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Stroke Connection With Blood Group : स्ट्रोक और ब्लड ग्रुप के बीच अनोखा कनेक्शन , कहीं आपका ब्लड ग्रुप आपको स्ट्रोक के जोखिम में तो नहीं डाल रहा?

Stroke Connection With Blood Group : स्ट्रोक और ब्लड ग्रुप के बीच अनोखा कनेक्शन , कहीं आपका ब्लड ग्रुप आपको स्ट्रोक के जोखिम में तो नहीं डाल रहा?

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ब्लड ग्रुप और स्वास्थ्य का गहरा नाता:
Stroke Connection With Blood Group : मानव शरीर के विभिन्न अंगों और प्रणालियों के सुचारु रूप से कार्य करने के लिए रक्त (ब्लड) महत्वपूर्ण होता है। रक्त का वर्गीकरण उसके समूह (Blood Group) के आधार पर होता है, जो कि हर इंसान का अलग होता है। ब्लड ग्रुप न केवल व्यक्ति के शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता को प्रभावित करता है, बल्कि कई बीमारियों के जोखिम को भी बढ़ाता है।

हाल ही में हुए अध्ययनों से पता चला है कि कुछ विशेष ब्लड ग्रुप्स में समय से पहले स्ट्रोक (Stroke) होने की संभावना अधिक होती है। यह जानकारी उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जिनका ब्लड ग्रुप ‘A’ है, क्योंकि उनके लिए स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

ब्लड ग्रुप और स्ट्रोक (Stroke) का अध्ययन:

2022 में एक व्यापक शोध किया गया, जिसमें यह पता लगाने की कोशिश की गई कि कौन-से ब्लड ग्रुप्स में जल्दी स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है और इसका कारण क्या हो सकता है। इस शोध में 17,000 स्ट्रोक पीड़ितों और 6 लाख से अधिक स्वस्थ व्यक्तियों का डेटा लिया गया, जिनकी उम्र 18 से 59 साल के बीच थी। इस अध्ययन में जीनोम-वाइड (Genome-Wide) खोज की गई, जिसमें शोधकर्ताओं ने दो ऐसे स्थान पहचाने जो जल्दी स्ट्रोक के जोखिम से जुड़े थे। इनमें से एक स्थान वही था जहां ब्लड ग्रुप निर्धारित करने वाला जीन मौजूद था।

ब्लड ग्रुप ‘A’ वालों में स्ट्रोक (Stroke) का बढ़ता खतरा:

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शोधकर्ताओं ने यह पाया कि जिन लोगों का ब्लड ग्रुप ‘A’ था, उनमें 60 साल से पहले स्ट्रोक होने का खतरा 16% अधिक था। वहीं, जिनका ब्लड ग्रुप ‘O’ था, उनमें यह खतरा 12% कम पाया गया। यह निष्कर्ष यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के सीनियर शोधकर्ता और वस्कुलर न्यूरोलॉजिस्ट स्टीवन किटनर द्वारा साझा किए गए। उन्होंने बताया कि ब्लड ग्रुप ‘A’ वाले लोगों के शरीर में ब्लड क्लॉट (थक्के) बनने की संभावना अधिक होती है, जो स्ट्रोक का एक बड़ा कारण हो सकता है।

ब्लड क्लॉट और ब्लड ग्रुप का संबंध:

विशेषज्ञों के अनुसार, ब्लड ग्रुप ‘A’ वाले व्यक्तियों के रक्त में प्लेटलेट्स, नसों की दीवारों और अन्य प्रोटीन घटकों की वजह से ब्लड क्लॉट्स बनने की अधिक संभावना होती है। जब ब्लड क्लॉट्स बनते हैं, तो वे रक्त के प्रवाह को रोक सकते हैं, जिसके कारण मस्तिष्क तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते, और यह स्थिति स्ट्रोक को जन्म दे सकती है। स्ट्रोक एक ऐसी गंभीर स्थिति है, जिसमें मस्तिष्क के हिस्से को क्षति पहुंच सकती है, और यह स्थायी विकलांगता या मृत्यु का कारण भी बन सकता है।

स्ट्रोक (Stroke) के प्रकार और उनके कारण:

स्ट्रोक मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:

  1. इस्केमिक स्ट्रोक (Ischemic Stroke): इस प्रकार के स्ट्रोक में मस्तिष्क की नसों में रुकावट के कारण रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है। यह स्थिति आमतौर पर रक्त के थक्कों के कारण उत्पन्न होती है।
  2. हेमरेजिक स्ट्रोक (Hemorrhagic Stroke): इसमें मस्तिष्क की नसों के फटने से रक्तस्राव होता है। यह स्थिति रक्तचाप के बढ़ने या नसों की कमजोर दीवारों के कारण हो सकती है।

ब्लड ग्रुप ‘O’ और स्ट्रोक (Stroke) का कम खतरा:

शोध में यह भी पाया गया कि जिन लोगों का ब्लड ग्रुप ‘O’ था, उनमें स्ट्रोक का खतरा अन्य ब्लड ग्रुप्स के मुकाबले कम था। ब्लड ग्रुप ‘O’ वाले व्यक्तियों में ब्लड क्लॉट्स बनने की संभावना कम होती है, जिससे मस्तिष्क तक रक्त का प्रवाह सामान्य रूप से होता रहता है। इसके कारण, इनमें स्ट्रोक का जोखिम अपेक्षाकृत कम होता है।

उम्र और ब्लड ग्रुप का प्रभाव:

शोध से यह भी पता चला कि ब्लड ग्रुप का प्रभाव उम्र के साथ बदल सकता है। जिन व्यक्तियों को 60 साल के बाद स्ट्रोक हुआ, उनमें ब्लड ग्रुप ‘A’ से जुड़ा जोखिम कम हो गया था। यह सुझाव देता है कि ब्लड ग्रुप और स्ट्रोक का संबंध उम्र के साथ बदलता है, और उम्र बढ़ने के साथ अन्य जोखिम कारक भी प्रभाव डाल सकते हैं, जैसे कि हाई ब्लड प्रेशर, मधुमेह, और जीवनशैली।

खुद को सुरक्षित रखने के उपाय:

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हालांकि, ब्लड ग्रुप अपने आप में एक बड़ा जोखिम कारक नहीं हो सकता, लेकिन यह कुछ लोगों के लिए अतिरिक्त सतर्कता की जरूरत जरूर दर्शाता है। जो लोग हाई-रिस्क ब्लड ग्रुप, खासकर ‘A’ ग्रुप के हैं, उन्हें समय-समय पर मेडिकल चेकअप करवाना चाहिए। इसके अलावा, निम्नलिखित उपायों से स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सकता है:

  1. स्वस्थ आहार का पालन करें: संतुलित और पौष्टिक भोजन जैसे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसा वाले खाद्य पदार्थ का सेवन करें। इससे ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
  2. नियमित व्यायाम करें: हफ्ते में कम से कम 150 मिनट तक एरोबिक एक्सरसाइज करें। यह हृदय को स्वस्थ रखने और ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है।
  3. धूम्रपान से बचें: धूम्रपान रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और स्ट्रोक का खतरा बढ़ाता है।
  4. अत्यधिक शराब का सेवन न करें: शराब के अत्यधिक सेवन से हाई ब्लड प्रेशर और दिल से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
  5. तनाव को नियंत्रित करें: योग, ध्यान और अन्य तनाव-मुक्ति तकनीकों का सहारा लें। तनाव स्ट्रोक का बड़ा कारण हो सकता है।
  6. नियमित ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग करें: हाई ब्लड प्रेशर को “साइलेंट किलर” कहा जाता है, क्योंकि यह बिना लक्षणों के भी खतरनाक हो सकता है। नियमित मॉनिटरिंग से इसे नियंत्रण में रखा जा सकता है।

निष्कर्ष:

ब्लड ग्रुप और स्ट्रोक के बीच का संबंध हमें यह दिखाता है कि हमारी जेनेटिक संरचना और स्वास्थ्य के बीच एक मजबूत कड़ी होती है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ब्लड ग्रुप अकेला स्ट्रोक का कारण नहीं है। जीवनशैली, आहार, व्यायाम और अन्य जोखिम कारक भी स्ट्रोक की संभावना को बढ़ा सकते हैं। इसलिए, अगर आपका ब्लड ग्रुप ‘A’ है, तो आपको खासतौर पर अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए और समय-समय पर डॉक्टर से सलाह लेते रहना चाहिए।

Disclaimer:
प्रिय पाठक, इस लेख का उद्देश्य आपको स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्रदान करना है, लेकिन यह चिकित्सकीय परामर्श का विकल्प नहीं है। कृपया कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने डॉक्टर या किसी योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लें।

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