ट्रंप कैबिनेट में अहम जिम्मेदारी पाने वाले भारतीय-अमेरिकी अरबपति Vivek Ramaswamy : जानिए उनकी यात्रा और भारत से गहरा नाता
ट्रंप कैबिनेट में अहम जिम्मेदारी पाने वाले भारतीय-अमेरिकी अरबपति Vivek Ramaswamy : जानिए उनकी यात्रा और भारत से गहरा नाता
Who Is Vivek Ramaswamy : डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद अपनी नई कैबिनेट के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। भारतीय-अमेरिकी उद्यमी और अरबपति विवेक रामास्वामी, जिन्हें हाल ही में ट्रंप प्रशासन में एक महत्वपूर्ण पद सौंपा गया है, चर्चा का विषय बन गए हैं। अमेरिकी राजनीतिक परिदृश्य में विवेक की यह प्रगति भारतीय समुदाय के लिए गर्व का विषय है। विवेक ने ट्रंप की राजनीति को खुलकर समर्थन दिया और राष्ट्रपति पद की रेस से खुद को अलग कर, ट्रंप की मजबूती में योगदान दिया। आइए, जानते हैं विवेक रामास्वामी के जीवन, करियर, और उनके भारत से संबंध के बारे में विस्तार से।
आरंभिक जीवन और भारत से संबंध :
विवेक रामास्वामी का जन्म 1985 में अमेरिका के ओहियो राज्य के सिनसिनाटी शहर में हुआ था। उनके पिता वी.जी. रामास्वामी भारत के केरल राज्य के पलक्कड़ से ताल्लुक रखते हैं। वी.जी. रामास्वामी ने केरल के एक कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और फिर अमेरिका के ओहियो में जनरल इलेक्ट्रिक में काम करने गए। विवेक की मां सिनसिनाटी में एक मनोचिकित्सक थीं, और उनकी पत्नी अपूर्वा तिवारी रामास्वामी ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के वेक्सनर मेडिकल सेंटर में डॉक्टर हैं। विवेक के परिवार की यह सफलता की कहानी दिखाती है कि भारतीय मूल के लोग किस प्रकार मेहनत और दृढ़ता से अमेरिका में सफलता प्राप्त कर रहे हैं।
शिक्षा और करियर की शुरुआत :
विवेक रामास्वामी ने अपनी स्कूली शिक्षा सिनसिनाटी के सेंट जेवियर हाई स्कूल से की और फिर उच्च शिक्षा के लिए हार्वर्ड और येल लॉ स्कूल गए। हार्वर्ड से स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने येल से कानून की डिग्री प्राप्त की। जैव प्रौद्योगिकी (बायोटेक) में गहरी रुचि रखने वाले विवेक ने हार्वर्ड में जीव विज्ञान का अध्ययन किया, जिससे उनके करियर की नींव मजबूत हुई।
बायोटेक के दिग्गज: कंपनी और उपलब्धियां :
विवेक रामास्वामी (Vivek Ramaswamy) बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध नाम हैं। उन्होंने 2014 में रोइवेंट साइंसेज की स्थापना की, जो दवाओं के विकास और उपचार के क्षेत्र में काम करने वाली एक अग्रणी कंपनी है। 2016 में उन्होंने मायोवैंट साइंसेज की स्थापना की, जो प्रोस्टेट कैंसर और महिला बांझपन से जुड़ी दवाओं का निर्माण करती है। टाकेडा फार्मास्युटिकल्स के साथ उनके सौदे ने इस कंपनी को सफलता की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। इसके अलावा उन्होंने कई अन्य बायोटेक कंपनियां, जैसे यूरोवेंट साइंसेज, एंजीवेंट थेराप्यूटिक्स, अल्टावेंट साइंसेज और स्पिरोवैंट साइंसेज की स्थापना की।
विवेक की इन उपलब्धियों ने उन्हें बायोटेक उद्योग का एक प्रभावशाली चेहरा बना दिया है। 2015 में फोर्ब्स पत्रिका ने उन्हें अपने कवर पेज पर स्थान दिया। उनकी सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2016 में 40 वर्ष से कम आयु के सबसे अमीर उद्यमियों में उनका स्थान 24वां था।
राजनीतिक सफर और ट्रंप का समर्थन :
2024 में राष्ट्रपति चुनाव के लिए विवेक रामास्वामी ने रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवारी की पेशकश की थी। हालांकि, बाद में उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को खुला समर्थन देते हुए अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली। उनकी यह रणनीति उन्हें अमेरिकी राजनीति में एक नए और समर्थक नेता के रूप में सामने लाई। ट्रंप ने विवेक के इस समर्थन की सराहना की और अब उन्हें सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) के नेतृत्व का महत्वपूर्ण पद सौंपा है।
भारत-अमेरिका संबंधों में नया अध्याय :
विवेक रामास्वामी (Vivek Ramaswamy) की कैबिनेट में नियुक्ति भारत-अमेरिका संबंधों को और भी मजबूत बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। भारत से गहरा संबंध और भारतीय मूल होने के कारण विवेक की इस पद पर नियुक्ति से दोनों देशों के बीच राजनीतिक और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
विवेक रामास्वामी का जीवन संघर्ष, मेहनत, और उपलब्धियों से भरा है। उनके भारत से संबंध और बायोटेक क्षेत्र में उनके योगदान ने उन्हें एक आदर्श भारतीय-अमेरिकी के रूप में स्थापित किया है। ट्रंप की कैबिनेट में उनका यह नया पद उनकी क्षमता और उनकी राजनीतिक दूरदर्शिता का प्रमाण है।
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