Yaganti Uma Maheshwar Temple Mystery : देश के इस मंदिर में लगातार बढ़ रहा नंदी प्रतिमा का आकार! समझने में वैज्ञानिक भी हुए फेल, जानें क्या है रहस्य
Yaganti Uma Maheshwar Temple : भारत का इतिहास और संस्कृति मंदिरों के चमत्कारों से भरी हुई है। ऐसा ही एक अद्भुत और रहस्यमयी मंदिर “श्री यांगती उमा महेश्वर मंदिर” है, जो आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में स्थित है। इस मंदिर का सबसे बड़ा आश्चर्य नंदी महाराज की प्रतिमा है, जिसका आकार लगातार बढ़ता जा रहा है। यह रहस्य आज तक वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के लिए भी अनसुलझा बना हुआ है।
मंदिर का इतिहास और स्थापना
श्री यांगती उमा महेश्वर (Yaganti Uma Maheshwar Temple) मंदिर का निर्माण 15वीं सदी में विजयनगर साम्राज्य के संगम वंश के राजा हरिहर बुक्का राय ने करवाया था। इस मंदिर में वैष्णव परंपरा के साथ-साथ चालुक्य, चोल और पल्लव शासकों की स्थापत्य कला की झलक भी देखने को मिलती है।
मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना ऋषि अगस्त्य ने की थी। कहा जाता है कि वे यहां भगवान वेंकटेश्वर का मंदिर बनवाना चाहते थे। लेकिन निर्माण के दौरान प्रतिमा का अंगूठा टूट गया, जिससे ऋषि अगस्त्य अत्यंत दुखी हो गए। अपनी भक्ति और तप से उन्होंने भगवान शिव की आराधना की। भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और कहा कि यह स्थान कैलाश पर्वत जैसा है, इसलिए यहां शिव मंदिर बनाना उचित रहेगा। इसके बाद यहीं भगवान शिव का मंदिर स्थापित किया गया।
मंदिर से जुड़ा कौओं का श्राप
इस मंदिर से जुड़ी एक अन्य दिलचस्प कहानी कौओं के न आने की है। कहा जाता है कि जब ऋषि अगस्त्य इस स्थान पर तपस्या कर रहे थे, तब कौओं के शोर-शराबे (कांव-कांव) से वे काफी परेशान हो गए। क्रोधित होकर ऋषि ने कौओं को श्राप दिया कि वे इस स्थान पर कभी नहीं आएंगे और अगर उन्होंने ऐसा किया तो वे मारे जाएंगे। यही कारण है कि आज भी इस मंदिर और उसके आसपास कौए नजर नहीं आते।
बढ़ती नंदी प्रतिमा का रहस्य
मंदिर का सबसे बड़ा रहस्य और चमत्कार यहां की नंदी महाराज की प्रतिमा है। मान्यताओं के अनुसार, इस नंदी प्रतिमा का आकार हर 20 साल में लगभग एक इंच बढ़ जाता है। इस अनोखे घटनाक्रम की वजह से मंदिर के स्तंभों को एक-एक करके हटाना पड़ा है।
लोक मान्यता है कि कलयुग के अंत में नंदी महाराज अपनी लंबी नींद से जागेंगे और विराट रूप धारण कर लेंगे। उनके जागने के साथ ही पृथ्वी पर प्रलय आ जाएगी और समस्त संसार नष्ट हो जाएगा। यह विश्वास श्रद्धालुओं के बीच गहरी आस्था का विषय है।
वैज्ञानिक भी हुए हैरान
नंदी प्रतिमा के बढ़ते आकार के पीछे कई शोध और अध्ययन किए गए हैं, लेकिन अब तक इसका कोई वैज्ञानिक कारण सामने नहीं आ पाया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह किसी प्राकृतिक प्रक्रिया या पत्थर की विशेषता का परिणाम हो सकता है। लेकिन इस अनसुलझे रहस्य ने मंदिर को और भी अधिक प्रसिद्ध बना दिया है।
Yaganti Uma Maheshwar Temple की विशेषताएं
- स्थान : आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में स्थित यह मंदिर हैदराबाद से लगभग 300 किमी दूर है।
- स्थापत्य कला : मंदिर में विजयनगर साम्राज्य की स्थापत्य कला की छाप स्पष्ट दिखाई देती है।
- नंदी प्रतिमा : पत्थर से बनी विशाल नंदी की प्रतिमा, जिसका आकार धीरे-धीरे बढ़ रहा है।
- आस्था का केंद्र : यहां आने वाले श्रद्धालु भगवान शिव और नंदी महाराज के दर्शन कर अपने कष्टों से मुक्ति की कामना करते हैं।
श्रद्धालुओं की मान्यता और विश्वास
श्री यांगती उमा महेश्वर मंदिर (Yaganti Uma Maheshwar Temple) श्रद्धालुओं के लिए आस्था और चमत्कार का केंद्र है। यहां नंदी महाराज की मूर्ति को शिव भक्तों का विशेष आशीर्वाद माना जाता है। लोग मानते हैं कि इस मंदिर में आकर पूजा-अर्चना करने से उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
रहस्य और चमत्कार का संगम
भारत के इस अद्भुत मंदिर में विज्ञान और आस्था के बीच का यह संगम देखने को मिलता है। जहां एक ओर नंदी महाराज की बढ़ती प्रतिमा वैज्ञानिकों के लिए शोध का विषय है, वहीं दूसरी ओर यह भक्तों के लिए ईश्वर का चमत्कार और विश्वास का प्रतीक है। “नंदी की बढ़ती प्रतिमा का यह रहस्य हमें यह एहसास कराता है कि कुछ चीजें विज्ञान की सीमाओं से परे होती हैं, जहां सिर्फ आस्था ही काम आती है।”
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