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Sawan 2025 : सावन में पूजा करने से पहले जान लें भगवान शिव को क्या पसंद है और क्या नहीं

Sawan 2025: सावन की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है. ऐसे में श्रावण के पूरे महीने शिव जी की पूजा की जाएगी, लेकिन महादेव की आराधना से पहले जान लें कि भोलेनाथ को क्या पसंद है क्या नहीं पसंद.

Sawan 2025: सावन माह की शुरुआत इस वर्ष 11 जुलाई 2025 से हो रही है। श्रावण मास (Sawan Month) को भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे पावन समय माना जाता है। इस महीने में लाखों भक्त श्रावण सोमवार का व्रत रखते हैं और शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान शिव को क्या पसंद है और क्या नहीं? यदि आप महादेव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो ये जरूर जान लें।

भगवान शिव को क्यों कहते हैं ‘आशुतोष’?

भगवान शिव को ‘आशुतोष’ कहा जाता है क्योंकि वे थोड़े में प्रसन्न हो जाते हैं। ‘आशु’ का अर्थ है ‘शीघ्र’ और ‘तोष’ का अर्थ है ‘संतुष्ट’। इसलिए अगर सावन के महीने में श्रद्धा और नियमपूर्वक शिव की पूजा की जाए तो भोलेनाथ बहुत जल्दी कृपा करते हैं।

शिव जी को क्या पसंद है?

(What Lord Shiva Likes in Worship)

1. जल (Water)

समुद्र मंथन के समय महादेव ने जब हलाहल विष का पान किया था, तब उनके शरीर में जलन होने लगी थी। तब देवी-देवताओं ने उन पर जल अर्पित किया जिससे उन्हें शांति मिली। इसलिए जलाभिषेक को शिव पूजा में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।

2. बेलपत्र (Bel Patra)

बेलपत्र की तीन पत्तियां शिव के तीन नेत्रों का प्रतीक मानी जाती हैं। कहा जाता है कि शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से 1 करोड़ कन्याओं के कन्यादान के बराबर पुण्य मिलता है।

3. धतूरा (Datura)

धतूरा भगवान शिव का प्रिय फल है। माना जाता है कि शिव को धतूरा चढ़ाने से मानसिक तनाव और नकारात्मक विचार दूर होते हैं। इसका अर्पण 1000 नीलकमल अर्पित करने के समान फलदायी होता है।

4. शमी और आक का फूल

शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पर आक (आकड़ा) का फूल चढ़ाने से सोने के दान के बराबर पुण्य मिलता है। वहीं शमी का फूल चढ़ाने से 1000 धतूरा अर्पित करने जितना फल प्राप्त होता है।

5. चंदन (Sandalwood)

चंदन का संबंध शीतलता से होता है। शिवलिंग पर चंदन अर्पित करने से मन को शांति और समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है।

6. दूध, कपूर, भांग, भस्म, चावल, रुद्राक्ष, ठंडाई, मालपुआ, हलवा

ये सभी वस्तुएं भगवान शिव को प्रिय हैं और सावन के महीने में शिवलिंग पर इन्हें अर्पित करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

शिव जी को क्या नहीं पसंद है?

(What Not to Offer Lord Shiva)

1. श्रृंगार की वस्तुएं (Haldi, Mehendi, Roli)

भगवान शिव वैरागी हैं। उन्हें सौंदर्य प्रसाधनों और श्रृंगार से जुड़ी चीजें बिल्कुल पसंद नहीं। इसलिए हल्दी, मेंहदी, रोली आदि शिव पूजा में नहीं चढ़ाई जाती।

2. शंख से जल अर्पण

शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव ने शंखचूड़ नामक राक्षस का वध किया था। इसलिए शंख से जल अर्पित करना वर्जित माना गया है।

3. तुलसी (Tulsi)

तुलसी देवी के पति जलंधर का वध शिव जी ने किया था। इस कारण तुलसी ने उन्हें श्राप दिया। इसी वजह से तुलसी को शिव पूजा में निषेध माना गया है।

4. नारियल (Coconut)

नारियल को लक्ष्मी जी का प्रतीक माना जाता है। इसलिए नारियल जल से शिवलिंग का अभिषेक करना वर्जित है।

5. केतकी का फूल (Ketki Flower)

शिव पुराण के अनुसार ब्रह्मा जी ने केतकी के फूल से झूठ बोला था, जिसके कारण शिव ने उसे श्राप दिया कि वह कभी उनकी पूजा में शामिल नहीं होगा। इसलिए शिवलिंग पर केतकी का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए।

निष्कर्ष (Conclusion):

Sawan 2025 में भगवान शिव की पूजा करते समय यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि किन वस्तुओं से शिव जी प्रसन्न होते हैं और किनसे नाराज। सही तरीके से की गई पूजा महादेव की कृपा को शीघ्र प्राप्त करवा सकती है। इस श्रावण मास में श्रद्धा, नियम और शुद्धता के साथ शिव जी की उपासना करें और भोलेनाथ का आशीर्वाद पाएं।

 ध्यान रखें:
सावन सोमवार को सुबह ब्रह्ममुहूर्त में स्नान कर साफ वस्त्र पहनें, शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, धतूरा, चंदन और दूध से अभिषेक करें। साथ ही, तुलसी, केतकी और श्रृंगार की वस्तुएं भूलकर भी न चढ़ाएं।

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