Tips For Peanut Cultivation : मूंगफली की खेती , गोड्डा के किसानों का कम लागत में बड़े मुनाफे का एक अनूठा सफर!”
Tips For Peanut Cultivation : मूंगफली की खेती , गोड्डा के किसानों का कम लागत में बड़े मुनाफे का एक अनूठा सफर!”
Peanut Cultivation : गोड्डा जिले के किसान हाल ही में एक ऐतिहासिक सफलता का जश्न मना रहे हैं, जिसने उनकी खेती और आर्थिक स्थिति में एक नया मोड़ लाया है। पहली बार, मूंगफली की खेती ने जिले के किसानों को न केवल नई आशाओं से भर दिया है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक बड़ा कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है। कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) और जीविदा हासा परियोजना के तहत यह पहल की गई, जिसमें किसानों को निशुल्क बीज और आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया गया। इस पहल का परिणाम न केवल जिले में नई फसल प्रणाली की ओर बढ़ता हुआ कदम है, बल्कि किसानों की आय में महत्वपूर्ण वृद्धि भी है।
गोड्डा के किसानों की मूंगफली खेती (Peanut Cultivation) की सफलता :
गोड्डा जिला झारखंड राज्य का एक प्रमुख क्षेत्र है, जहाँ के किसान पारंपरिक फसलों जैसे धान, गेहूं, मक्का आदि पर निर्भर थे। लेकिन हाल ही में किसानों ने मूंगफली की खेती में हाथ आजमाया, और इसने उन्हें बेहतरीन परिणाम दिए। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को निशुल्क मूंगफली के बीज वितरित किए गए, जिसके बाद किसानों ने इसे अपनाया और पहली बार बंपर फसल प्राप्त की।
इस पहल से न केवल किसानों के लिए आय का नया स्रोत बना, बल्कि पारंपरिक फसलों के अलावा वैकल्पिक फसलों को अपनाने का साहस भी मिला। हरकट्टा गांव के किसान नसीब मुर्मू ने अपने 5 कट्ठा जमीन पर पहली बार मूंगफली की खेती की। कृषि विज्ञान केंद्र के मार्गदर्शन से उन्होंने शानदार फसल प्राप्त की और अब भविष्य में वे मूंगफली की खेती बड़े पैमाने पर करने का विचार कर रहे हैं।
गोड्डा का मौसम और मिट्टी: मूंगफली की खेती (Peanut Cultivation) के लिए उपयुक्त :
गोड्डा का मौसम और मिट्टी मूंगफली जैसी तिलहनी फसल के लिए अत्यंत अनुकूल है। यहां की मिट्टी और जलवायु मूंगफली की अच्छी पैदावार के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। झारखंड का यह क्षेत्र तिलहनी फसलों के लिए बेहतरीन साबित हो सकता है, क्योंकि मूंगफली एक ऐसी फसल है जो कम पानी और कम उपजाऊ मिट्टी में भी बेहतर परिणाम देती है। इसके साथ ही, मूंगफली एक पोषक तत्वों से भरपूर फसल है, जो स्थानीय और बाहरी बाजारों में हमेशा मांग में रहती है।
कम लागत, अधिक मुनाफा: मूंगफली की खेती (Peanut Cultivation) का लाभ :
मूंगफली की खेती कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली फसलों में से एक है। गोड्डा जिले के किसानों के लिए यह एक बड़ा आर्थिक अवसर साबित हो रही है। पारंपरिक फसलों की तुलना में मूंगफली की खेती में न केवल लागत कम आती है, बल्कि इसका उत्पादन भी अधिक होता है। इस पहल के तहत किसानों को निशुल्क बीज प्रदान किए गए थे, जिससे उनकी शुरुआती लागत भी काफी कम हो गई।
इसके अलावा, मूंगफली की खेती में जल की आवश्यकता कम होती है, जिससे यह उन क्षेत्रों में भी सफल हो सकती है जहां सिंचाई के साधन सीमित हैं। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के अनुसार, मूंगफली की खेती से किसानों को प्रति एकड़ कम से कम 40 से 50 हजार रुपये का मुनाफा हो सकता है, जो कि अन्य पारंपरिक फसलों की तुलना में कहीं अधिक है।
जीविदा हासा परियोजना और किसानों की प्रगति :
जीविदा हासा परियोजना के तहत किसानों को मूंगफली के निशुल्क बीज प्रदान किए गए और साथ ही उन्हें आधुनिक खेती तकनीकों का प्रशिक्षण भी दिया गया। इस परियोजना का उद्देश्य किसानों को वैकल्पिक फसलों की ओर प्रेरित करना और उनकी आय में वृद्धि करना है। पहले पारंपरिक फसलों के माध्यम से सीमित आय प्राप्त करने वाले किसान अब मूंगफली की खेती से अपनी आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि देख रहे हैं।
इस परियोजना का एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य है किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें नई तकनीकों के इस्तेमाल के प्रति जागरूक करना। कृषि वैज्ञानिकों ने उन्हें बुवाई, फसल प्रबंधन, और कटाई के दौरान आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया, जिससे उन्हें अपनी फसलों की उपज को और बेहतर बनाने में मदद मिली।
मूंगफली की बाजार में मांग
मूंगफली एक ऐसी फसल है, जिसकी बाजार में हमेशा मांग रहती है। यह तिलहन फसल न केवल खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल होती है, बल्कि तेल, दवाइयों और अन्य औद्योगिक उत्पादों में भी इसका इस्तेमाल होता है। मूंगफली के तेल की मांग भारतीय बाजार में सालों से स्थिर बनी हुई है, और इसके अलावा मूंगफली से बनने वाले उत्पाद जैसे मूंगफली का मक्खन, स्नैक्स और मिठाइयाँ भी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं।
गोड्डा जिले के किसान अब अपनी फसलों को स्थानीय मंडियों में बेचने के अलावा अन्य राज्य और राष्ट्रीय बाजारों में भी भेजने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए स्थानीय प्रशासन और सरकारी संस्थाएँ किसानों को बाजार तक पहुंचाने में सहायता कर रही हैं।
मूंगफली की खेती (Peanut Cultivation) से किसानों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार :
गोड्डा जिले में मूंगफली की खेती से न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है, बल्कि उनकी सामाजिक स्थिति में भी बदलाव आया है। जो किसान पहले केवल अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए खेती करते थे, वे अब व्यापारिक दृष्टिकोण से खेती करने लगे हैं। इससे उनकी आय में वृद्धि के साथ-साथ उनकी जीवनशैली में भी सकारात्मक बदलाव आया है।
किसानों की सफलता की कहानियाँ अब अन्य गांवों और जिलों में भी फैल रही हैं, जिससे और अधिक किसान इस नई फसल को अपनाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि गोड्डा जिले की कृषि प्रणाली में भी सुधार होगा।
मूंगफली की खेती (Peanut Cultivation) : एक स्थायी समाधान
मूंगफली की खेती केवल किसानों की आय बढ़ाने का जरिया नहीं है, बल्कि यह एक स्थायी समाधान भी है। यह फसल मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाती है और इसे नाइट्रोजन से समृद्ध बनाती है। इससे किसान भविष्य में और बेहतर फसल उत्पादन कर सकते हैं। इसके अलावा, मूंगफली की खेती से जल संरक्षण भी संभव है, क्योंकि इसे कम पानी की आवश्यकता होती है।
गोड्डा के किसानों ने पारंपरिक फसलों से हटकर मूंगफली जैसी नई फसल को अपनाया है, जो जिले की कृषि प्रणाली के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव है। इससे अन्य क्षेत्रों के किसान भी वैकल्पिक फसलों की ओर प्रेरित हो सकते हैं, जिससे देश भर में कृषि के क्षेत्र में नई संभावनाएँ उभरेंगी।
गोड्डा के किसानों का नया अध्याय :
गोड्डा के किसानों ने मूंगफली की खेती से जो इतिहास रचा है, वह न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहा है, बल्कि उन्हें पारंपरिक खेती से आगे बढ़ने का साहस भी दे रहा है। निशुल्क बीज और तकनीकी मार्गदर्शन की सहायता से वे अपनी फसलों को बाजार में बेहतर दामों पर बेच रहे हैं और अपनी आय में बढ़ोतरी कर रहे हैं।
मूंगफली की पहली सफल खेती ने गोड्डा के किसानों के लिए एक नया अध्याय लिखा है। इससे न केवल जिले की कृषि प्रणाली में सुधार होगा, बल्कि अन्य क्षेत्रों के किसानों को भी नई फसलों को अपनाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। इस पहल से गोड्डा के किसानों ने साबित कर दिया है कि कम लागत में भी बड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है, बशर्ते सही मार्गदर्शन और तकनीक का उपयोग किया जाए।
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