Sunderkand Path : शनिवार को करें सुंदरकांड का पाठ, होंगे ये 6 चमत्कारिक लाभ , हनुमान जी देते हैं अद्भुत शक्ति का वरदान
Sunderkand Path: सुंदरकांड वाल्मिकी द्वारा रचित रामायण पर आधारित तुलसीकृत महाकाव्य रामचरित मानस का पंचम सोपान है. शनिवार और मंगलवार के दिन इसका पाठ करने के कई चमत्कारिक लाभ हैं.
Sunderkand Path On Saturday : रामचरित मानस तुलसीदास द्वारा रचित एक महाकाव्य है, जिसमें भगवान श्रीराम के जीवन की घटनाओं को सात कांडों (अध्यायों) में विभाजित किया गया है। इन सातों कांडों में ‘सुंदरकांड’ को विशेष स्थान प्राप्त है। यह पंचम कांड है, जो हनुमान जी की वीरता, भक्ति और भगवान श्रीराम के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है। इसमें वर्णित घटनाएं प्रेरणादायक हैं और मन को दृढ़ बनाती हैं। धार्मिक मान्यता है कि यदि श्रद्धा और विधि-विधान से सुंदरकांड का पाठ किया जाए, तो न केवल जीवन की समस्याएं दूर होती हैं, बल्कि ईश्वर की कृपा से चमत्कारिक लाभ भी प्राप्त होते हैं।
सुंदरकांड का पाठ (Sunderkand Path) कब करें?
वैसे तो सुंदरकांड का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन मंगलवार और शनिवार को इसका विशेष महत्व है। मंगलवार को हनुमान जी का दिन माना जाता है और शनिवार को शनिदेव का। पौराणिक मान्यता के अनुसार, शनिदेव हनुमान जी से भय खाते हैं। ऐसे में शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करने से हनुमान जी के साथ शनिदेव की भी कृपा प्राप्त होती है।
शनिवार के दिन सुंदरकांड पाठ (Sunderkand Path) के चमत्कारिक लाभ
1. शनिदोष से मुक्ति मिलती है
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार हनुमान जी ने शनिदेव को रावण की कैद से मुक्त किया था। इसके बदले हनुमान जी ने शनिदेव से वचन लिया था कि जो भी भक्त शनिवार को उनकी पूजा के साथ सुंदरकांड का पाठ करेगा, शनिदेव उन्हें कभी कष्ट नहीं देंगे।
इसलिए सुंदरकांड का पाठ साढ़ेसाती, ढैय्या, या शनि की अशुभ दशा से राहत दिलाता है।
2. हनुमान जी की विशेष कृपा
सुंदरकांड पाठ करने से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। वे भक्तों को बल, बुद्धि, विद्या और विजय का आशीर्वाद देते हैं। जीवन में आने वाली कठिनाइयों में वे रक्षा करते हैं और डर, चिंता, भय को दूर करते हैं।
3. मनोकामना पूर्ति
धार्मिक शास्त्रों में कहा गया है कि सुंदरकांड का पाठ यदि सच्ची श्रद्धा और निष्ठा के साथ किया जाए तो मनचाही इच्छाएं पूर्ण होती हैं। कई लोग विशेष मनोकामनाओं के लिए 7, 11 या 21 दिनों तक लगातार सुंदरकांड पाठ करते हैं और उन्हें अद्भुत परिणाम प्राप्त होते हैं।
4. नकारात्मक ऊर्जा होती है दूर
सुंदरकांड का पाठ करने से घर का वातावरण पवित्र और सकारात्मक हो जाता है। यह पाठ घर में नकारात्मक ऊर्जा, भय और क्लेश को दूर करता है। जिन घरों में नियमित सुंदरकांड पाठ होता है, वहां शांति, समृद्धि और आनंद बना रहता है।
5. आत्मबल और आत्मविश्वास में वृद्धि
हनुमान जी का स्वरूप ही साहस, धैर्य और आत्मबल का प्रतीक है। सुंदरकांड पाठ करते समय उनके साहसिक कार्यों को पढ़ने से व्यक्ति के अंदर आत्मबल और आत्मविश्वास उत्पन्न होता है। विद्यार्थी, नौकरीपेशा, व्यवसायी – सभी के लिए यह पाठ अत्यंत लाभकारी है।
6. भय, भूत-प्रेत बाधा से रक्षा
सुंदरकांड में हनुमान जी के उन कार्यों का वर्णन है, जिनसे उन्होंने अकेले लंका को जला दिया था, राक्षसों को पराजित किया और सीता माता को संदेश पहुँचाया। इसलिए इसे पाठ करने से भय, भूत-प्रेत बाधा, नजर दोष आदि से रक्षा होती है।
सुंदरकांड पाठ (Sunderkand Path) की विधि
सुंदरकांड का पाठ सुबह या शाम के समय किया जा सकता है। शनिवार के दिन सूर्योदय के बाद स्नान करके साफ कपड़े पहनकर हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने बैठ जाएं।
पाठ विधि:
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सबसे पहले दीपक जलाएं और हनुमान जी को लाल फूल, सिंदूर, चोला, गुड़ और नारियल चढ़ाएं।
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“श्रीराम जय राम जय जय राम” का स्मरण करें।
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“हनुमान चालीसा” या “बजरंग बाण” के साथ सुंदरकांड का पाठ करें।
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पाठ के बाद आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
सुंदरकांड (Sunderkand Path) में वर्णित प्रमुख घटनाएं
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हनुमान जी का समुद्र पार करना
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लंका नगरी का वर्णन
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सीता माता से भेंट
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रावण की सभा में हनुमान जी का प्रवेश
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अशोक वाटिका में हनुमान जी का उपद्रव
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लंका दहन
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हनुमान जी की वापसी और श्रीराम को समाचार देना
इन घटनाओं को पढ़ते समय हनुमान जी की वीरता और भक्ति से मन मंत्रमुग्ध हो जाता है।
विशेष सुझाव
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शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करने से पहले तेल का दीपक जरूर जलाएं।
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काले तिल का दान और गरीबों को भोजन कराना शुभ फल देता है।
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हनुमान जी को चोला चढ़ाना और शनि मंदिर में तेल चढ़ाना शनि दोष को और कम करता है।
निष्कर्ष
शनिवार के दिन सुंदरकांड का पाठ (Sunderkand Path) करने से जीवन की अनेक समस्याओं का समाधान मिलता है। यह पाठ केवल धार्मिक नहीं बल्कि मानसिक, आत्मिक और शारीरिक रूप से भी ऊर्जा प्रदान करता है। यदि आप जीवन में शांति, सुख, समृद्धि और भयमुक्त वातावरण चाहते हैं, तो शनिवार को हनुमान जी की उपासना के साथ सुंदरकांड पाठ को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। यह निश्चित ही आपको चमत्कारिक लाभ देगा।
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