Family Members Death : तार पर तौलिया सुखाने से हादसा
पुणे के दापोड़ी गांव की दिल दहला देने वाली घटना :
पुणे के दौंड तालुका के दापोड़ी गांव में एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जिसमें एक ही Family के तीन सदस्यों की बिजली के करंट से मौत हो गई। यह हादसा सोमवार को हुआ, जब सुरेंद्र देविदास भालेकर (44) ने अपना गीला तौलिया सुखाने के लिए तार पर डाला। तार में करंट आने से सुरेंद्र को जोरदार बिजली का झटका लगा। उनकी पत्नी आदिका सुरेंद्र भालेकर (38) और बेटे प्रसाद सुरेंद्र भालेकर (17) ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्यवश, वे भी करंट की चपेट में आ गए और तीनों की मौत हो गई।
कैसे हुआ हादसा :
मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, भालेकर परिवार टीन की छत वाले घर में रहता था और उनके घर के पास ही बिजली का खंबा था। बारिश और हवा के कारण छत में करंट आ गया था। सुरेंद्र भालेकर सुबह 7 बजे नहाने के बाद अपना तौलिया सुखाने बाहर गए थे। जैसे ही उन्होंने तौलिया तार पर डाला, उन्हें बिजली का झटका लगा। उनकी पत्नी और बेटे ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन वे भी करंट के संपर्क में आ गए और तीनों की मृत्यु हो गई।
परिवार की पहचान :
मृतकों की पहचान सुरेंद्र देविदास भालेकर, उनकी पत्नी आदिका सुरेंद्र भालेकर, और उनके बेटे प्रसाद सुरेंद्र भालेकर के रूप में हुई है। परिवार सोलापुर जिले का रहने वाला था और पिछले पांच साल से दापोड़ी में रह रहा था। सुरेंद्र एक कंस्ट्रक्शन मजदूर थे और आदिका गांव के खेतों में काम करती थीं। उनका बेटा प्रसाद 12वीं कक्षा का छात्र था और ज्वाहरलाल स्कूल से पढ़ाई कर रहा था।
करंट कैसे फैला :
भालेकर परिवार का घर टीन की छत वाला था और उनके घर के पास ही बिजली का खंबा था। बारिश और हवा के कारण छत में करंट आ गया था। तार की प्लास्टिक की परत हट गई थी और कॉपर की तार बाहर आ गई थी, जिससे करंट तार में फैल गया। इस वजह से जब सुरेंद्र ने तौलिया तार पर डाला, उन्हें बिजली का झटका लगा और फिर उनकी पत्नी और बेटे ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन वे भी करंट की चपेट में आ गए।
इस हादसे के वक्त परिवार की बेटी ट्यूशन अटेंड करने गई थी, इसलिए वह बच गई। Family के एक अन्य बेटे ने, जो दूसरे गांव में रहता था, भी इस हादसे में अपनी जान गंवाई।यह हादसा हमें सिखाता है कि बिजली के उपकरणों और तारों की सुरक्षा का ध्यान रखना कितना महत्वपूर्ण है। बारिश के मौसम में विशेषकर, हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि बिजली के तार सुरक्षित हों और उनमें कोई खराबी न हो। यदि तारों में प्लास्टिक की परत हट गई हो या कोई अन्य समस्या हो, तो उसे तुरंत ठीक कराना चाहिए।
प्रशासन की जिम्मेदारी :
इस तरह के हादसे प्रशासन की भी जिम्मेदारी को उजागर करते हैं। बिजली के खंभों और तारों की नियमित जांच होनी चाहिए ताकि इस तरह के हादसों को टाला जा सके। इसके अलावा, लोगों को भी जागरूक किया जाना चाहिए कि वे बारिश के मौसम में बिजली से संबंधित उपकरणों और तारों का सावधानीपूर्वक उपयोग करें।
भालेकर Family के इस हादसे के बाद गांव में शोक की लहर है। उनकी बेटी और अन्य रिश्तेदार इस सदमे से उबरने की कोशिश कर रहे हैं। गांव के लोग उनके साथ खड़े हैं और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।
समापन :
यह दुखद घटना एक महत्वपूर्ण संदेश देती है कि हमें बिजली के उपकरणों और तारों की सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह हादसा न केवल एक Family के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि हमें बिजली की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए और प्रशासन को भी इस दिशा में सक्रिय कदम उठाने चाहिए।
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