धनतेरस पर सोने की खरीदारी को विशेष रूप से शुभ माना जाता है, क्योंकि यह न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है, जिससे मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
सोना खरीदना धनतेरस पर इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, और उन्हें पीले रंग की धातु, अर्थात सोना, विशेष रूप से प्रिय है, जिससे इस दिन इसे खरीदने की परंपरा शुरू हुई।
धनतेरस पर सोने की खरीदारी का एक अन्य महत्वपूर्ण कारण यह भी है कि इसे दीर्घकालिक निवेश के रूप में देखा जाता है, जो परिवार के लिए भविष्य में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है, साथ ही यह सुख-समृद्धि का प्रतीक भी होता है।
भारतीय संस्कृति में सोने को अमरत्व और स्थिरता का प्रतीक माना गया है, और इसलिए धनतेरस पर इसे खरीदना भविष्य में समृद्धि और स्थिरता की कामना के साथ किया जाता है, जो कई पीढ़ियों तक संपत्ति के रूप में काम आता है।
धनतेरस के दिन सोना और चांदी खरीदने की परंपरा सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि आर्थिक समझ पर भी आधारित है, क्योंकि सोने की मांग और इसकी स्थिरता इसे एक सुरक्षित और मूल्यवान निवेश बनाती है,
इस दिन सोने के सिक्के, आभूषण, या अन्य धातुओं की वस्तुएं खरीदने से माना जाता है कि मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का वास होता है, जिससे धन-धान्य की वृद्धि होती है।
धनतेरस पर बर्तन और चांदी की खरीदारी भी शुभ मानी जाती है, क्योंकि चांदी को मानसिक शांति और संतुलन का प्रतीक माना जाता है,