Vinod Khanna Hits Amitabh Bachchan Stardom : जिस फिल्म को अमिताभ ने ठुकराया, उसी ने विनोद खन्ना को बनाया सुपरस्टार , स्टारडम, फिर संन्यास , विनोद खन्ना का अनोखा सफर!
Vinod Khanna : 80 के दशक का दौर बॉलीवुड के लिए एक ऐसा समय था, जब इंडस्ट्री में बड़े-बड़े सितारे छाए हुए थे। इस दौर में खासतौर पर दो नाम खूब चर्चा में थे—अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना। दोनों ही अपने-अपने तरीके से भारतीय सिनेमा के सुपरस्टार थे। जहाँ अमिताभ बच्चन को ‘एंग्री यंग मैन’ के रूप में पहचान मिली थी, वहीं विनोद खन्ना अपनी दमदार शख्सियत और अभिनय के लिए जाने जाते थे। दोनों के बीच एक अनकहा प्रतिस्पर्धात्मक रिश्ता था, हालांकि वे एक साथ भी कई फिल्मों में नजर आए।
अमिताभ और विनोद खन्ना का स्टारडम
अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना दोनों ही एक्शन फिल्मों के सुपरस्टार माने जाते थे। इनकी कई हिट फिल्में एक ही दौर में आईं, जिसने दोनों के स्टारडम को और भी मजबूत बनाया। एक ओर जहां अमिताभ बच्चन फिल्मों में एक क्रोधित, विद्रोही नायक के रूप में नजर आते थे, वहीं विनोद खन्ना का किरदार थोड़ा शांत, परिपक्व और प्रभावी होता था। दोनों ने साथ में ‘हेराफेरी,’ ‘खून पसीना,’ ‘अमर अकबर एंथनी’ जैसी फिल्में कीं, जो सुपरहिट साबित हुईं। दर्शक भी दोनों को बड़े पर्दे पर साथ देखना पसंद करते थे।
विनोद खन्ना (Vinod Khanna) की सुपरस्टारडम की कहानी
विनोद खन्ना के करियर में एक ऐसा मोड़ आया जिसने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया। यह फिल्म थी ‘कुर्बानी’। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ‘कुर्बानी’ पहले अमिताभ बच्चन को ऑफर की गई थी। यह फिल्म अमिताभ को उस समय पसंद नहीं आई और उन्होंने इसे करने से मना कर दिया। इसके बाद यह फिल्म विनोद खन्ना के पास गई, और यहीं से शुरू हुआ उनका स्टारडम का सफर।
कुर्बानी का ऐतिहासिक महत्व
1980 में रिलीज हुई ‘कुर्बानी’ उस साल की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक साबित हुई। इसे फिरोज खान ने निर्देशित और प्रोड्यूस किया था, और उन्होंने इस फिल्म में खुद भी मुख्य भूमिका निभाई थी। फिल्म की कहानी एक रोमांचक प्रेम त्रिकोण के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसमें एक्शन, ड्रामा और इमोशन्स का गहरा तड़का था। विनोद खन्ना और फिरोज खान के दमदार अभिनय के साथ-साथ फिल्म का संगीत भी एक बड़ी हिट साबित हुआ। खासकर फिल्म का मशहूर गाना ‘आप जैसा कोई मेरी जिंदगी में आए’ आज भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है।
फिल्म में जीनत अमान भी मुख्य भूमिका में थीं, और उनके अभिनय ने फिल्म में चार चांद लगा दिए। कलीनटन फोर्ड द्वारा रचित यह गाना एक इंटरनेशनल हिट बन गया था, जो उस समय के बॉलीवुड संगीत में एक नए ट्रेंड की शुरुआत कर गया। फिल्म के गानों ने भी बॉक्स ऑफिस पर इसके प्रदर्शन को और मजबूती दी।
अमिताभ का पछतावा
‘कुर्बानी’ की सफलता ने न केवल विनोद खन्ना के करियर को एक नई ऊंचाई दी, बल्कि अमिताभ बच्चन के स्टारडम को भी चुनौती दे डाली। इस फिल्म की अपार सफलता के बाद, यह कहा जाता है कि अमिताभ बच्चन को इस फिल्म को छोड़ने का पछतावा हुआ था। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया था और बजट से 12 गुना ज्यादा कमाई की थी। महज 2.5 करोड़ रुपये के बजट में बनी इस फिल्म ने करीब 25 करोड़ रुपये की कमाई की, जो उस समय के हिसाब से एक बड़ी उपलब्धि थी।
फिल्म की भव्य सफलता ने यह साबित किया कि सही समय और सही मौका किसी भी कलाकार को आसमान की बुलंदियों तक पहुंचा सकता है। विनोद खन्ना के अभिनय की तारीफ हुई और उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह और पक्की कर ली। अमिताभ बच्चन ने शायद सोचा होगा कि यह फिल्म उनके स्टारडम के लिए जरूरी नहीं थी, लेकिन ‘कुर्बानी’ ने यह साबित किया कि हर फिल्म का प्रभाव अलग होता है और यह विनोद खन्ना के लिए एक वरदान साबित हुई।
विनोद खन्ना (Vinod Khanna) का संन्यासी बनने का फैसला
जब विनोद खन्ना का करियर बुलंदियों पर था, तब अचानक उनके संन्यासी बनने के फैसले ने सभी को हैरान कर दिया। 80 के दशक की शुरुआत में, विनोद खन्ना ने फिल्मी दुनिया से कुछ समय के लिए दूरी बना ली और वे ओशो रजनीश के अनुयायी बनकर अमेरिका के रजनीशपुरम चले गए। उन्होंने सब कुछ छोड़कर आध्यात्मिक जीवन की ओर रुख कर लिया, और वहां पांच साल तक रहे। इस दौरान उन्होंने किसी भी फिल्म में काम नहीं किया और उनकी अनुपस्थिति से उनके फैंस और फिल्म निर्माता दोनों ही स्तब्ध रह गए।
हालांकि, 1987 में विनोद खन्ना ने फिल्म इंडस्ट्री में वापसी की। उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, लेकिन पहले जैसी सफलता उन्हें फिर से हासिल नहीं हुई। उनके संन्यासी बनने के फैसले ने उनके करियर पर बड़ा असर डाला, लेकिन उनकी फिल्मों और उनके योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सका।
विनोद खन्ना (Vinod Khanna) और ‘कुर्बानी’ की विरासत
‘कुर्बानी’ सिर्फ एक फिल्म नहीं थी, यह एक ऐसी फिल्म थी जिसने बॉलीवुड में एक नया अध्याय लिखा। फिल्म की सफलता ने यह साबित किया कि विनोद खन्ना केवल एक अभिनेता ही नहीं थे, बल्कि एक स्टारडम की सच्ची मिसाल थे। इस फिल्म के बाद विनोद खन्ना का नाम बड़े सुपरस्टार्स की सूची में शुमार हो गया, और उनकी पहचान सिर्फ एक्शन हीरो तक सीमित नहीं रही।
इस फिल्म का संगीत, एक्शन और स्टोरीलाइन आज भी सिनेमा प्रेमियों के दिलों में जीवित है। ‘कुर्बानी’ ने बॉलीवुड में एक नई लहर की शुरुआत की थी और उस समय के मानकों को बदल दिया।
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