Parveen Babi Last Interview : अमिताभ बच्चन को अवार्ड एक बहुत बड़ा जोक , मचाई सनसनी
Parveen Babi , हिंदी सिनेमा की सबसे चमकदार अदाकाराओं में से एक, अपने आखिरी दिनों में बेहद संघर्ष और मानसिक तकलीफों से गुजर रही थीं। परवीन बाबी ऐसी एक्ट्रेस थीं, जो हाइट, लुक्स और स्वैग में अमिताभ बच्चन से काफी मेल खाती थी. यही वजह थी कि दोनों की जोड़ी दर्शकों को भी बहुत पसंद आती थी। उनकी जिंदगी की यह कहानी उस इंटरव्यू की है जिसमें उन्होंने अपने जीवन की मुश्किलों और अमिताभ बच्चन को मिले ‘सदी के महानायक’ अवॉर्ड पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी।
इंटरव्यू की पृष्ठभूमि :
यह कहानी 2000 के दशक की शुरुआत की है। सदी के बदलते ही अमिताभ बच्चन को ‘सदी के महानायक’ के खिताब से नवाजा गया था। शेखर सुमन ने अपने मशहूर टॉक शो ‘सिम्पली शेखर’ में परवीन बाबी को आमंत्रित किया। Parveen Babi का मानसिक स्वास्थ्य उस समय बहुत खराब था, लेकिन उन्होंने इस शो में आने का निर्णय लिया।
शेखर सुमन ने परवीन बाबी का स्वागत किया और उनके करियर के शानदार पलों की याद दिलाई। शो की शुरुआत में माहौल खुशनुमा था, लेकिन शेखर सुमन के एक सवाल ने पूरी बातचीत का रुख बदल दिया। उन्होंने परवीन बाबी से पूछा, “आपके लिए सबसे बड़ा मजाक क्या है?”
परवीन बाबी का जवाब :
Parveen Babi का जवाब बेहद चौंकाने वाला था। उन्होंने कहा, “अमिताभ बच्चन का ‘स्टार ऑफ द मिलेनियम’ के लिए नॉमिनेट होना सबसे बड़ा जोक है।” उनकी बात सुनकर सभी चौंक गए। परवीन बाबी ने आगे कहा, “मर्लिन ब्रांडो, एल्विस प्रेसेली जैसे स्टार्स हैं। इतने लिविंग लेजेंड्स होने के बाद भी अमिताभ बच्चन को यह अवॉर्ड मिलना शॉकिंग है।”
शो में बैठे दर्शकों और शेखर सुमन के चेहरे पर भी हैरानी साफ झलक रही थी। यह प्रतिक्रिया न केवल अप्रत्याशित थी, बल्कि इसमें उनकी मानसिक स्थिति का भी स्पष्ट संकेत मिला।
परवीन बाबी का संघर्ष :
इस इंटरव्यू के दौरान परवीन बाबी की मानसिक स्थिति बेहद अस्थिर थी। वह पैरानॉइड शिजोफ्रेनिया से पीड़ित थीं, जिसके कारण उन्हें कई मानसिक और शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ा। उनके जीवन के आखिरी दिन अकेलेपन और तकलीफों से भरे थे।
परवीन बाबी के इस इंटरव्यू के बाद कई सवाल खड़े हुए। उनकी बातें और आरोप इस बात का प्रमाण थे कि वह मानसिक रूप से कितनी अस्थिर थीं। इस इंटरव्यू ने उनके जीवन की त्रासदी और उनके संघर्षों को उजागर किया।
इंटरव्यू का असर :
परवीन बाबी के इस बयान के बाद मीडिया में हलचल मच गई। अमिताभ बच्चन जैसे महानायक पर ऐसे आरोप लगाना किसी भी लिहाज से साधारण नहीं था। लोगों ने इस बात को परवीन बाबी की मानसिक स्थिति के संदर्भ में देखा और इसे उनके व्यक्तिगत संघर्ष का हिस्सा माना।
परवीन बाबी का आखिरी समय :
Parveen Babi का जीवन संघर्षों से भरा था। पैरानॉइड शिजोफ्रेनिया के साथ-साथ उन्हें डायबिटीज और ऑस्टियोपोरोसिस भी हो गया था। उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। इस कठिन समय में फिल्म मेकर महेश भट्ट ने उनका साथ दिया और उनकी देखभाल की।
20 जनवरी 2005 को परवीन बाबी का निधन हो गया। उनकी मौत के बाद, उनके जीवन की कहानियां और संघर्ष सुर्खियों में आए। उन्होंने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन उनकी अदाकारी और योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
परवीन बाबी का यह इंटरव्यू उनकी जिंदगी की कठिनाइयों और मानसिक संघर्षों का प्रतीक था। उनकी कहानी एक संघर्षपूर्ण जीवन की कहानी है, जिसमें सफलता और असफलता दोनों का मिश्रण है। यह इंटरव्यू हमें यह याद दिलाता है कि बाहरी चमक-धमक के पीछे कितनी गहरी तकलीफें और संघर्ष हो सकते हैं। परवीन बाबी की यादें और उनके अभिनय के क्षण हमेशा सिनेप्रेमियों के दिलों में बसे रहेंगे। उनकी कहानी एक प्रेरणा है कि जीवन के संघर्षों का सामना कैसे किया जाए और अपनी पहचान कैसे बनाई जाए।
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