World Hepatitis Day 2025: क्या हेपेटाइटिस से हो सकती है मौत? जानिए यह बीमारी कितनी खतरनाक है “लिवर की खामोश दुश्मन – हेपेटाइटिस, जो धीरे-धीरे ले सकती है जान!”
हर साल 28 जुलाई को वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे मनाया जाता है, ताकि लोगों को इस खतरनाक बीमारी के बारे में जागरूक किया जा सके और इससे बचने के उपाय सिखाए जा सके.
हर साल 28 जुलाई को वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे (World Hepatitis Day) मनाया जाता है ताकि लोगों को इस खतरनाक बीमारी के बारे में जागरूक किया जा सके। यह दिन इसलिए भी खास है क्योंकि यह नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. बारूक ब्लमबर्ग को समर्पित है, जिन्होंने हेपेटाइटिस B वायरस की खोज की थी और इसकी वैक्सीन भी विकसित की थी।
हेपेटाइटिस क्या है? (What is Hepatitis?)
हेपेटाइटिस एक संक्रामक बीमारी है जिसमें लिवर में सूजन (inflammation) हो जाती है। लिवर शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो डिटॉक्सिफिकेशन, पाचन और पोषक तत्वों के भंडारण जैसी कई महत्वपूर्ण क्रियाओं में भाग लेता है। जब लिवर में सूजन आ जाती है, तो ये सभी कार्य प्रभावित हो जाते हैं।
हेपेटाइटिस के मुख्यतः 5 प्रकार होते हैं –
हेपेटाइटिस A, B, C, D और E।
इनमें से B और C प्रकार क्रॉनिक हेपेटाइटिस का कारण बनते हैं और ये लिवर सिरोसिस, लिवर कैंसर और लिवर फेलियर जैसे घातक परिणाम दे सकते हैं। यही कारण है कि हेपेटाइटिस को “साइलेंट किलर” कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षण बहुत देर से सामने आते हैं।
हेपेटाइटिस कितनी खतरनाक बीमारी है?
हेपेटाइटिस सिर्फ एक साधारण संक्रमण नहीं है। यह दुनिया भर में लाखों लोगों की जान ले चुका है और यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो यह लिवर को स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है। WHO (World Health Organization) के अनुसार,
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हर साल 13 लाख लोग हेपेटाइटिस से मरते हैं।
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25 करोड़ लोग हेपेटाइटिस B और
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5 करोड़ लोग हेपेटाइटिस C से प्रभावित हैं।
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भारत में 4 करोड़ लोग हेपेटाइटिस B और 1 करोड़ लोग हेपेटाइटिस C से ग्रसित हैं।
यह आंकड़े दर्शाते हैं कि यह बीमारी सिर्फ खतरनाक ही नहीं बल्कि एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट बन चुकी है।
हेपेटाइटिस के प्रकार और उनके खतरे:
प्रकार | संक्रमण का तरीका | लक्षण | गंभीरता |
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Hepatitis A | दूषित भोजन/पानी | पेट दर्द, पीलिया, थकान | आमतौर पर खुद ठीक हो जाता है |
Hepatitis B | संक्रमित रक्त, सुई, यौन संबंध | बिना लक्षण के, बाद में लिवर क्षति | क्रॉनिक हो सकता है, वैक्सीन उपलब्ध |
Hepatitis C | संक्रमित रक्त, सुई | अक्सर बिना लक्षण के | लिवर सिरोसिस, कैंसर का खतरा |
Hepatitis D | केवल B वायरस के साथ होता है | जटिल संक्रमण | ज्यादा खतरनाक |
Hepatitis E | दूषित पानी | गर्भवती महिलाओं में खतरनाक | भारत में आम है |
हेपेटाइटिस के लक्षण: (Symptoms of Hepatitis)
शुरुआती स्टेज पर हेपेटाइटिस के लक्षण सामान्य होते हैं, लेकिन जब यह बढ़ने लगता है तब स्थिति गंभीर हो सकती है:
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लगातार थकान और कमजोरी
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भूख में कमी
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पेट में दर्द या सूजन
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उल्टी या दस्त
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गहरे रंग का पेशाब
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आंखों और त्वचा का पीला होना (पीलिया)
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बुखार
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मानसिक भ्रम या थकावट (लिवर फेलियर में)
कई मामलों में यह बिना किसी लक्षण के भी हो सकता है, जिससे यह और भी खतरनाक बन जाता है। इसलिए समय-समय पर स्क्रीनिंग और ब्लड टेस्ट कराना जरूरी होता है।
हेपेटाइटिस से मौत कैसे होती है?
जब हेपेटाइटिस का इलाज नहीं किया जाता या रोगी समय पर इसका पता नहीं लगवा पाता, तो यह स्थिति लिवर के लिए जानलेवा बन सकती है।
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क्रॉनिक हेपेटाइटिस: लंबे समय तक लिवर में सूजन बनी रहती है जिससे लिवर धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त होता है।
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लिवर सिरोसिस: यह एक स्थायी स्थिति होती है जिसमें लिवर के ऊतकों का क्षय होता है और उसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है।
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लिवर फेलियर: जब लिवर पूरी तरह से काम करना बंद कर देता है।
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लिवर कैंसर: हेपेटाइटिस B और C से पीड़ित लोगों में लिवर कैंसर का खतरा कई गुना अधिक होता है।
इन सभी स्थितियों में रोगी की मौत संभव है यदि उचित इलाज न किया जाए।
हेपेटाइटिस कैसे फैलता है? (Transmission of Hepatitis)
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संक्रमित व्यक्ति के खून या शरीर के तरल पदार्थ से संपर्क
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बिना स्टरलाइज सुई का इस्तेमाल
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संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध
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संक्रमित मां से बच्चे में संक्रमण
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दूषित भोजन या पानी (विशेषकर हेपेटाइटिस A और E)
हेपेटाइटिस से बचाव कैसे करें? (Prevention Tips)
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टीकाकरण (Vaccination):
हेपेटाइटिस A और B के लिए वैक्सीन उपलब्ध है। बच्चों और जोखिम में रहने वाले वयस्कों को यह जरूर लगवानी चाहिए। -
साफ-सफाई और स्वच्छता:
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स्वच्छ भोजन और पानी का सेवन करें।
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हाथ धोने की आदत डालें, खासकर खाने से पहले और शौच के बाद।
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सुरक्षित यौन संबंध:
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कंडोम का प्रयोग करें।
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अनजान पार्टनर के साथ यौन संबंध से बचें।
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संक्रमित वस्तुओं से बचाव:
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इस्तेमाल की गई सुइयों या रेजर से बचें।
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टैटू या पियर्सिंग करवाते समय सावधानी रखें।
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नियमित जांच:
यदि आप जोखिम में हैं या आपके परिवार में किसी को हेपेटाइटिस है तो समय-समय पर लिवर फंक्शन टेस्ट कराएं।
हेपेटाइटिस का इलाज: (Treatment of Hepatitis)
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हेपेटाइटिस A और E का कोई विशेष इलाज नहीं होता, ये आमतौर पर खुद ठीक हो जाते हैं।
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हेपेटाइटिस B और C के लिए अब दवाइयां उपलब्ध हैं जो वायरस को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। हेपेटाइटिस C का इलाज DAA (Direct Acting Antivirals) से किया जाता है, जो 8 से 12 हफ्तों में वायरस को खत्म कर सकते हैं।
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गंभीर मामलों में लिवर ट्रांसप्लांट भी एक विकल्प हो सकता है।
भारत में हेपेटाइटिस की स्थिति
भारत में स्वच्छता और जागरूकता की कमी के कारण हेपेटाइटिस B और C के मामलों की संख्या बहुत अधिक है।
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WHO के अनुसार भारत में 4 करोड़ लोग हेपेटाइटिस B और 1 करोड़ लोग हेपेटाइटिस C से पीड़ित हैं।
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सरकारी योजनाओं के तहत अब फ्री टीकाकरण और इलाज की सुविधाएं दी जा रही हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में अभी भी लोगों को जानकारी की भारी कमी है।
World Hepatitis Day का महत्व
वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे का उद्देश्य है कि—
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लोग समय रहते हेपेटाइटिस के लक्षण पहचान सकें
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टीकाकरण के लिए आगे आएं
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लिवर की देखभाल को लेकर जागरूकता बढ़े
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गंदगी और असुरक्षित आदतों से बचें
इस साल की थीम “Hepatitis Can’t Wait” हमें याद दिलाती है कि हेपेटाइटिस से बचाव और इलाज में देरी जानलेवा हो सकती है।
निष्कर्ष (Conclusion):
हेपेटाइटिस एक ऐसी बीमारी है जो अगर समय पर न पकड़ी जाए तो लिवर को बर्बाद कर सकती है और जान भी ले सकती है। यह जरूरी है कि लोग इसके लक्षणों, कारणों और बचाव के तरीकों को समझें। वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे का संदेश यही है कि यह बीमारी “खामोश” होती है, लेकिन अगर आप जागरूक हैं, तो इससे बचा जा सकता है।
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