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Sawan 2024 : जाने भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के विशेष महत्व और विस्तृत पूजा विधि के बारे में

Sawan 2024 : जाने भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के विशेष महत्व और विस्तृत पूजा विधि के बारे में

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Sawan का महीना हिन्दू धर्म में अत्यंत पावन और पवित्र माना जाता है। इस बार सावन ( Swan ) का महीना 22 जुलाई से 19 अगस्त तक रहेगा। Sawan का महीने भगवान शिव को बहुत प्रिय है और इस महीने के हर सोमवार को भगवान के भक्त व्रत रखते है और शिवलिंग पर जलाभिषेक करके उनकी आराधना करते हैं। शिवलिंग की पूजा भगवान शिव के सभी रूपों में सबसे जयादा आराधनीय है।

इस महीने भगवान् की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है की सावन (Sawan ) में भगवान् शिव की पूजा से विशेष फल की प्राप्ति होती है और भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस महीने भोले बाबा की अपने भक्तों पर विशेष कृपा होती है , इसीलिए लोग न जाने कितनी दूर पैदल यात्रा कर शिवलिंग पर जल अर्पण करते हैं और भगवान को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं।

कहाँ कहाँ हैं ये 12 ज्योतिर्लिंग :

भारत देश सदियों से देवताओं की भूमि रही है और यहाँ अलग अलग जगहों पर शिव के 12 ज्योतिर्लिंग हैं। ये ज्योतिर्लिंग बहुत हिन् पवित्र और पूजनीय माने जाते हैं। ऐसा  कहा जाता है की इन ज्योतिर्लिंगों में गजब की शक्ति होती है और वहां जाकर उनके दर्शन करने मात्रा से ही हमारे सारे पाप धूल जाते हैं। आइये जानते है इन 12 ज्योतिर्लिंगों के बारे में –

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग ( गुजरात ) :

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग गुजरात के सौराष्ट्र में स्थित है। ये भारत के पहला ज्योतिर्लिंग है। ऐसी मान्यता है की चन्द्रमा ने यहाँ कठिन तपस्या करके भगवान शिव को प्रसन्न किया था और उनसे वरदान प्राप्त किया था।

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग (आँध्रप्रदेश ) :

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आन्ध्राप्रदसेह के श्रीशैलम में स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग भगवान् शिव और माता पार्वती के मिलान का प्रतीक माना जाता है और ऐसा कहा जाता है की यहाँ आने वाले भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग ( मध्यप्रदेश ) :

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्योरदेश के उज्जैन सेहर में स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग काल के अधिपति महाकाल के रूप में बहुत प्रसिद्ध है। यहाँ होने वाली भस्म आरती का विशेष महत्व है और लोग इस आरती के लिए दूर दूर से आते हैं।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग ( मध्य प्रदेश ) :

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के नर्मदा नदी के तट पर स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग ओंकार के नाम से विख्यात है और अपनी पूजा अर्चना द्वारा भक्त यहाँ सुख समृद्धि की आशा लिए आते हैं।

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग ( उत्तराखंड ) :

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड के हिमालय पर्वत पर स्थित है। यहाँ लोग काफी कठिनाइयों का सामना कतरे हुए पहुँचते हैं। भक्तों के बीच ऐसी मान्यता है की यहाँ आने मात्रा से हिन् हमारा जीवन सफल हो जाता है।

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग ( महाराष्ट्र ) :

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे में स्थित है। यहाँ पूजा करने से हमें अपने दुश्मनो से मुक्ति मिल जाती है और सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग ( उत्तर प्रदेश ) :

काशी विश्वनाथ मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग सबसे प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग है जहाँ भगवान् शिव तक पहुंचना आसान माना जाता है। यहाँ लोग मोक्ष प्राप्ति के उद्देश्य से आते हैं। लोग जीवन – मृत्यु के चक्र से छुटकारा पाने के लिए यहाँ आते हैं। यहाँ हमें जीवन की सबसे बड़ी सच्चाई से रूबरू होने का मौका मिलता है। यहाँ आकर हमें इस बात की गहराई मालुम होती है की जीवन नश्वर है।

त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग ( महाराष्ट्र ) :

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त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नासिक में स्थित है। यहाँ पूजा अर्चना करने से भक्तों में सुख शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग ( झारखण्ड ) :

वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग झारखण्ड के देवघर में स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग रोगों के निवारण और स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रसिद्ध है।

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग ( गुजरात ) :

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात के द्वारका में स्थित है। यहाँ की मान्यता यह है की अगर किसी कारणवश आप साँपों से भयभीत रहते हैं तो यहाँ दर्शन और पूजा पाठ के बाद आपको सापों के भय से मुक्ति मिल जाती है।

रामेश्वर ज्योतिर्लिंग ( तमिलनाडु ) :

रामेश्वर ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु के रामेश्वर में स्थित है। यहाँ ये ज्योतिर्लिंग भगवान राम द्वारा स्थापित किया गया था और यहाँ आकर पूजा करने से हमें अपने पापों से मुक्ति मिल जाती है।

घुमेश्वर ज्योतिर्लिंग ( महाराष्ट्र ) :

घूमेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग अपने धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध स्थल है।

घर पर ज्योतिर्लिंग के पूजा करने के नियम :

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अगर आप किसी कारणवश इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कर पाने में असमर्थ हैं तब आप अपने घर में चित्र लगा कर भी इनकी पूजा कर सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। जब भी आप घर पर ज्योतिर्लिंगों के चित्र की स्थापना करें तो इस बात का विशेष धयान रखें की चित्रों के मुख हमेशा पुवा या पश्चिम दिशा की और हीं होना चाहिए। चित्र की स्थापना करते वक़्त सही समय का भी ख्याल रखें। हो सके तो चित्र को सावन (Sawan) के महीने में या फिर सोमवार , पूर्णिमा या शिवरात्रि के दिन का चुनाव करें अपनी आवश्यक्तानुसार एक या दो चित्र ही लगाएं और उस जगह पर किसी और देवी – देवता के चित्र न लगाएं।

ज्योतिर्लिंगों की उपासना के सरल तरीके :

ज्योतिर्लिंगों के पास सबसे पहले एक बड़ा सा पात्र रखें और उसमे दूध , दही , बेलपत्र , फूल , फल , धुप आदि को अर्पित करें। भगवान् शिव का धयान करते हुए जल चढ़ाएं और माला फेरते हुए 11 बार भगवान् शिव के मन्त्रों का जाप करें। इसके बाद ध्यान लगते हुए सभी 12 ज्योतिर्लिंगों का नाम ले कर प्रार्थना करें और अंततः पूजा समाप्ति के बाद भगवान से पूजा के दौरान हुई किसी भी भूल चूक के लिए क्षमा प्रार्थना करें।

सावन (Sawan ) के ख़ास महीने में ज्योतिर्लिंगों की पूजा का महत्व :

Sawan का पवित्र महीना भगवान् शिव शिव की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। ज्योतिर्लिंगों की पूजा करने से हमारे सात जन्मों के पाप धूल जाते हैं। सावन में इनकी पूजा करके जीवन में सुख , समृद्धि और शान्ति ला सकते हैं। शिव की पूजा द्वारा अपनी सारी समस्याओं का समाधान प्राप्त केर के जीवन की दिशा को को सकारात्मक तरीके से आगे बढ़ा सकते है। जीवन को धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण के साथ एक सही और नयी दिशा दे सकते हैं।

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