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Cervical Pain : सर्वाइकल शुरू होने से पहले शरीर में दिखाई देते हैं ये लक्षण, जाने कारण और उपचार – समय रहते करें सतर्कता

Cervical Pain : सर्वाइकल शुरू होने से पहले शरीर में दिखाई देते हैं ये लक्षण, जाने कारण और उपचार – समय रहते करें सतर्कता

What Is Cervical Pain : सर्वाइकल पेन एक ऐसी समस्या है, जो पहले उम्रदराज़ लोगों में आम थी, लेकिन आधुनिक जीवनशैली और लंबे समय तक बैठकर काम करने की आदतों के कारण यह अब युवाओं को भी तेजी से प्रभावित कर रही है। खासकर दफ्तरों में लगातार कुर्सी पर बैठकर काम करने वाले लोगों के बीच यह समस्या व्यापक रूप से देखी जा रही है। शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द संतुलन को बिगाड़ सकता है, और जब यह दर्द गर्दन में होता है, तो दैनिक जीवन की गतिविधियों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। इस लेख में हम विस्तार से सर्वाइकल पेन के लक्षण, इसके कारण और प्रभावी उपचार के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

Cervical Pain

सर्वाइकल पेन (Cervical Pain) क्या है?

गर्दन के दर्द को चिकित्सकीय भाषा में ‘सर्वाइकल पेन’ (Cervical Pain) कहा जाता है। इसमें मांसपेशियों, नसों या हड्डियों में असामान्यता के कारण दर्द उत्पन्न होता है। यह दर्द केवल गर्दन तक सीमित नहीं रहता, बल्कि कभी-कभी हाथों, कंधों, और सिर तक फैल सकता है। अधिकतर यह दर्द उन लोगों में देखा जाता है, जो लंबे समय तक बिना सही तरीके से बैठकर काम करते हैं, जैसे कंप्यूटर के सामने बैठे लोग, खासकर आईटी पेशेवर।

सर्वाइकल पेन के लक्षण (Symptoms of Cervical Pain) :

सर्वाइकल पेन के शुरू होने से पहले और बाद में शरीर में कई प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं, जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। समय रहते इन लक्षणों को पहचानना बेहद ज़रूरी है ताकि समस्या और गंभीर होने से पहले इसका उपचार किया जा सके।

  1. गर्दन में दर्द: यह सबसे प्रमुख लक्षण है। सर्वाइकल पेन में गर्दन के पिछले हिस्से में रुक-रुक कर दर्द होता है, जो कभी तेज़ तो कभी हल्का महसूस हो सकता है। कुछ मामलों में यह दर्द ऊपरी पीठ और कंधों तक फैल जाता है।
  2. गर्दन में अकड़न: इस स्थिति में गर्दन की मांसपेशियाँ सख्त हो जाती हैं, जिससे गर्दन हिलाने में परेशानी होती है। कभी-कभी गर्दन का दर्द उंगलियों तक पहुंच जाता है, जिससे हाथों में कमजोरी महसूस होती है।
  3. हाथों में कमजोरी: सर्वाइकल पेन में मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होती है, खासकर हाथों में। इससे दैनिक कामों को करना मुश्किल हो जाता है। मांसपेशियों में अनैच्छिक संकुचन भी हो सकता है।
  4. सिर दर्द: यह भी एक आम लक्षण है, खासकर गर्दन के पिछले हिस्से से उठने वाला सिरदर्द। यह सिरदर्द अक्सर तनावपूर्ण होता है और इससे चक्कर आना भी हो सकता है।
  5. झुनझुनी और सुन्नपन: कई बार सर्वाइकल पेन के कारण गर्दन और हाथों में झुनझुनी या सुन्नपन की समस्या देखने को मिलती है। यह स्थिति गंभीर होने पर उंगलियों में कमजोरी का कारण बन सकती है।

सर्वाइकल पेन के कारण (Causes of Cervical Pain) :

Cervical Pain

सर्वाइकल पेन के कई कारण हो सकते हैं। इनमें कुछ बाहरी कारण होते हैं, जैसे काम करने की गलत स्थिति, और कुछ आंतरिक कारण जैसे मांसपेशियों में खिंचाव। आइए, इन कारणों को विस्तार से समझें:

  1. गलत मुद्रा में बैठना: लंबे समय तक खराब स्थिति में बैठने से गर्दन की मांसपेशियों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिससे मांसपेशियों में खिंचाव और दर्द उत्पन्न होता है। खासकर जो लोग ऑफिस में लगातार कंप्यूटर या लैपटॉप के सामने बैठे रहते हैं, उन्हें यह समस्या ज्यादा होती है।
  2. लंबे समय तक मोबाइल या लैपटॉप का उपयोग: लगातार झुककर मोबाइल या लैपटॉप देखने की आदत से गर्दन पर जोर पड़ता है, जिससे मांसपेशियाँ कमजोर हो जाती हैं और दर्द का कारण बनती हैं।
  3. अत्यधिक तनाव: मानसिक तनाव भी मांसपेशियों को प्रभावित कर सकता है। तनाव के कारण गर्दन की मांसपेशियों में अकड़न और संकुचन हो सकता है, जो दर्द का रूप लेता है।
  4. मांसपेशियों में खिंचाव: किसी अचानक गतिविधि या भारी सामान उठाने से गर्दन की मांसपेशियाँ खिंच जाती हैं, जिससे सर्वाइकल पेन हो सकता है।
  5. पर्याप्त नींद न लेना: आराम की कमी से मांसपेशियाँ थकान महसूस करने लगती हैं, जो सर्वाइकल पेन को बढ़ावा देती है। इससे शरीर को पूरी तरह से रिकवर होने का समय नहीं मिलता और दर्द गंभीर हो सकता है।
  6. उम्र के साथ हड्डियों का कमजोर होना: उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर की हड्डियाँ और मांसपेशियाँ कमजोर हो जाती हैं, जिससे गर्दन का दर्द भी बढ़ सकता है। हालांकि, आजकल यह समस्या युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही है।

सर्वाइकल पेन का उपचार (Treatment of Cervical Pain) :

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सर्वाइकल पेन का उपचार उसके कारणों पर निर्भर करता है। सही समय पर उपचार और सतर्कता बरतने से इस समस्या से निजात पाई जा सकती है। निम्नलिखित उपाय सर्वाइकल पेन को दूर करने में सहायक हो सकते हैं:

  1. सही बैठने की स्थिति: यदि सर्वाइकल पेन गलत तरीके से बैठने के कारण हो रहा है, तो अपनी बैठने की मुद्रा में सुधार करना जरूरी है। कंप्यूटर या लैपटॉप का उपयोग करते समय गर्दन और रीढ़ की सीधाई को बनाए रखें। लंबे समय तक बैठे रहने के दौरान नियमित रूप से ब्रेक लें और अपनी गर्दन को हिलाते रहें।
  2. वजन नियंत्रित रखें: अधिक वजन सर्वाइकल पेन की संभावना को बढ़ाता है, इसलिए अपने वजन को नियंत्रित रखना जरूरी है। नियमित व्यायाम और सही खान-पान से वजन को संतुलित रखा जा सकता है।
  3. व्यायाम: नियमित व्यायाम से मांसपेशियों की लचीली क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। गर्दन और कंधों के लिए हल्के व्यायाम करें, जैसे गर्दन की स्ट्रेचिंग, साइड बेंडिंग, और गर्दन घुमाने वाले व्यायाम। इससे मांसपेशियों को आराम मिलेगा और दर्द कम होगा।
  4. फिजियोथेरेपी: यदि दर्द गंभीर हो जाता है, तो चिकित्सक की सलाह से फिजियोथेरेपी की जा सकती है। फिजियोथेरेपी में मांसपेशियों को स्ट्रेच करने और मजबूत करने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जाता है, जिससे दर्द में आराम मिलता है।
  5. गर्म या ठंडे पैक का उपयोग: गर्दन पर गर्म या ठंडे पैक लगाने से दर्द और सूजन में राहत मिलती है। ठंडा पैक दर्द के तीव्र होने पर लगाया जा सकता है, जबकि गर्म पैक मांसपेशियों को आराम देने के लिए फायदेमंद होता है।
  6. दवाइयाँ: यदि दर्द बहुत अधिक होता है, तो चिकित्सक पेनकिलर्स या एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाइयाँ सुझा सकते हैं। हालांकि, इन दवाइयों का सेवन चिकित्सक की सलाह पर ही किया जाना चाहिए।
  7. योग और ध्यान: योग और ध्यान मांसपेशियों को आराम देने और तनाव को कम करने के लिए बहुत प्रभावी होते हैं। सर्वाइकल पेन से निजात पाने के लिए ताड़ासन, भुजंगासन, और शवासन जैसे योगासन लाभकारी होते हैं। ध्यान करने से मानसिक तनाव कम होता है, जो मांसपेशियों की अकड़न को भी कम करता है।

सर्वाइकल पेन से बचाव के उपाय (Prevention Tips From Cervical Pain) :

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  1. सही मुद्रा में बैठें: कंप्यूटर पर काम करते समय अपनी कुर्सी और स्क्रीन की ऊंचाई को इस तरह से सेट करें कि आपकी गर्दन और रीढ़ सीधी रहे। इससे मांसपेशियों पर दबाव कम होता है।
  2. ब्रेक लें: लंबे समय तक एक ही स्थिति में न बैठें। हर 30-40 मिनट में उठकर थोड़ा चलें और गर्दन और कंधों को स्ट्रेच करें।
  3. सही तकिए का उपयोग करें: सोते समय सही तकिए का उपयोग करें, ताकि गर्दन की स्थिति सही बनी रहे। बहुत ऊंचा या बहुत नीचे तकिया इस्तेमाल करने से मांसपेशियों में खिंचाव हो सकता है।
  4. तनाव से दूर रहें: मानसिक तनाव को कम करने के लिए ध्यान और योग का सहारा लें। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को संतुलित रखना बहुत जरूरी है।

निष्कर्ष

सर्वाइकल पेन एक गंभीर समस्या हो सकती है, लेकिन सही समय पर ध्यान देकर और उचित उपाय अपनाकर इससे बचा जा सकता है। गर्दन की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए नियमित व्यायाम करें, सही मुद्रा में बैठें, और तनाव को दूर रखने का प्रयास करें। यदि दर्द गंभीर हो, तो चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।

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