IIT , MBA Smarika Chandrakar : कॉरपोरेट से किसान बनने तक का सफर , जिसके सामने फेल हैं हाई प्रोफाइल जॉब वाले
IIT , MBA Smarika Chandrakar : कॉरपोरेट से किसान बनने तक का सफर , जिसके सामने हैं फेल हाई प्रोफाइल जॉब वाले
कुछ लोग बड़े काम करने के लिए ही बने होते हैं, और ऐसी ही कहानी है छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की Smarika Chandrakar की। एक सफल कॉरपोरेट करियर को छोड़कर अपने गांव में सब्जी की खेती शुरू करने वाली स्मारिका ने साबित कर दिया कि मेहनत, लगन और नए तरीकों का इस्तेमाल करके कोई भी बड़ा मुकाम हासिल कर सकता है। उनकी कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह दर्शाती है कि किस तरह से शहरी जीवन की चकाचौंध को छोड़कर भी सफलता पाई जा सकती है।
Smarika Chandrakar प्रारंभिक जीवन और शिक्षा :
स्मारिका चंद्राकर का जन्म और पालन-पोषण चारमुदिया गांव में हुआ। उनका परिवार पारंपरिक रूप से किसान था, इसलिए खेती-बाड़ी के बारे में वह पहले से ही काफी कुछ जानती थीं। उनकी शिक्षा की शुरुआत रायपुर में हुई, जहां से उन्होंने कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया। इसके बाद वह पुणे चली गईं और वहां के एक प्रतिष्ठित संस्थान से एमबीए किया। उनकी शिक्षा और मेहनत ने उन्हें कॉरपोरेट दुनिया में एक अच्छी नौकरी दिलवाई, जहां उन्होंने सीनियर बिजनेस डेवलपमेंट एग्जीक्यूटिव के रूप में काम किया।
कॉरपोरेट करियर :
स्मारिका ने पुणे में एक कॉरपोरेट कंपनी में अपने करियर की शुरुआत की। कुछ ही समय में वह सीनियर बिजनेस डेवलपमेंट एग्जीक्यूटिव के पद पर पहुंच गईं। यह नौकरी उनके लिए आर्थिक रूप से काफी लाभकारी थी और इससे उन्होंने एक शानदार जीवनशैली बनाई। वह एक अच्छे घर और गाड़ी की मालकिन बन गईं और महानगर की चकाचौंध भरी जिंदगी जीने लगीं।
लेकिन, महानगर की जिंदगी के बावजूद स्मारिका के मन में अपने गांव की यादें बसी थीं। गांव की गलियों की खुशबू और मिट्टी की महक उन्हें अपनी ओर खींचती थी। धीरे-धीरे उन्होंने महसूस किया कि कॉरपोरेट नौकरी उन्हें वह संतुष्टि नहीं दे रही जिसकी उन्हें तलाश थी। अपने परिवार से बातचीत और गांव के जीवन की यादों ने उन्हें अपने पैतृक गांव में लौटने का फैसला लेने पर मजबूर कर दिया।
खेती की शुरुआत :
अपने गांव लौटकर स्मारिका ने अपने परिवार के साथ मिलकर खेती शुरू करने का फैसला किया। उन्होंने पारंपरिक धान-गेहूं की खेती की बजाय सब्जियों की खेती करने का विचार किया। उन्होंने अपने बिजनेस डेवलपमेंट के अनुभव का इस्तेमाल करते हुए खेती के नए तरीकों और तकनीकों का उपयोग किया। उन्होंने अपने खेत की मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए गाय के गोबर और वर्मीपोस्ट का इस्तेमाल किया, खेत के फेंसिंग करवाई, प्रोपर ड्रेनेज सिस्टम लगाया और डीप एरिगेशन का तरकीब अपनाया।
धारा कृषि फार्म की शुरुआत :
स्मारिका ने अपने पिता और भाई के साथ मिलकर धारा कृषि फार्म की शुरुआत की। उन्होंने पहले जॉब में रहते हुए इस काम को शुरू किया और इसके बाद 2021 में अपनी कॉरपोरेट नौकरी को छोड़कर फुल टाइम किसान बन गईं। उन्होंने अपने बिजनेस डेवलपमेंट के अनुभव को खेती में अजमाया और कम समय में पैदा होने वाली सब्जियों की खेती पर फोकस किया। उनका यह ट्रिक कारगर साबित हुआ और उन्होंने पहले ही साल में एक एकड़ जमीन पर 50 टन टमाटर की पैदावार की।
आधुनिक तकनीक और शोध :
स्मारिका ने खेती में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया। उन्होंने कृषि विशेषज्ञों की सलाह ली और अपने खेत की मिट्टी की जांच करवाई। उन्होंने पाया कि मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए जैविक खाद और वर्मीपोस्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने अपने खेत में डीप एरिगेशन सिस्टम लगाया और प्रोपर ड्रेनेज सिस्टम की व्यवस्था की। इससे उनके खेत में पानी की बचत हुई और पैदावार भी अच्छी हुई।
सफलता की कहानी :
स्मारिका की मेहनत रंग लाई और उन्होंने पहले ही साल में एक एकड़ जमीन पर 50 टन टमाटर की पैदावार की। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने खेती के काम में कई लोगों को रोजगार दिया और अपने गांव के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गईं। उनकी सालाना कमाई अब 1.5 से 2 करोड़ रुपये है, जो किसी भी आईआईटी-आईआईएम ग्रेजुएट की नौकरी से कहीं अधिक है।
Smarika Chandrakar की कहानी ने समाज में एक नई दिशा दिखाई है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि पढ़ाई और मेहनत से किसी भी क्षेत्र में सफलता पाई जा सकती है। उनकी कहानी से यह सीख मिलती है कि अगर हम अपने काम के प्रति समर्पित हैं और नए तरीकों को अपनाने के लिए तैयार हैं, तो किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। उनकी इस सफलता ने न केवल उनके गांव के लोगों को प्रेरित किया है, बल्कि देशभर के युवाओं को भी एक नई दिशा दी है।
निष्कर्ष
Smarika Chandrakar की कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह बताती है कि असली संतुष्टि और सफलता पाने के लिए हमें अपने मन की आवाज सुननी चाहिए। उनकी मेहनत, लगन और नए तरीकों का उपयोग करके उन्होंने यह साबित कर दिया कि किसी भी क्षेत्र में अगर हम दिल से मेहनत करें, तो सफलता निश्चित है। उनकी यह कहानी न केवल एक उदाहरण है, बल्कि एक प्रेरणा स्रोत भी है, जो हमें यह सिखाती है कि अगर हम सही दिशा में मेहनत करें तो किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
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