Nipah Virus News : कोरोना जैसी दहशत, मलप्पुरम में आइसोलेशन में 175 लोग, प्रतिबंध और सावधानियां लागू
निपाह वायरस (Nipah Virus) एक ऐसा संक्रमण है जो गंभीर स्वास्थ्य खतरों का कारण बन सकता है। हाल ही में केरल के मलप्पुरम जिले में इस वायरस से 24 वर्षीय युवक की मौत ने एक बार फिर लोगों में डर का माहौल बना दिया है। इस घटना के बाद, केरल सरकार ने तेजी से कदम उठाए हैं और प्रभावित इलाकों में कंटेनमेंट जोन बनाकर कई प्रकार के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। पिछले कुछ वर्षों में निपाह के कई मामलों ने राज्य को चुनौती दी है, और इस बार भी सरकार संक्रमण की रोकथाम के लिए पूरी तरह तैयार है।
निपाह वायरस (Nipah Virus) : क्या है और कैसे फैलता है?
निपाह वायरस एक जेनेटिक वायरस है, जिसका मतलब है कि यह जानवरों से मनुष्यों में फैलता है। यह वायरस मुख्य रूप से चमगादड़ों से फैलता है, लेकिन संक्रमित सूअरों से भी यह मनुष्यों में आ सकता है। निपाह का पहला मामला 1998 में मलेशिया में सूअरों से फैला था। भारत में इस वायरस का प्रकोप मुख्य रूप से केरल में देखने को मिला है।
लक्षण और प्रभाव :
निपाह वायरस के लक्षण आमतौर पर बुखार, सिरदर्द, उल्टी, सांस लेने में कठिनाई और मस्तिष्क में सूजन के रूप में प्रकट होते हैं। इससे संक्रमित व्यक्ति में न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी देखी जा सकती हैं, जिनसे व्यक्ति कोमा में जा सकता है और मृत्यु भी हो सकती है। यह वायरस सीधे संपर्क, संक्रमित व्यक्ति की लार, खून, या अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलता है।
केरल में निपाह वायरस (Nipah Virus) का प्रकोप :
केरल राज्य में निपाह वायरस का प्रकोप कई बार देखा गया है। 2018, 2021 और 2023 में कोझीकोड जिले में इस वायरस के कई मामले सामने आए थे, और 2019 में एर्नाकुलम जिले में भी इसका प्रकोप हुआ था। हाल ही में 9 सितंबर 2024 को मलप्पुरम जिले में 24 वर्षीय युवक की मौत के बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने आपातकालीन कदम उठाए हैं।
मलप्पुरम में सरकार के कदम और कंटेनमेंट जोन :
मलप्पुरम जिले के दो पंचायतों के पांच वार्डों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाया गया है और दुकानों को शाम 7 बजे तक बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, सिनेमा हॉल, स्कूल, कॉलेज, मदरसे, आंगनवाड़ी और ट्यूशन सेंटर भी बंद कर दिए गए हैं ताकि संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके। अधिकारियों ने लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने की सलाह दी है।
शादी और अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में भी मेहमानों की संख्या सीमित कर दी गई है। ऐसे में लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे बड़ी भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें और सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें।
आइसोलेशन और संपर्क ट्रेसिंग :
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने पुष्टि की है कि मृतक युवक की संपर्क सूची में 175 लोग हैं, जिनमें से 74 स्वास्थ्यकर्मी हैं। सभी को आइसोलेशन में रखा गया है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमित युवक के घर के तीन किलोमीटर के दायरे में बुखार का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। 66 टीमों को इस काम में लगाया गया है ताकि जल्द से जल्द लक्षणों का पता लगाया जा सके और संक्रमितों को आइसोलेट किया जा सके।
निपाह वायरस (Nipah Virus) से जुड़ी सावधानियां :
सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई सावधानियों का पालन करना बेहद जरूरी है। जिन लोगों में निपाह के लक्षण दिखाई दें, उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा, संक्रमित क्षेत्रों में जानवरों, विशेष रूप से चमगादड़ों और सूअरों के संपर्क में आने से बचना चाहिए। खाने-पीने की वस्तुओं को अच्छी तरह से धोकर और पकाकर खाना चाहिए, खासकर उन इलाकों में जहां निपाह वायरस फैलने का खतरा हो।
निपाह वायरस की वैक्सीन अभी तक उपलब्ध नहीं है, इसलिए इससे बचने के लिए सावधानी ही सबसे बड़ा उपाय है। केरल सरकार ने इससे निपटने के लिए विशेष अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड तैयार किए हैं। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। बुखार का सर्वेक्षण और संपर्क ट्रेसिंग तेजी से हो रही है ताकि संक्रमण की चेन को जल्द से जल्द तोड़ा जा सके।
चमगादड़ों में एंटीबॉडी की मौजूदगी :
कोझीकोड, वायनाड, इडुक्की, मलप्पुरम और एर्नाकुलम जिलों में चमगादड़ों में निपाह वायरस एंटीबॉडी की मौजूदगी पाई गई है। इससे यह साफ हो जाता है कि इन क्षेत्रों में निपाह वायरस के फैलने का खतरा लगातार बना हुआ है। इस कारण से सरकार इन इलाकों में विशेष सतर्कता बरत रही है।
इस संकट के समय में सरकार और नागरिकों का सहयोग ही संक्रमण को रोकने का सबसे बड़ा उपाय है। सरकार द्वारा लागू किए गए प्रतिबंधों का पालन करना और सावधानी बरतना ही हमें इस खतरे से बचा सकता है। मास्क पहनना, हाथों की सफाई, सामाजिक दूरी और अन्य सावधानियों का पालन करना बेहद जरूरी है। इसके अलावा, बड़ी सभाओं और समारोहों से बचना भी संक्रमण के फैलाव को रोकने में मदद करेगा।
निपाह वायरस और कोरोना वायरस में समानता और अंतर :
निपाह वायरस और कोरोना वायरस दोनों ही जेनेटिक वायरस हैं, यानी ये जानवरों से मनुष्यों में फैलते हैं। हालांकि, दोनों वायरस के लक्षण और प्रभाव अलग-अलग होते हैं। कोरोना वायरस मुख्य रूप से सांस से संबंधित समस्याओं का कारण बनता है, जबकि निपाह वायरस मस्तिष्क में सूजन का कारण बन सकता है। इसके अलावा, कोरोना वायरस के लिए वैक्सीन उपलब्ध है, जबकि निपाह वायरस के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं है। यही कारण है कि निपाह वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है।
निष्कर्ष :
निपाह वायरस (Nipah Virus) का खतरा बेहद गंभीर है और इससे बचने के लिए पूरी सतर्कता बरतनी होगी। केरल सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा उठाए गए कदम सही दिशा में हैं, लेकिन नागरिकों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे सावधानियों का पालन करें। मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और भीड़भाड़ वाली जगहों से बचना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जरूरी है। निपाह वायरस से निपटने के लिए हमें सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है ताकि हम इस संकट से सुरक्षित निकल सकें।
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