थिक सहायता

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को 1 दिसंबर 2018 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को सालाना ₹6000 की सीधी आर्थिक सहायता प्रदान करना है। यह राशि साल में तीन किस्तों में दी जाती है, प्रत्येक किस्त ₹2000 की होती है। इस योजना का लाभ देश के करोड़ों किसानों को मिल रहा है। अब तक 17 किस्तें जारी की जा चुकी हैं, जिससे लगभग 12 करोड़ किसान लाभान्वित हो चुके हैं।

18वीं किस्त का इंतजार : क्यों हो सकते हैं कई किसान वंचित?

अब किसानों को योजना की 18वीं किस्त का बेसब्री से इंतजार है, लेकिन एक महत्वपूर्ण खबर यह है कि इस बार कुछ किसानों को इस किस्त का लाभ नहीं मिल पाएगा। इसका प्रमुख कारण यह है कि कई किसानों ने अब तक योजना से जुड़ी आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा नहीं किया है। इन प्रक्रियाओं में ई-केवाईसी (e-KYC) और भू-सत्यापन (Land Verification) प्रमुख हैं। यदि कोई किसान इन दोनों शर्तों को पूरा नहीं करता है, तो उसे इस बार की किस्त का लाभ नहीं मिलेगा।

ई-केवाईसी और भू-सत्यापन : क्यों हैं ये आवश्यक?

सरकार ने हाल के वर्षों में योजनाओं में पारदर्शिता और सत्यापन को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। पीएम किसान योजना में भी ई-केवाईसी और भू-सत्यापन को अनिवार्य किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि योजना का लाभ सही किसानों को मिल रहा है।

1. ई-केवाईसी :

ई-केवाईसी का उद्देश्य किसानों की पहचान की पुष्टि करना है। इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि जो व्यक्ति योजना का लाभ ले रहा है, वह सही लाभार्थी है। इससे योजना में धोखाधड़ी के मामलों को कम किया जा सकता है। आधार कार्ड के जरिए किसान अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।

2. भू-सत्यापन :

किसान जिस जमीन पर खेती कर रहा है, उसका भू-सत्यापन भी जरूरी है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिल रहा है, जो असल में जमीन के मालिक या खेती करने वाले हैं। यह सत्यापन स्थानीय स्तर पर कृषि विभाग द्वारा किया जाता है।

किन किसानों को नहीं मिलेगा योजना का लाभ?

अगर आप पीएम किसान योजना के तहत पंजीकृत हैं, तो यह जानना आवश्यक है कि यदि आपने ई-केवाईसी और भू-सत्यापन नहीं कराया है, तो आपको अगली किस्त का लाभ नहीं मिलेगा। योजना के तहत पहले ही अंतिम तिथि घोषित की जा चुकी है, और जो किसान इस तिथि तक इन प्रक्रियाओं को पूरा नहीं करेंगे, वे योजना की 18वीं किस्त से वंचित रह सकते हैं। इसलिए, किसानों को जल्द से जल्द अपनी ई-केवाईसी और भू-सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करना चाहिए।

कैसे कराएं ई-केवाईसी और भू-सत्यापन?

1. ई-केवाईसी कराने की प्रक्रिया :

किसान अपनी ई-केवाईसी को खुद भी ऑनलाइन माध्यम से कर सकते हैं। इसके लिए पीएम किसान योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आधार नंबर दर्ज कर, ओटीपी के जरिए यह प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। अगर आप इसे ऑनलाइन नहीं कर पा रहे हैं, तो नजदीकी सीएससी केंद्र (Common Service Centre) पर जाकर भी यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।

2. भू-सत्यापन की प्रक्रिया :

भू-सत्यापन के लिए किसान को अपने राज्य के राजस्व विभाग या कृषि विभाग के कार्यालय में जाना होगा। यहां से वे अपनी जमीन का दस्तावेज सत्यापन करवा सकते हैं। कई राज्यों में इस प्रक्रिया को भी डिजिटल कर दिया गया है, जिससे किसान घर बैठे भी अपना भू-सत्यापन कर सकते हैं।

योजना से बाहर होने वाले किसान कौन हैं?

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सरकार ने योजना में पारदर्शिता लाने के लिए कुछ नए नियम लागू किए हैं। अब उन किसानों को योजना का लाभ नहीं मिलेगा, जो निम्नलिखित श्रेणियों में आते हैं:

  1. उच्च आय वर्ग के किसान : जिन किसानों की वार्षिक आय ₹10 लाख से अधिक है।
  2. सरकारी कर्मचारियों : जिनके परिवार के सदस्य किसी सरकारी सेवा में कार्यरत हैं।
  3. संपन्न किसान : जिनके पास 2 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि है।
  4. पेंशनधारी किसान : जिनको ₹10,000 से अधिक पेंशन मिलती है।

PM Kisan Yojana के लाभ और इसके दूरगामी परिणाम :

पीएम किसान योजना ने छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहयोग प्रदान कर उनकी आजीविका को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इससे किसानों को खेती के लिए आवश्यक उपकरण और संसाधन जुटाने में मदद मिलती है। इसके अलावा, यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी सहायक है। सीधे आर्थिक सहायता से किसान कर्ज़ लेने की जरूरत से बच सकते हैं और अपने जीवन स्तर को बेहतर बना सकते हैं।

कैसे बचें PM Kisan Yojana से बाहर होने से?

किसानों को यह ध्यान रखना चाहिए कि योजना से बाहर होने से बचने के लिए ई-केवाईसी और भू-सत्यापन की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करें। साथ ही, जो किसान इस योजना के तहत नहीं आते हैं, उन्हें योजना की पात्रता शर्तों को समझना चाहिए और यदि वे पात्र हैं, तो योजना में शामिल होने के लिए आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करें।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Yojana) एक ऐसी पहल है जो किसानों की आर्थिक मदद कर उनके जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करती है। लेकिन यह योजना तभी सफल हो सकती है, जब किसान अपनी आवश्यक प्रक्रियाओं को समय पर पूरा करें। यदि आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो तुरंत अपनी ई-केवाईसी और भू-सत्यापन प्रक्रिया पूरी कर लें, ताकि अगली किस्त का लाभ आप तक पहुंच सके।

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