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Ranveer Allahabadia Controversy : क्या OTT पर अश्लील कंटेंट ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ का गलत इस्तेमाल है?

Ranveer Allahabadia Controversy : क्या OTT पर अश्लील कंटेंट ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ का गलत इस्तेमाल है?

Ranveer Allahabadia

Ranveer Allahabadia Case : भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत हर नागरिक को अपनी राय व्यक्त करने की स्वतंत्रता दी गई है। लेकिन यह स्वतंत्रता असीमित नहीं है, क्योंकि अनुच्छेद 19(2) के तहत सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता, और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाली अभिव्यक्तियों पर रोक लगाई जा सकती है। हाल ही में मशहूर यूट्यूबर Ranveer Allahabadia ने एक शो में विवादित टिप्पणी की, जिसके चलते उन पर तीखी आलोचना हुई। इस मामले ने ओटीटी और डिजिटल मीडिया पर अश्लील कंटेंट के बढ़ते प्रभाव पर नई बहस छेड़ दी है।

डिजिटल मीडिया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता

बीते कुछ वर्षों में डिजिटल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अश्लीलता और हिंसा दिखाने वाले कंटेंट की संख्या में वृद्धि हुई है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अनुसार, इन प्लेटफॉर्म्स को नियंत्रित करने के लिए IT Rules, 2021 लागू किए गए थे, लेकिन इन नियमों का प्रभावी क्रियान्वयन अभी भी एक चुनौती बना हुआ है।

आईटी नियमों के तहत:

  • सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को यह सुनिश्चित करना होता है कि उनका कंटेंट किसी भी कानून का उल्लंघन न करे।
  • आपत्तिजनक सामग्री को प्लेटफॉर्म से हटाने की जिम्मेदारी इन्हीं कंपनियों पर होती है।
  • यूजर्स की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करनी होती है।

ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए मौजूदा नियम

ओटीटी प्लेटफॉर्म्स, जैसे नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम, यूट्यूब, डिज़्नी हॉटस्टार आदि, IT Rules, 2021 के अंतर्गत आते हैं। ये प्लेटफॉर्म्स:

  • अपने कंटेंट को आयु-आधारित वर्गीकरण के तहत प्रस्तुत करें।
  • अश्लील और हिंसक कंटेंट के लिए विशेष चेतावनी जारी करें।
  • अश्लील या आपत्तिजनक सामग्री की शिकायत मिलने पर उसे हटाने की प्रक्रिया अपनाएं।

लेकिन मौजूदा नियमों के बावजूद, कई ओटीटी शो और सोशल मीडिया कंटेंट में अश्लील भाषा और हिंसक दृश्यों की भरमार है, जिससे कई सामाजिक संगठनों और दर्शकों ने आपत्ति जताई है।

Ranveer Allahabadia विवाद: क्या कहा कोर्ट ने?

Ranveer Allahabadia, जो ‘BeerBiceps’ नाम से मशहूर हैं, ने हाल ही में यूट्यूब के एक शो में माता-पिता पर एक विवादित टिप्पणी की थी। यह बयान वायरल होते ही भारी विरोध झेलना पड़ा, और उन पर केस भी दर्ज किया गया।

हालांकि इलाहाबादिया ने माफी मांग ली, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनके बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। कोर्ट ने टिप्पणी की कि इस तरह की भाषा और अभिव्यक्ति को ‘अश्लीलता’ से अलग नहीं किया जा सकता। साथ ही, कोर्ट ने यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट को रोकने के लिए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।

सरकार का अगला कदम

Ranveer Allahabadia

19 फरवरी को सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत:

  • ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को और अधिक सख्त सेंसरशिप नियमों का पालन करना होगा।
  • अश्लील कंटेंट पर रोक लगाने के लिए नए कानून बनाए जाएंगे।
  • “A-रेटेड कंटेंट” के लिए और अधिक स्पष्ट दिशा-निर्देश तय किए जाएंगे।

क्या अश्लीलता परिभाषा समय के साथ बदल गई है?

अश्लीलता की परिभाषा समय के साथ बदलती रही है। पहले इसे केवल यौन सामग्री तक सीमित माना जाता था, लेकिन अब अदालतें इसे समाज की नैतिकता और सार्वजनिक हित से जोड़कर देखती हैं। उदाहरण के तौर पर:

  • 1957 में सुप्रीम कोर्ट ने ‘रंजीत डी. उडेशी केस’ में कहा था कि अश्लील सामग्री समाज पर बुरा प्रभाव डाल सकती है।
  • ‘साक्षी केस’ में कोर्ट ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ जिम्मेदारी भी होनी चाहिए।

क्या ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर सेंसरशिप जरूरी है?

ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अनियमित अश्लील कंटेंट को देखते हुए सेंसरशिप की मांग उठ रही है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ का हनन होगा? या फिर इसे एक जरूरी कदम माना जाए?

कुछ लोगों का मानना है कि इंटरनेट पर स्वतंत्रता को बनाए रखना जरूरी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि समाज में नैतिकता और संस्कृति की अनदेखी हो। वहीं, कई लोग यह भी मानते हैं कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को खुद ही अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए।

निष्कर्ष

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Ranveer Allahabadia विवाद ने एक गंभीर चर्चा को जन्म दिया है कि क्या ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ का दुरुपयोग है। वर्तमान कानूनों में कुछ खामियां हैं, लेकिन सरकार नए नियमों पर विचार कर रही है। यह जरूरी है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स स्वतंत्रता और नैतिकता के बीच संतुलन बनाए रखें, ताकि समाज पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े।

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https://youtu.be/WSIDCX7cnrg?si=WIxgPV5klq0Yxfd9

 

 

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