Ram Mandir : सालाना 700 करोड़ की कमाई कर राम मंदिर ने शिरडी और वैष्णो देवी मंदिर को पीछे छोड़ा, सालाना मिल रहा इतना दान
Ram Mandir : सालाना 700 करोड़ की कमाई कर राम मंदिर ने शिरडी और वैष्णो देवी मंदिर को पीछे छोड़ा, सालाना मिल रहा इतना दान
अयोध्या स्थित Ram Mandir ने अपनी भव्यता, धार्मिक महत्त्व और श्रद्धालुओं के अद्वितीय प्रेम के कारण भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों में एक विशेष स्थान बना लिया है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह मंदिर न केवल आस्था का केंद्र बन गया है, बल्कि चढ़ावे के मामले में भी यह तेजी से अन्य बड़े मंदिरों को पीछे छोड़ रहा है।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा और भक्तों का उमड़ा सैलाब
राम मंदिर (Ram Mandir) में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को विधिवत संपन्न हुई थी। इसके बाद से ही यह मंदिर भक्तों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। लगभग 13 करोड़ से अधिक श्रद्धालु अब तक इस पवित्र स्थल पर दर्शन के लिए आ चुके हैं। महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों ने भी राम मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या में इजाफा किया है। प्रतिदिन लगभग 2 से 5 लाख लोग अयोध्या पहुंच रहे हैं, जिससे यह मंदिर न केवल आस्था का केंद्र बना हुआ है, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
सालाना चढ़ावे में Ram Mandir का दबदबा
Ram Mandir में चढ़ावे की सालाना राशि ने देश के कई बड़े मंदिरों को पीछे छोड़ दिया है। एक अनुमान के मुताबिक, राम मंदिर में सालाना दान 700 करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है। यह आंकड़ा शिरडी साईं बाबा मंदिर और वैष्णो देवी मंदिर के चढ़ावे से कहीं अधिक है। शिरडी मंदिर में सालाना चढ़ावा करीब 400-450 करोड़ रुपये होता है, जबकि वैष्णो देवी मंदिर में यह राशि लगभग 400 करोड़ रुपये है।
महाकुंभ का योगदान
2024 में आयोजित महाकुंभ ने राम मंदिर में दान की राशि को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया। महाकुंभ के एक माह के दौरान लगभग 15 करोड़ रुपये से अधिक का दान प्राप्त हुआ। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि श्रद्धालु इस मंदिर को अपने आराध्य के प्रति समर्पण का प्रतीक मानकर उदारतापूर्वक दान कर रहे हैं।राम मंदिर अब देश के उन धार्मिक स्थलों में शामिल हो गया है, जो सबसे अधिक दान अर्जित करते हैं।
स्वर्ण मंदिर, शिरडी और वैष्णो देवी मंदिर की सूची में राम मंदिर ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है। यह स्थिति इस बात का प्रमाण है कि राम मंदिर न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से भी भारत के लिए महत्वपूर्ण हो गया है।
Ram Mandir की वास्तुकला और विशेषताएं
राम मंदिर अपनी परंपरागत नागर शैली की वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। इसे भारतीय वास्तुकला की समृद्ध परंपराओं का आदर्श उदाहरण माना जा रहा है।राम मंदिर की मुख्य संरचना तीन मंजिला होगी। हर मंजिल की ऊंचाई 20 फीट है। मंदिर की कुल लंबाई 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट होगी। इसमें 392 स्तंभ और 44 द्वार होंगे। हर स्तंभ पर अद्भुत नक्काशी की गई है, जो भगवान राम और भारतीय संस्कृति से जुड़े विभिन्न पहलुओं को दर्शाती है। मंदिर का निर्माण कार्य 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। इस पर लगभग 1800 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह राशि दान और अन्य स्रोतों से प्राप्त हो रही है।
धार्मिक और आर्थिक महत्त्व
राम मंदिर न केवल धार्मिक, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अयोध्या में मंदिर के निर्माण और इसे देखने आने वाले श्रद्धालुओं की वजह से स्थानीय व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिला है।
पर्यटन में उछाल
Ram Mandir बनने के बाद अयोध्या में पर्यटन उद्योग में जबरदस्त वृद्धि हुई है। लाखों श्रद्धालु और पर्यटक यहां आ रहे हैं, जिससे होटल, रेस्टोरेंट और अन्य व्यवसायों को लाभ हो रहा है।मंदिर निर्माण और पर्यटन से जुड़े कार्यों ने स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं। विशेष रूप से निर्माण कार्य, परिवहन और सेवा क्षेत्र में युवाओं को नौकरी मिल रही है।
राम मंदिर भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बन गया है। यह मंदिर न केवल हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए, बल्कि अन्य धर्मों के लोगों के लिए भी आस्था और प्रेरणा का स्रोत है।
अन्य प्रमुख मंदिरों की तुलना
Ram Mandir ने अपनी चढ़ावे की राशि और श्रद्धालुओं की संख्या के मामले में शिरडी और वैष्णो देवी जैसे प्रमुख मंदिरों को पीछे छोड़ दिया है।
शिरडी साईं बाबा मंदिर
शिरडी का साईं बाबा मंदिर भारत का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यहां सालाना चढ़ावा लगभग 400-450 करोड़ रुपये होता है। यह मंदिर साईं बाबा के भक्तों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है।
वैष्णो देवी मंदिर
जम्मू-कश्मीर स्थित वैष्णो देवी मंदिर हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। इस मंदिर में सालाना चढ़ावा करीब 400 करोड़ रुपये है। यह मंदिर पहाड़ों की गोद में स्थित है और अपनी कठिन यात्रा के लिए प्रसिद्ध है।
Ram Mandir के निर्माण के साथ ही अयोध्या को एक विश्वस्तरीय धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना है। सरकार और मंदिर प्रबंधन समिति इसके लिए कई परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं।अयोध्या को एक स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां आधुनिक सुविधाएं, बेहतर परिवहन व्यवस्था और पर्यटकों के लिए विशेष योजनाएं लागू की जा रही हैं।मंदिर में नियमित रूप से धार्मिक अनुष्ठान, यज्ञ और उत्सव आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों से श्रद्धालुओं की आस्था और मजबूत होगी।
निष्कर्ष
अयोध्या का Ram Mandir न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का अद्भुत उदाहरण भी है। चढ़ावे के मामले में यह मंदिर तेजी से अपनी पहचान बना रहा है और शिरडी व वैष्णो देवी जैसे प्रतिष्ठित धार्मिक स्थलों को पीछे छोड़ चुका है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से यह स्थल भक्तों की पहली पसंद बन गया है।
इस मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यह निश्चित रूप से भारत के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक होगा। मंदिर की भव्यता, धार्मिक महत्व और श्रद्धालुओं की अद्वितीय भक्ति इसे आने वाले वर्षों में और भी महत्वपूर्ण बनाएगी।
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