Sunita Williams Return: धरती पर सुरक्षित लौटीं सुनीता विलियम्स, फ्लोरिडा के तट के पास समंदर में किया लैंड
Sunita Williams Return: धरती पर सुरक्षित लौटीं सुनीता विलियम्स, फ्लोरिडा के तट के पास समंदर में किया लैंड
भारतीय मूल की प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री Sunita Williams आखिरकार 9 महीने बाद सुरक्षित धरती पर लौट आई हैं। उनके साथ नासा के साथी बुच विल्मोर भी अंतरिक्ष यात्रा पूरी कर वापस आए। दोनों अंतरिक्ष यात्री 19 मार्च, 2025 को भारतीय समयानुसार सुबह 3:30 बजे फ्लोरिडा के तल्हासी तट के पास मेक्सिको की खाड़ी में पैराशूट के सहारे उतरे। यह लैंडिंग स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए की गई। नासा ने इस ऐतिहासिक लैंडिंग का वीडियो भी जारी किया, जिसमें अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी देखी जा सकती है।
कैसे हुई थी Sunita Williams की अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत?
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने 5 जून, 2024 को नासा के सहयोग से बोइंग स्टारलाइनर क्रू कैप्सूल के जरिए अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी। यह मिशन केवल एक सप्ताह का था, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण उनकी वापसी में 9 महीने की देरी हो गई।
तकनीकी खराबी के कारण अंतरिक्ष में फंसे यात्री
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंचने के बाद ही उनके कैप्सूल बोइंग स्टारलाइनर में गंभीर तकनीकी समस्याएं आ गई थीं। नासा ने एहतियातन इस कैप्सूल को खाली कर दिया और अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष स्टेशन में शिफ्ट कर दिया। शुरुआत में नासा ने उनकी वापसी फरवरी 2025 में कराने की योजना बनाई थी, लेकिन मिशन की जटिलताओं और सुरक्षा कारणों से इसमें फिर देरी हुई। आखिरकार, मार्च 2025 में वे सुरक्षित धरती पर लौटने में सफल रहे।
ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से हुई सुरक्षित वापसी
लंबे इंतजार के बाद नासा ने स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट का उपयोग कर Sunita Williams और उनके साथियों को वापस लाने की योजना बनाई। उनके साथ क्रू-9 के दो अन्य अंतरिक्ष यात्री निक हेग और अलेक्सांद्र गोरबुनोव भी ISS से धरती पर लौटे।
समुद्र में लैंडिंग और रेस्क्यू ऑपरेशन
19 मार्च, 2025 की सुबह जैसे ही उनका स्पेसक्राफ्ट मेक्सिको की खाड़ी में पैराशूट के सहारे उतरा, तुरंत नासा और स्पेसएक्स की रेस्क्यू टीमें सक्रिय हो गईं। बचाव दल ने सुनिश्चित किया कि सभी अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित हैं और उन्हें धीरे-धीरे कैप्सूल से बाहर निकाला गया। इस प्रक्रिया के दौरान नासा के विशेषज्ञ भी मौजूद रहे।
लैंडिंग के बाद यात्रियों की स्थिति
स्पेस से लौटने के बाद सुनीता विलियम्स और उनके साथियों को स्ट्रेचर पर ले जाया गया। यह एक मानक प्रोटोकॉल है, जिसका पालन हर अंतरिक्ष यात्री को करना पड़ता है। दरअसल, अंतरिक्ष में लंबा समय बिताने के कारण शरीर में कई जैविक परिवर्तन हो जाते हैं।
- गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव: अंतरिक्ष में महीनों रहने के बाद पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण शरीर पर प्रभाव डालता है, जिससे चलने-फिरने में कठिनाई होती है।
- मांसपेशियों और हड्डियों पर असर: भारहीनता के कारण मांसपेशियां और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।
- रक्त संचार में बदलाव: अंतरिक्ष में शरीर का रक्त संचार प्रभावित होता है, जिससे वापस लौटने पर व्यक्ति को चक्कर या कमजोरी महसूस हो सकती है।
इसी कारण से सभी यात्रियों को मेडिकल जांच के लिए नासा के विशेष स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया।
Sunita Williams : अंतरिक्ष में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि
सुनीता विलियम्स का यह मिशन उनकी अब तक की तीसरी अंतरिक्ष यात्रा थी। वह पहले भी कई बार अंतरिक्ष में जा चुकी हैं और रिकॉर्ड बना चुकी हैं। उनके नाम पर अब तक अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा समय बिताने वाली महिला अंतरिक्ष यात्रियों में से एक होने का गौरव है। उनकी इस यात्रा के दौरान:
- उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 9 महीने बिताए।
- वैज्ञानिक शोध और तकनीकी परीक्षणों में अहम भूमिका निभाई।
- अंतरिक्ष में कई प्रयोग किए, जिनका उपयोग भविष्य के मिशनों में किया जाएगा।
बोइंग स्टारलाइनर की असफलता और नासा का फैसला
इस मिशन के दौरान बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल की तकनीकी खामियों ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
- यह कैप्सूल कई महीनों तक वापसी के लिए तैयार नहीं हो पाया।
- नासा ने इसकी विफलता की समीक्षा शुरू कर दी है और भविष्य में स्पेसएक्स और अन्य कंपनियों के विकल्पों पर विचार कर रहा है।
- इस घटना के बाद नासा के लिए भविष्य में सुरक्षित अंतरिक्ष यात्रा सुनिश्चित करने की चुनौती बढ़ गई है।
आगे क्या? Sunita Williams की नई जिम्मेदारी
धरती पर लौटने के बाद अब सुनीता विलियम्स नासा के लिए स्पेस मिशन ट्रेनिंग और रिसर्च में शामिल होंगी। उन्होंने इस मिशन से जुड़े अनुभवों को साझा करते हुए कहा,
“यह सफर चुनौतीपूर्ण था, लेकिन हमने बहुत कुछ सीखा। अब हमारा फोकस आने वाले मिशनों को और बेहतर और सुरक्षित बनाने पर होगा।”
इसके अलावा, नासा इस मिशन से मिले अनुभवों को आगामी चंद्रमा और मंगल मिशनों के लिए उपयोग करेगा।
अंतरिक्ष विज्ञान में एक और बड़ी सफलता
Sunita Williams और उनके साथियों की सफल वापसी अंतरिक्ष विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हालांकि, इस मिशन में आई तकनीकी समस्याओं ने नासा और अन्य स्पेस एजेंसियों के लिए नई चुनौतियां भी खड़ी की हैं। लेकिन इन कठिनाइयों के बावजूद, यह मिशन हमें दिखाता है कि कैसे विज्ञान और तकनीक के जरिए इंसान अंतरिक्ष की गहराइयों को छूने के लिए लगातार आगे बढ़ रहा है।
इस ऐतिहासिक घटना ने एक बार फिर सुनीता विलियम्स को भारत और अमेरिका दोनों के लिए गौरव का प्रतीक बना दिया है। उनकी यह यात्रा न केवल विज्ञान के लिए बल्कि अंतरिक्ष में जाने का सपना देखने वाले हर युवा के लिए प्रेरणा है।
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