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Kalki Dham Mandir Shilanyas 2024 : कालचक्र का परिवर्तन

Kalki Dham Mandir Shilanyas : कालचक्र का परिवर्तन

संभल, उत्तर प्रदेश

भारतीय इतिहास में एक नया युग की शुरुआत का संकेत मिला है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभल में Kalki Dham Mandir Shilanyas  का आयोजन किया। इस घड़ी में, उन्होंने कहा कि कालचक्र बदल गया है और एक नया युग आरंभ हो रहा है।

Kalki Dham Mandir Shilanyas  समारोह में, प्रधानमंत्री ने कहा, “संभल में हो रहे  Kalki Dham Mandir Shilanayas  से हम साकार और निराकार दोनों रूपों में दिव्यता की अद्भुतता को महसूस कर रहे हैं। यह एक नए युग की शुरुआत का संकेत है, जिसमें धार्मिकता, सामाजिक समृद्धि, और राष्ट्रीय एकता की ऊँचाईयों की प्राप्ति होगी।”

कल्कि मंदिर का निर्माण भगवान कल्कि को समर्पित होगा, जिन्हें हिन्दू धर्म में भगवान के अवतार के रूप में माना जाता है। इस मंदिर का निर्माण भव्यता और भक्ति के साथ होगा, जो भक्तों को धार्मिक और आध्यात्मिक साक्षरता की ओर मोड़ने में मदद करेगा।

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर सार्वजनिक भव्य सभा में भी भाषण दिया, जहां उन्होंने देशवासियों से अपने सपनों को साकार करने के लिए एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा, “भगवान की राह में आगे बढ़ने का समय आ गया है। हमें सभी मिलकर एक नए भारत की ओर बढ़ना है, जहां सभी धर्मों का सम्मान हो, और समृद्धि और शांति का वातावरण हो।”

Kalki Dham Mandir Shilanayas  यह महत्वपूर्ण क्षण हमारे समृद्धि और समृद्धि की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल एक धार्मिक स्थल की स्थापना हो रही है, बल्कि एक नए भारत की शुरुआत हो रही है, जो समृद्धि, सामरिक समाज, और समृद्धिशीलता की ऊँचाइयों की दिशा में आगे बढ़े।

“कल्कि धाम” मंदिर परिसर

“कल्कि धाम” मंदिर परिसर के निर्माण कार्य का आयोजन किया गया है, जिसका निर्माण कार्य पांच साल का समय लेगा।

मंदिर परिसर का कुल क्षेत्रफल पांच एकड़ होगा, जिसमें भगवान कल्कि की पूजा और भक्ति के लिए समर्पित आध्यात्मिक स्थल बनेगा। इस मंदिर के शिखर की ऊँचाई 108 फीट होगी, जो धार्मिक आदर्शों और अद्भुतता को दर्शाता है।

इस अद्भूत मंदिर के निर्माण में विशेष बात यह है कि उसमें स्टील और आयरन का इस्तेमाल नहीं होगा। इसके स्थान पर प्राचीन भारतीय वास्तुशास्त्र और भौतिक नैतिकता का मौलिक प्रतिस्थापन किया जाएगा।

निर्माण कार्य के दौरान, मंदिर के शिखर की सुंदरता और ऊँचाइयों के साथ-साथ, प्राकृतिक सामग्री के पुनर्चक्रण को महत्वपूर्ण रूप से ध्यान में रखा जा रहा है।

कल्कि मंदिर के अंदर दस गर्भगृह होंगे, जिनमें भगवान विष्णु के दस अवतारों के विग्रह स्थापित किए जाएंगे। यह एक आध्यात्मिक स्थल होगा, जो धार्मिक उन्नति और भक्ति को प्रोत्साहित करेगा।

धार्मिकता और सामरिक समृद्धि

एक शांति और सामरिक सहयोग की भावना में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, और आचार्य प्रमोद कृष्णम जी को   के दौरान साथ देखा गया। यह घड़ी सामृद्धिक और आध्यात्मिक एकता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।

पूजा का आयोजन एक धार्मिक स्थल पर किया गया था, जहां प्रधानमंत्री मोदी जी, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ जी, और आचार्य प्रमोद कृष्णम जी सामूहिक ध्यान और  Kalki Dham Mandir Shilanayas  पूजा का अवसर साझा कर रहे थे।

इस अद्भूत  Kalki Dham Mandir Shilanayas संयोजन में, वे एक साथ बैठकर आध्यात्मिकता और सामरिक सांस्कृतिकता की महत्वपूर्णता पर चर्चा कर रहे थे। इस Kalki Dham Mandir Shilanayas , वे न केवल एक-दूसरे के साथ बने रहने का आत्म-निर्भरता को महत्वपूर्ण मानते हैं, बल्कि वे यह भी बता रहे हैं कि एक सजीव और सशक्त समृद्धि की दिशा में हमें एकत्र आना हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री मोदी जी ने  Kalki Dham Mandir Shilanayas मौके पर कहा, “धार्मिकता और सामरिक समृद्धि में समानता का महत्व अत्यधिक है। हमें एक-दूसरे के साथ मिलकर समृद्धि की ऊँचाइयों की ओर बढ़ना है।

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